28वां कांफ्रेंस ऑफ द पार्टीज ऑफ द यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) (COP 28) 30 नवंबर से 12 दिसंबर 2023 तक एक्सपो सिटी, दुबई, संयुक्त अरब एमिरात (UAE) में आयोजित किया गया था।
- 1 दिसंबर 2023 को, भारत के प्रधान मंत्री (PM) नरेंद्र मोदी ने दुबई, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में “ट्रांसफॉर्मिंग क्लाइमेट फाइनेंस“ पर COP 28 प्रेसीडेंसी के सत्र में भाग लिया।
प्रेसीडेंसी के सत्र की मुख्य विशेषताएं:
आयोजन के दौरान, सदस्य देशों के नेताओं ने “UAE डिक्लेरेशन ऑन ए न्यू ग्लोबल क्लाइमेट फाइनेंस फ्रेमवर्क” को अपनाया।
- उद्देश्य: इसमें ऐसे तत्व शामिल हैं जो क्लाइमेट एक्शन के लिए रियायती फाइनेंस के स्रोतों का विस्तार करने के साथ-साथ संबंधित राष्ट्रों द्वारा NDC (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) में की गई प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करने में मदद करेंगे।
PM ने COP28 प्रेसीडेंसी सत्र में क्लाइमेट फाइनेंस से संबंधित निम्नलिखित मुद्दों पर प्रकाश डाला:
- क्लाइमेट फाइनेंस पर नए सामूहिक परिमाणित लक्ष्य में प्रगति।
- ग्रीन क्लाइमेट फंड और एडॉप्शन फंड की पुनःपूर्ति।
- क्लाइमेट एक्शन के लिए MDB (मल्टीलेटरल डेवलपमेंट बैंक) द्वारा किफायती फाइनेंस उपलब्ध कराया जाएगा।
- विकसित देशों को 2050 से पहले अपनी कार्बन पदचिह्न तीव्रता को समाप्त करना होगा।
भारत ने UAE के साथ COP-28 में ग्लोबल ग्रीन क्रेडिट इनिशिएटिव की सह–मेजबानी की
1 दिसंबर 2023 को, PM मोदी ने शेख मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान (UAE के राष्ट्रपति) के साथ दुबई (UAE) में COP28 में “ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम“ पर कार्यक्रम की सह-मेजबानी की।
प्रमुख प्रतिभागी: स्वीडन के PM उल्फ क्रिस्टरसन, मोज़ाम्बिक के राष्ट्रपति फ़िलिप न्यूसी और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल।
ग्लोबल ग्रीन क्रेडिट पहल के बारे में:
i.यह नवीन पर्यावरणीय तरीकों के सहयोग और आदान-प्रदान के लिए एक ग्लोबल प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।
ii.ग्रीन क्रेडिट पहल पर्यावरण की सुरक्षा में किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के स्वैच्छिक प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए एक तंत्र प्रदान करती है।
iii.पहल के तहत, बंजर भूमि और नदी जलग्रहण क्षेत्रों पर वृक्षारोपण के लिए ग्रीन क्रेडिट जारी किया जाएगा, जो वनीकरण को बढ़ावा देगा क्योंकि यह पर्यावरण के कायाकल्प और पुनरुद्धार में मदद करता है।
मुख्य फोकस क्षेत्र: जल संरक्षण, वनीकरण और जैव विविधता संरक्षण।
ग्लोबल ग्रीन इनिशिएटिव पोर्टल: यह COP28 में ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम के दौरान लॉन्च किया गया एक वेब पोर्टल है। यह पर्यावरण-अनुकूल कार्यों को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों और सर्वोत्तम प्रथाओं का भंडार बनाए रखेगा।
PM मोदी ने समावेशी उद्योग परिवर्तन पर ध्यान देने के साथ LeadIT2.0 पहल शुरू की
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई (UAE) में आयोजित COP28 में LeadIT2.0 पहल शुरू की। पहल का मुख्य फोकस समावेशी और न्यायपूर्ण उद्योग परिवर्तन पर है।
- इसका उद्देश्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करते हुए निम्न-कार्बन प्रौद्योगिकी का सह-विकास और हस्तांतरण प्रदान करना है।
LeadIT (उद्योग परिवर्तन के लिए नेतृत्व समूह) के बारे में:
मूल रूप से, LeadIT की स्थापना 2019 में की गई थी जो 18 देशों और 20 उद्योग–अग्रणी कंपनियों का एक सहयोगात्मक प्रयास है जो 2050 तक उद्योग से शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए समर्पित है।
- इसे भारत और स्वीडन के प्रधानमंत्रियों द्वारा संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया था और यह विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा समर्थित है।
भारत ने 2028 में UN क्लाइमेट कांफ्रेंस की मेजबानी करने का प्रस्ताव रखा
COP28 बैठक में अपने संबोधन के दौरान, PM मोदी ने भारत में COP (COP33) के 33वें संस्करण की मेजबानी करने का प्रस्ताव रखा। उनके साथ COP28 के अध्यक्ष सुल्तान अल-जबर और UN क्लाइमेट चेंज के कार्यकारी सचिव साइमन स्टिल भी थे।
- PM ने भारत द्वारा शुरू की गई ग्लोबल क्लाइमेट पहलों: अंतर्राष्ट्रीय सोलर गठबंधन (ISA), आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे का गठबंधन (CDRI) और पर्यावरण के लिए जीवन शैली (LiFe) अभियान पर प्रकाश डाला।
- UNFCCC COP की वार्षिक बैठक की शुरुआत के बाद से, भारत ने केवल एक बार (COP8 के वर्ष 2002 में) वार्षिक क्लाइमेट चेंज कांफ्रेंस की मेजबानी की।
IREDA ने COP28 में रिटेल डिवीजन और एडवोकेट्स सस्टेनेबल इन्वेस्टमेंट लॉन्च किया
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के तहत एक मिनी रत्न श्रेणी I सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (PSU), भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) ने अपना रिटेल डिवीजन लॉन्च किया है।
- यह घोषणा दुबई (UAE) में आयोजित “एक्टिंग सोलूशन्स फॉर ग्लोबल सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड गवर्नेंस” पर लीडर्स डायलