विश्व अस्थमा दिवस हर साल मई के पहले मंगलवार को मनाया जाता है। इस साल यह 4 मई को पड़ा है। यह दिवस ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA) द्वारा स्वास्थ्य देखभाल समूहों और अस्थमा शिक्षकों के सहयोग से आयोजित किया जाता है, ताकि दुनिया भर में जागरूकता और देखभाल का प्रसार किया जा सके।
वर्ष 2021 के लिए थीम: “अस्थमा की गलत धारणा को उजागर करना” (अनकवरिंग अस्थमा मिसकन्सेप्शंस)।
प्रमुख बिंदु:
i.पहला विश्व अस्थमा दिवस 1998 में 35 से अधिक देशों में मनाया गया था। पहली विश्व अस्थमा बैठक बार्सिलोना, स्पेन में आयोजित की गई थी।
ii.अस्थमा, पुरानी बीमारी है जो श्वसन प्रणाली में बाधा डालती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है, जिससे दुनिया भर में लगभग 1.5 से 2 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं।
iii.WHO (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन) के अनुसार, अस्थमा से होने वाली मौतों में से 80 प्रतिशत निम्न और निम्न आय वाले देशों में होती हैं। प्रत्येक 10 में से कम से कम 1 अस्थमा रोगी भारत में रहता है।
लक्षण:
- सांस फूलना
- खाँसना
- घरघराहट
- छाती में जकड़न महसूस होना
हालांकि अस्थमा को ठीक नहीं किया जा सकता है, अस्थमा के हमलों को कम करने और रोकने के लिए अस्थमा को प्रबंधित करना संभव है, जिसे एपिसोड या एक्सासेर्बेशन भी कहा जाता है।
अस्थमा (GINA) के लिए वैश्विक पहल के बारे में:
GINA को नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट (NHLBI), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, USA और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के सहयोग से 1993 में लॉन्च किया गया था।