i.9 अगस्त, 2024 को भारत के प्रधान मंत्री (PM) नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है,
- “प्रधानमंत्री JI-VAN (जैव ईंधन-जलवायु प्रदूषण अनुकूल फसल अपशिष्ट निवारण) योजना” में संशोधन।
- प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 योजना।
- वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) से 2028-29 (FY29) के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY-G) का कार्यान्वयन।
- बागवानी के एकीकृत विकास मिशन के तहत स्वच्छ संयंत्र कार्यक्रम।
PM मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCEA) ने रेल मंत्रालय (MoR) की 8 परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिनकी कुल अनुमानित लागत ~ 24,657 करोड़ रुपये है।
मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री JI-VAN योजना में संशोधन को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री JI-VAN योजना में संशोधन को मंजूरी दे दी है, जिससे इसकी कार्यान्वयन समयसीमा 5 साल बढ़कर 2028-29 हो गई है।
- इस योजना को PM G-VAN /PM G-वन (जैव ईंधन-पर्यावरण अनुसंधान फसल अवशेष निवारण) योजना भी कहा जाता है।
- संशोधित योजना कृषि अवशेषों, वानिकी अपशिष्ट, औद्योगिक अपशिष्ट, सिंथेटिक गैस, शैवाल आदि जैसे विभिन्न लिग्नोसेल्यूलोसिक फीडस्टॉक्स से उन्नत जैव ईंधन को शामिल करने के लिए अपने दायरे का विस्तार करती है और जैव ईंधन क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों का समर्थन करती है।
उद्देश्य:
कृषि अवशेषों के लिए किसानों को आय प्रदान करना, पर्यावरण प्रदूषण को कम करना और स्थानीय रोजगार सृजित करना।
मुख्य बिंदु:
i.‘बोल्ट ऑन’ संयंत्र और ‘ब्राउनफील्ड परियोजनाएँ’ अब व्यवहार्यता बढ़ाने और अनुभव का लाभ उठाने के लिए योजना के अंतर्गत पात्र हैं।
ii.नई प्रौद्योगिकियों और नवीन दृष्टिकोणों का उपयोग करने वाली परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
iii.यह योजना भारत की ऊर्जा सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और मेक इन इंडिया मिशन को मजबूत करती है, साथ ही इसके 2070 के शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य और एक स्थायी ऊर्जा क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता का समर्थन करती है।
पृष्ठभूमि:
i.प्रधानमंत्री JI-VAN योजना को मार्च 2019 में अधिसूचित किया गया था, ताकि दूसरी पीढ़ी (2G) बायो-इथेनॉल परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके।
ii.योजना के लिए कुल वित्तीय परिव्यय 2018-19 से 2023-24 की अवधि के लिए 1969.50 करोड़ रुपये है।
iii.पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoP&NG) के तत्वावधान में एक तकनीकी निकाय, उच्च प्रौद्योगिकी केंद्र (CHT) इसकी कार्यान्वयन एजेंसी है।
मुख्य बिंदु:
i.भारत सरकार ने इथेनॉल ब्लेंड पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (OMC) के माध्यम से पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को आगे बढ़ाया है, जिससे मिश्रण प्रतिशत 2013-14 में 1.53% से बढ़कर जुलाई 2024 तक 15.83% हो गया है, जिसका लक्ष्य 2025-26 तक 20% है।
ii.इस लक्ष्य के लिए 1100 करोड़ लीटर से अधिक इथेनॉल और 1750 करोड़ लीटर आसवन क्षमता की आवश्यकता है।
iii.इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) द्वारा पहला 2G इथेनॉल प्लांट 2022 में हरियाणा के पानीपत में खोला गया, इसके अलावा भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) द्वारा बरगढ़ ओडिशा, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) द्वारा बठिंडा पंजाब और नुमालीगढ़, असम में नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (NRL) द्वारा अतिरिक्त परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
मंत्रिमंडल ने PMAY-U 2.0 योजना को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले 5 वर्षों यानी FY25 से FY29 तक 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को किफायती आवास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) 2.0 को मंजूरी दी है, जिसमें 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश और 2.30 लाख करोड़ रुपये का सरकारी आवंटन है।
