भारत में एक स्वतंत्र और उत्तरदायी प्रेस की उपस्थिति को चिह्नित करने के लिए 16 नवंबर को पूरे भारत में राष्ट्रीय प्रेस दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोकतंत्र के चौथे स्तंभ, स्वतंत्र प्रेस के महत्व को उजागर करना है।
- राष्ट्रीय प्रेस दिवस उस दिन को चिह्नित करता है जिस दिन भारतीय प्रेस परिषद (PCI) 1966 में लागू हुई थी।
पृष्ठभूमि:
i.पहला प्रेस आयोग (1954) ने निष्कर्ष निकाला कि पत्रकारिता में पेशेवर नैतिकता बनाए रखने के लिए इस उद्योग से जुड़े लोगों के साथ एक वैधानिक प्राधिकरण निकाय बनाया जाना चाहिए।
ii.इससे भारतीय प्रेस परिषद (PCI) का निर्माण हुआ, जिसे 4 जुलाई 1966 को प्रेस परिषद अधिनियम 1978 के अंतर्गत स्थापित किया गया था। यह 16 नवंबर 1966 को लागू हुआ।
iii.जस्टिस J.R. मुधोलकर (तब सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश) को PCI के पहले अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2021:
i.वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2021 के अनुसार 46.56 के स्कोर के साथ भारत 180 देशों में 142वें स्थान पर है।
ii.नॉर्वे इस सूचकांक में सबसे ऊपर है और उसके बाद फिनलैंड और स्वीडन का स्थान है।
iii.रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के अनुसार, भारत में 2021 के दौरान 4 पत्रकार मारे गए थे।
iv.भारत को पत्रकारिता के लिए “खराब” और पत्रकारों के लिए खतरनाक देशों में वर्गीकृत किया गया है। भारत ब्राजील, मैक्सिको और रूस के साथ खराब वर्गीकरण साझा करता है।
भारतीय प्रेस परिषद (PCI):
i.भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना पहली बार 1966 में संसद द्वारा प्रथम प्रेस आयोग की सिफारिशों पर की गई थी।
ii.यह एक वैधानिक, अर्ध-न्यायिक प्राधिकरण है जो प्रेस का, प्रेस के लिए और प्रेस द्वारा प्रहरी के रूप में कार्य करता है।
भारतीय प्रेस परिषद (PCI) के बारे में:
अध्यक्ष– न्यायमूर्ति चंद्रमौली कुमार प्रसाद
मुख्यालय– नई दिल्ली, दिल्ली