8 मार्च 2021 को, स्वदेशी रूप से विकसित ‘एडवांस्ड लाइट टॉरपीडो (TAL) शायना’ का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक आयोजित किया गया, इसे भारतीय नौसेना के इल्यूशिन IL-38 पैट्रोल एयरक्राफ्ट से चलाया गया था। TAL शायना एक पनडुब्बी रोधी टारपीडो है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की एक प्रयोगशाला नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला (NSTL) द्वारा विकसित किया गया है।
- भारत में यह अपनी तरह का पहला परीक्षण था, जोकि ‘TAL शायना’ को एक फिक्स्ड-विंग विमान से चलाया गया था।
- स्वदेशी टारपीडो ने लक्ष्य के त्वरित अधिग्रहण की सीमा को बढ़ाया है और नौसेना के फिक्स्ड-विंग विमानों से लॉन्च करने के लिए इसे डिजाइन किया गया है।
- टॉरपीडो को टॉरपीडो रिलीज मैकेनिज्म और फायर कंट्रोल सिस्टम के साथ NSTL द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
TAL शायना
- शायना को 2012 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और इसका इस्तेमाल एंटी-सबमरीन वारफेयर (ASW) के हिस्से के रूप में किया जाता है।
- यह कई लक्ष्यों को ट्रैक करने में सक्षम है और जहाज और रोटरी विमान दोनों से लॉन्च किया जा सकता है।
- इसकी रेंज 19 किलोमीटर है।
हाल के संबंधित समाचार:
1 दिसंबर, 2020 को भारत ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र में भारतीय नौसेना के INS रणविजय से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी-शिप संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला (NSTL) के बारे में:
निर्देशक – डॉ OR नंदगोपन
स्थित – विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश
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