होम्योपैथी के महत्व और चिकित्सा के क्षेत्र में इसके योगदान को चिह्नित करने के लिए 10 अप्रैल को विश्व भर में विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है। 10 अप्रैल 2021 को जर्मन चिकित्सक और होम्योपैथी के संस्थापक, डॉ क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन की 266 वीं जयंती मनाई गई। उनका जन्म 10 अप्रैल 1755 को पेरिस, फ्रांस में हुआ था।
उद्देश्य:
होम्योपैथिक उपचार और दवाओं के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करना।
आयोजन:
i.आयुष मंत्रालय के तहत सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी (CCRH) ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 10 से 11 अप्रैल 2021 तक “होम्योपैथी – रोडमैप फॉर इंटीग्रेटिव मेडिसिन” विषय पर 2-दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया है।
ii.रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाइक ने उद्घाटन कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और होम्योपैथिक क्लिनिकल केस रिपोजिटरी (HCCR) पोर्टल, CCRH की एक डिजिटल पहल का शुभारंभ किया।
iii.CCRH ने होम्योपैथिक क्लिनिकल केस रिपॉजिटरी को भी लॉन्च किया, जो एक डेटाबेस है, जिसका उद्देश्य पूरे भारत में होम्योपैथ के माध्यम से उपचारित मामलों को संकलित करना है।
iv.CCRH के ई-लाइब्रेरी को CCRH के अधिवेशन और विभिन्न प्रकाशनों के उद्घाटन के दौरान लॉन्च किया गया था, जो नैदानिक अभ्यास और शिक्षा के लिए शोध के अनुवाद को बढ़ाता है।
होमियोपैथी:
i.होम्योपैथी शब्द की उत्पत्ति ग्रीक के शब्द ‘होम्यो’ जिसका अर्थ है समान और ‘पाथोस’ जिसका अर्थ रोग में हुई।
ii.होम्योपैथी की विधि का मानना है कि लक्षणों को प्रेरित करने वाले तत्व शरीर के उपचार प्रणाली को ट्रिगर करते हैं।
iii.होम्योपैथिक उत्पाद लाल प्याज, अर्निका, ज़हर आइवी, बेलाडोना आदि जैसे पौधों से बनाए जाते हैं।
भारत में होम्योपैथी:
i.भारत में होम्योपैथिक चिकित्सा के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और मजबूत करने के लिए सरकार ने AYUSH (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) मंत्रालय नाम से एक अलग पोर्टफोलियो बनाया।
ii.होम्योपैथी केंद्रीय परिषद अधिनियम 1973 के तहत भारत ने होम्योपैथी को एक चिकित्सा प्रणाली के रूप में मान्यता दी है।