- यह सहायता राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (UT)/उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (PLI) के माध्यम से किफायती घरों के निर्माण, खरीद या किराए पर देने के लिए प्रदान की जाएगी।
मुख्य बिंदु:
i.कुल मिलाकर, इस योजना का लक्ष्य 3 करोड़ नए मकानों का निर्माण करना है, जिसमें 2 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में और 1 करोड़ शहरी क्षेत्रों में होंगे, जिसकी लागत 3,60,000 करोड़ रुपये होगी।
ii.आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG), मध्यम आय वर्ग (MIG) के वे परिवार जिनके पास भारत में कहीं भी पक्का मकान नहीं है, वे इस योजना के लिए पात्र हैं।
- EWS के लिए वार्षिक आय सीमा 3 लाख रुपये, LIG के लिए 3-6 लाख रुपये और MIG परिवारों के लिए 6-9 लाख रुपये तक है।
iii.केंद्रीय मंत्रिमंडल ने PMAY-U 2.0 के तहत 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ 3 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण और शहरी परिवारों के लिए सहायता को मंजूरी दी, जिसका ध्यान 1 करोड़ परिवारों की आवास आवश्यकताओं पर केंद्रित है।
iv.क्रेडिट रिस्क गारंटी फंड ट्रस्ट (CRGFT) कोष को तीन गुना बढ़ाकर 3,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो EWS और LIG परिवारों के लिए किफायती आवास ऋण का समर्थन करता है।
- निधि का प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) से राष्ट्रीय ऋण गारंटी कंपनी (NCGTC) में स्थानांतरित हो जाएगा।
पृष्ठभूमि:
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) के तहत 2015 में शुरू की गई PMAY-U का उद्देश्य पात्र लाभार्थियों को भारत के शहरी क्षेत्रों में सभी मौसम के अनुकूल पक्के घर उपलब्ध कराना है। आज तक 1.18 करोड़ घरों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 85.5 लाख से अधिक लाभार्थियों को पहले ही वितरित किए जा चुके हैं।
PMAY-U के बारे में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
मंत्रिमंडल ने FY 2024-25 से 2028-29 के दौरान PMAY-G के कार्यान्वयन को मंज़ूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने FY25 से FY29 के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY-G) के कार्यान्वयन को मंज़ूरी दे दी है, जिसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में 2 करोड़ अतिरिक्त घर बनाना है, जिसका कुल परिव्यय 3,06,137 करोड़ रुपये है, जिसमें 2,05,856 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा और 1,00,281 करोड़ रुपये का राज्य मिलान हिस्सा शामिल है।
मुख्य बिंदु:
i.मैदानी क्षेत्रों में प्रति घर 1.20 लाख रुपये और पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश (HP), उत्तराखंड, UT जम्मू और कश्मीर (J&K) और लद्दाख में 1.30 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
ii.राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (NITI) आयोग द्वारा मूल्यांकन के बाद यह योजना मार्च 2026 से आगे भी जारी रह सकती है।
iii.पिछले चरण के 35 लाख घर FY25 में पूरे हो जाएंगे।
iv.इन घरों के निर्माण से लगभग 10 करोड़ लोगों को लाभ होगा, जिससे जीर्ण-शीर्ण या कच्चे घरों में रहने वालों के लिए सुरक्षा, स्वच्छता और सामाजिक समावेश सुनिश्चित होगा।
पृष्ठभूमि:
i.ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) ग्रामीण क्षेत्रों में “सभी के लिए आवास” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 1 अप्रैल, 2016 से PMAY-G को लागू कर रहा है।
ii.इस योजना का लक्ष्य मार्च 2024 तक चरणों में बुनियादी सुविधाओं के साथ 2.95 करोड़ घरों का निर्माण करना है।
PMAY-G के बारे में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
मंत्रिमंडल ने बागवानी के एकीकृत विकास मिशन के तहत 1,766 करोड़ रुपये के CPP को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (MoAFW) द्वारा प्रस्तावित स्वच्छ पौध कार्यक्रम (CPP) को 1,765.67 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मंजूरी दे दी है।
- इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के सहयोग से राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा बागवानी के एकीकृत विकास मिशन (MIDH) के तहत लागू किया जाएगा।
