अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्याय दिवस, (अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस या अंतर्राष्ट्रीय न्याय के लिए विश्व दिवस के रूप में भी जाना जाता है), 1998 में अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के रोम संविधि को अपनाने के उपलक्ष्य में 17 जुलाई को प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
- यह दिन नरसंहार, युद्ध अपराधों, मानवता के खिलाफ अपराधों और आक्रामकता के लिए जवाबदेही को बढ़ावा देता है।
- 17 जुलाई, 2025 को रोम संविधि को अपनाने की 27वीं वर्षगांठ मनाई गई।
पृष्ठभूमि:
i.रोम संविधि, ICC की संस्थापक संधि, 17 जुलाई 1998 को रोम, इटली में आयोजित संयुक्त राष्ट्र राजनयिक सम्मेलन ऑफ प्लेनिपोटेंटियरीज (UNDCP) के दौरान अपनाई गई थी।
ii.120 देशों द्वारा अपनाई गई संधि ने ICC के लिए कानूनी नींव रखी और 1 जुलाई 2002 को प्रभावी हुई, जिसने आधिकारिक तौर पर न्यायालय को चालू कर दिया।
- ICC के पास 1 जुलाई 2002 से पहले हुई घटनाओं की जांच करने का अधिकार नहीं है।
iii. 2010 में, युगांडा के कंपाला में आयोजित रोम संविधि के पहले समीक्षा सम्मेलन के दौरान, 17 जुलाई को क़ानून को अपनाने के उपलक्ष्य में अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्याय दिवस के रूप में घोषित किया गया था।
2025 पर्व:
i.हेग (नीदरलैंड) में ICC और न्यूयॉर्क (संयुक्त राज्य अमेरिका, USA) में संयुक्त राष्ट्र (UN) ने बचे लोगों, न्यायाधीशों और अधिकारियों की विशेषता वाले समारोहों की मेजबानी की।
ii.ह्यूमन राइट्स वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे गैर सरकारी संगठनों ने #JusticeDay2025 का उपयोग करके डिजिटल अभियान शुरू किए और उत्तरजीवी साक्ष्यों को साझा किया
iii.विश्वविद्यालय उभरते मुद्दों (जैसे, जलवायु से जुड़े अपराधों) पर पैनल चर्चा आयोजित करेंगे।
iv.वैश्विक न्याय प्रयासों को उजागर करने वाली फिल्म स्क्रीनिंग, फोटो प्रदर्शनी और कला प्रतिष्ठान।
वर्ष 2025 में उद्देश्य और प्रासंगिकता:
i.जवाबदेही: अपराधियों के लिए दण्ड मुक्ति को समाप्त करता है और पीड़ितों के सत्य, न्याय और क्षतिपूर्ति के अधिकारों को कायम रखता है।
ii.वैश्विक चुनौतियां: यूक्रेन, गाजा और अफ्रीका में चल रहे संघर्षों को संबोधित करता है, नागरिकों की सुरक्षा में ICC की भूमिका को मजबूत करता है
iii.कानून का शासन: बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करता है।
अंतर्राष्ट्रीय न्याय पर भारत का दृष्टिकोण:
i.भारत ने रोम संविधि की पुष्टि नहीं की है और इसलिए यह अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय का सदस्य नहीं है।
ii.भारत रोम संविधि की मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल था, लेकिन राष्ट्रीय संप्रभुता और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के कथित प्रभाव पर चिंताओं के कारण 1998 में इसे अपनाने से रोक दिया गया।
अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के बारे में:
जनवरी, 2025 तक, 125 राज्य पक्ष हैं जिन्होंने ICC के रोम संविधि की पुष्टि या स्वीकार किया है, कुछ देशों ने हस्ताक्षर किए हैं लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की है।
- यूक्रेन 1 जनवरी, 2025 को 125वीं स्टेट पार्टी बन गया।
राष्ट्रपति– न्यायाधीश टोमोको अकाने (जापान)
मुख्यालय- हेग, नीदरलैंड