23 मार्च 2021 को, भारतीय बीमलाइन परियोजना का तीसरा चरण जापान में औद्योगिक अनुप्रयोगों पर आधारित अनुसंधान पर विशेष ध्यान देने के साथ शुरू किया गया था। इस चरण में भारतीय शोधकर्ताओं को सामग्री अनुसंधान में प्रयुक्त उन्नत एक्स-रे तकनीकों से प्रशिक्षित किया जाएगा।
- MoU पर हस्ताक्षर किए – तीसरे चरण में जापान में भारतीय राजदूत श्री संजय कुमार वर्मा और जापानी इंस्टीट्यूट ऑफ मैटेरियल स्ट्रक्चर साइंस के निदेशक डॉ कोसुगी नोबुहिरो के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
भारतीय बीमलाइन के बारे में:
i.भारतीय बीमलाइन एक बहुउद्देशीय बीमलाइन है जो एक्स-रे स्रोतों के आधार पर विभिन्न श्रेणियों के प्रयोगों की सुविधा प्रदान करती है।
ii.यह हाई एनर्जी एक्सेलरेटर रिसर्च आर्गेनाइजेशन (KEK) के फोटॉन फैक्टरी, जापान के त्सुकुबा में स्थित है।
iii.भारतीय बीमलाइन का निर्माण और रखरखाव सहा इंस्टिट्यूट ऑफ़ नुक्लेअर फिजिक्स(SINP), कोलकाता और जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च(JNCASR), बैंगलोर द्वारा किया गया था।
iv.यह परियोजना भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा अपने नैनो मिशन के तहत समर्थित है। यह जुलाई 2007 में शुरू किया गया है।
चरण- I (2009-2015)
जापान में SINP द्वारा एक एक्स-रे बीमलाइन (BL18B) का निर्माण किया गया था।
यह नैनो सामग्रियों में उन्नत अनुसंधान करने में सक्षम है।
इसका उपयोग 45 भारतीय संस्थानों द्वारा किया गया था।
चरण- II (2016-2021)
JNCASR और SINP के बीच संयुक्त सहयोग के तहत, विभिन्न परिचालन मोड्स को बीमलाइन में शामिल किया गया था।
हाल में संबंधित समाचार:
15 जनवरी 2021 को, भारत और जापान ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसमें 5G प्रौद्योगिकियां, स्मार्ट सिटीज, दूरसंचार सुरक्षा और अन्य शामिल हैं।
डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस & टेक्नोलॉजी (DST) के बारे में:
DST विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन एक विभाग है।
केंद्रीय मंत्री – हर्षवर्धन (निर्वाचन क्षेत्र – चांदनी चौक, दिल्ली)
सचिव – आशुतोष शर्मा
स्थापित – 1971
मुख्यालय – नई दिल्ली
जापान के बारे में:
जापान के सम्राट – नारुहितो
प्रधान मंत्री – योशीहिदे सुगा
राजधानी – टोक्यो
मुद्रा – येन