एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (UN-ESCAP- United Nations Economic and Social Commission for Asia and the Pacific) की क्षेत्रीय संस्था एशियन एंड पैसिफिक सेंटर फॉर द डेवलपमेंट ऑफ डिजास्टर इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट (APDIM) ने रेत और धूल भरी आंधी पर ‘सैंड एंड डस्ट स्टॉर्म्स रिस्क असेस्मेंट इन एशिया एंड द पैशिफिक’ नामक रिपोर्ट जारी की है।
- इस रिपोर्ट के जोखिम आकलन के अनुसार, भारत में 500 मिलियन से अधिक लोग रेत और धूल भरी आंधी के कारण मध्यम और उच्च स्तर की खराब वायु गुणवत्ता के संपर्क में हैं।
- खनिज धूल उत्सर्जन के मामले में एशिया-प्रशांत क्षेत्र दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है।
रिपोर्ट का मुख्य विश्लेषण:
i.ऊर्जा क्षेत्र: रेत और धूल भरी आंधी सौर ऊर्जा संयंत्रों द्वारा बिजली उत्पादन को प्रभावित करती है। भारत में 2019 में 1,584 गीगावाट-घंटे (GWh) ऊर्जा हानि हुई है। आर्थिक दृष्टि से, यह प्रभाव प्रति वर्ष 107 मिलियन अमरीकी डालर से अधिक है।
ii.कराची (पाकिस्तान), लाहौर (पाकिस्तान) और दिल्ली के शहरों के लगभग 60 मिलियन लोगों ने 2019 में रेत और धूल भरी आंधी के कारण इस वर्ष 170 से अधिक धूल भरे दिनों का अनुभव किया है।
- तुर्कमेनिस्तान, पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और ईरान की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी रेत और धूल भरी आंधी के कारण मध्यम और उच्च स्तर की खराब वायु गुणवत्ता के संपर्क में है।
iii.एशिया प्रशांत क्षेत्र में 8 शहरों (चीन में 3, ईरान के इस्लामी गणराज्य में 2, पाकिस्तान में 2 और उजबेकिस्तान में 1) के 6 मिलियन निवासी 2019 में कम से कम 10 महीनों के लिए हर दिन पार्टिकुलेट मैटर की अस्वास्थ्यकर सांद्रता वाली हवा में सांस ले रहे थे।
iv.पर्यावरण: उच्च धूल जमाव के कारण, मध्य एशिया में कृषि भूमि और हिमालय (हिमालय-हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला) और तिब्बती पहाड़ों के ग्लेशियर, जो एशिया में 1.3 बिलियन से अधिक लोगों के लिए ताजे पानी के स्रोत हैं, वे प्रभावित हो रहे थे।
v.रेत और धूल भरी आंधी 17 संयुक्त राष्ट्र-अनिवार्य सतत विकास लक्ष्यों (SDG) में से 11 को सीधे प्रभावित करती है।
vi.सकारात्मक प्रभाव:
- लोहे को ले जाने वाले धूल के कण महासागरों के कुछ हिस्सों को समृद्ध कर सकते हैं, जो फाइटोप्लांकटन संतुलन में सुधार कर सकते हैं और समुद्री खाद्य जाल को प्रभावित कर सकते हैं।
- धूल के कुछ कण जमाव के क्षेत्रों में पोषक तत्वों की मात्रा को बढ़ाते हैं और वनस्पतियों को लाभ पहुँचाते हैं।
हाल के संबंधित समाचार:
20 अप्रैल, 2021 को UN-ESCAP ने अपनी रिपोर्ट ‘बियॉन्ड द पैंडेमिक: बिल्डिंग बैक बेटर फ्रॉम क्राइसिस इन एशिया एंड द पैसिफिक’ में एशिया और प्रशांत देशों में COVID-19 के सामाजिक-आर्थिक प्रभावों का विश्लेषण किया।
UNESCAP (एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग) के बारे में:
UN-ESCAP- United Nations Economic and Social Commission for Asia and the Pacific
APDIM संयुक्त राष्ट्र के 5 क्षेत्रीय आयोगों में से एक है।
स्थापना – 1947
मुख्यालय – बैंकॉक, थाईलैंड
कार्यकारी सचिव – अर्मिदा साल्सिया अलिसजाबान
सदस्य – 53 सदस्य और 9 सहयोगी सदस्य