अभिलेखागार और पुरातत्व निदेशालय (DAA), गोवा सरकार ने भारत में उन्नत पुरावशेष प्रबंधन प्रणाली (AAMS) का उद्घाटन किया, जो पुरावशेषों के भंडारण के लिए भारत में अपनी तरह की पहली सुविधा है।
- AAMS 8 ट्रे के साथ एक विशाल कंटेनर है जिसमें 350Kg की क्षमता के साथ प्रत्येक को DDA, पणजी, गोवा में रखा गया है।
- इसे महाराष्ट्र के पुणे में I-Tech बिजनेस सॉल्यूशंस के शैलेन्द्र फाटक द्वारा 27 लाख रुपये की लागत से विकसित किया गया था।
उद्देश्य:
ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण वस्तुओं के बेहतर संरक्षण को सुनिश्चित करना।
विशेषताएं:
i.AAMS ने पुरावशेषों के बारे में जानकारी एकत्र की और सॉफ्टवेयर का उपयोग करके पुरावशेषों के बारे में जानकारी का एक पुस्तकालय बनाए रखा, जो औद्योगिक उपकरणों के लिए उपयोग किया जाता था।
ii.अब तक यह प्रणाली ऑफ़लाइन उपलब्ध है और इसे दूरस्थ रूप से एक्सेस नहीं किया जा सकता है।
प्रणाली में पुरावशेष:
i.वर्तमान में, इस सुविधा का डेटाबेस 83 पुरावशेषों की जानकारी प्रदान करता है।
ii.इसके पास उत्तरी गोवा में एक झरने के नीचे 12 मूर्तियां और 13वीं शताब्दी के मंदिरों की वस्तुएँ भी हैं।
iii.अलोर्ना फोर्ट में 18वीं शताब्दी के पुरावशेष मिले हैं।
लाभ:
i.इस सुविधा से स्टोरेज स्पेस को सीमित करके DAA को फायदा होगा।
ii.यह प्राचीन वस्तुओं को धूल के प्रभाव से भी बचाएगा और तापमान नियंत्रित करेगा।
हाल के संबंधित समाचार:
9 अक्टूबर, 2020 को गोवा ने केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन (JJM) के तहत देश का पहला ‘हर घर जल’ राज्य बन गया है जो कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) में 100% नल जल कनेक्शन प्रदान करके 10 लाख घरों को कवर कर रहा है। इस राज्य ने समय से पहले यानी 2021 तक लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।
अभिलेखागार और पुरातत्व निदेशालय (DAA), गोवा के बारे में:
गोवा में अभिलेखागार और पुरातत्व निदेशालय (DAA) भारत का सबसे पुराना अभिलेखागार है।
स्थापना- 25 फरवरी 1595