विश्व जैव ईंधन दिवस प्रतिवर्ष 10 अगस्त को दुनिया भर में पारंपरिक जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में गैर-जीवाश्म ईंधन के महत्व और मुख्यता के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है।
जैव ईंधन ऊर्जा के नवीकरणीय, बायोडिग्रेडेबल और टिकाऊ स्रोत हैं जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम कर सकते हैं और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा दे सकते हैं।
भारत में विश्व जैव ईंधन दिवस:
i.2015 से भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) द्वारा विश्व जैव ईंधन दिवस मनाया जा रहा है।
ii.यह दिन जैव ईंधन क्षेत्र में सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालता है।
iii.MoPNG के तत्वावधान में तेल और गैस कंपनियाँ विश्व जैव ईंधन दिवस को “बायोफ्युल्स फॉर सस्टेनेबिलिटी एंड रुरल इनकम” विषय के साथ मनाती हैं।
पृष्ठभूमि:
i.विश्व जैव ईंधन दिवस डीजल इंजन के आविष्कारक सर रुडोल्फ क्रिश्चियन कार्ल डीजल को सम्मानित करता है, जिन्होंने 9 अगस्त 1893 को मूंगफली के तेल के साथ यांत्रिक इंजन को सफलतापूर्वक संचालित किया था।
ii.उस आविष्कार के साथ, रुडोल्फ कच्चे तेल को वनस्पति तेल से बदलने की संभावना के अनुमान लगाने में सक्षम हुए थे।
जैव ईंधन क्या है?
i.जैव ईंधन एक प्रकार का अक्षय ऊर्जा स्रोत है जो माइक्रोबियल, पौधे या पशु सामग्री से प्राप्त होता है।
ii.यह पेट्रोलियम आधारित डीजल ईंधन के लिए क्लीनर-बर्निंग प्रतिस्थापन है।
iii.सबसे आम प्रकार के जैव ईंधन इथेनॉल और बायोडीजल हैं, जो जैव ईंधन प्रौद्योगिकी की पहली पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
भारत सरकार के प्रयास:
जैव ईंधन पर भारत की राष्ट्रीय नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी समय मांग को पूरा करने के लिए जैव ईंधन का न्यूनतम स्तर बाजार में आसानी से उपलब्ध हो।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 2030 तक पेट्रोल में इथेनॉल के 20% और डीजल में 5% बायोडीजल के सम्मिश्रण का लक्ष्य रखा है।
भारत सरकार 2025 तक 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल पर चलने वाले वाहनों को लॉन्च करने की योजना बना रही है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) के बारे में:
केंद्रीय मंत्री– हरदीप सिंह पुरी (राज्य सभा – उत्तर प्रदेश)
राज्य मंत्री– रामेश्वर तेली (निर्वाचन क्षेत्र- डिब्रूगढ़, असम)