- इसका उद्देश्य पूरे भारत में 9 अत्याधुनिक स्वच्छ पौध केंद्रों (CPC) के माध्यम से फलों और सब्जियों की फसलों के लिए वायरस मुक्त रोपण सामग्री विकसित करना है।
CPC की स्थापना:
9 CPC उन्नत निदान चिकित्सा विज्ञान और ऊतक संवर्धन प्रयोगशालाओं से सुसज्जित होंगे, तथा बड़े पैमाने पर प्रसार के लिए वायरस मुक्त रोपण सामग्री बनाए रखेंगे। इनमें शामिल हैं
- अंगूर (राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र (NRC), पुणे, महाराष्ट्र)।
- शीतोष्ण फल – सेब, बादाम, अखरोट आदि। (केंद्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान (CITH) श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर (J&K) और मुक्तेश्वर, उत्तराखंड)।
- खट्टे फल (केंद्रीय खट्टे फल अनुसंधान संस्थान (CCRI), नागपुर, महाराष्ट्र; और केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान (CIAH), बीकानेर, राजस्थान)
- आम/अमरूद (भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (IIHR), बेंगलुरु, कर्नाटक)
- आम/अमरूद/लीची (केंद्रीय उपोष्णकटिबंधीय बागवानी संस्थान (CISH), लखनऊ, उत्तर प्रदेश)
- अनार (NRC, शोलापुर, महाराष्ट्र)
- पूर्वी भारत में उष्णकटिबंधीय/उपोष्णकटिबंधीय फल।
मुख्य बिंदु:
i.पौध सामग्री उत्पादन और बिक्री में जवाबदेही के लिए बीज अधिनियम 1966 के तहत एक मजबूत प्रमाणन और नियामक ढांचा स्थापित किया जाएगा।
ii.बड़े पैमाने की नर्सरियों को स्वच्छ रोपण सामग्री को कुशलतापूर्वक बढ़ाने के लिए बुनियादी ढाँचा समर्थन प्राप्त होगा।
iii.इसका लाभ फसल की पैदावार और आय को बढ़ावा देने के लिए वायरस मुक्त सामग्री तक पहुँच होगी, और यह उच्च गुणवत्ता वाले, रोग मुक्त फल वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति को मजबूत करेंगे।
मंत्रिमंडल ने भारतीय रेलवे में 8 नई लाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने PM-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत 24,657 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली रेल मंत्रालय की आठ रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। ये परियोजनाएँ कनेक्टिविटी और गतिशीलता को बढ़ाएँगी, और रेलवे नेटवर्क को 900 किलोमीटर तक बढ़ाएँगी।
मुख्य बिंदु:
i.8 परियोजनाएँ 7 राज्यों: ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश (AP), झारखंड, बिहार, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल (WB) के 14 जिलों में फैली हुई हैं।
ii.इस परियोजना के तहत 64 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे 6 आकांक्षी जिलों: पूर्वी सिंहभूम, भदाद्रीकोठागुडेम, मलकानगिरी, कालाहांडी, नबरंगपुर, रायगढ़ा को कनेक्टिविटी मिलेगी।
iii.इस परियोजना के तहत, UNESCO (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) विश्व धरोहर स्थल अजंता गुफाओं को भी भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
iv.इस विस्तार से विभिन्न वस्तुओं के परिवहन में सहायता मिलेगी और माल ढुलाई क्षमता में 143 MTPA (मिलियन टन प्रति वर्ष) की वृद्धि होगी।
v.बढ़े हुए रेल नेटवर्क से तेल आयात में 32.20 करोड़ लीटर की कमी आएगी, CO2 (कार्बन डाइऑक्साइड) उत्सर्जन में 0.87 मिलियन टन की कमी आएगी और 3.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर बचत करके जलवायु लक्ष्यों में योगदान मिलेगा।
नई 8 रेलवे लाइनों की सूची:
नई रेलवे लाइन मार्ग | लाइन की लंबाई (km) | जिलों को कवर किया | राज्यों |
---|---|---|---|
गुनुपुर-थेरुबली (नई लाइन) | 73.62 | रायगड़ा | ओडिशा |
जूनागढ़-नबरंगपुर | 116.21 | कालाहांडी & नबरंगपुर | ओडिशा |
बादामपहाड़ – कंदुझारगढ़ | 82.06 | क्योंझर & मयूरभंज | ओडिशा |
बंगरीपोसी – गोरुमहिसानी | 85.60 | मयूरभंज | ओडिशा |
मलकानगिरी – पांडुरंगपुरम (भद्राचलम के रास्ते) | 173.61 | मलकानगिरी, पूर्वी गोदावरी और भद्राद्री कोठागुडेम | ओडिशा, AP & तेलंगाना |
बुरामारा – चाकुलिया | 59.96 | पूर्वी सिंहभूम, झारग्राम & मयूरभंज | झारखंड, WB & ओडिशा |
जालना – जलगांव | 174 | औरंगाबाद | महाराष्ट्र |
बिक्रमशिला – कटारेह | 26.23 | भागलपुर | बिहार |
रेल मंत्रालय (MoR) के बारे में:
केंद्रीय मंत्री– अश्विनी वैष्णव (निर्वाचन क्षेत्र- बादशाहपुर, उड़ीसा)
राज्य मंत्री (MoS)- V. सोमन्ना (निर्वाचन क्षेत्र- बेंगलुरु, कर्नाटक), रवनीत सिंह (निर्वाचन क्षेत्र- लुधियाना, पंजाब)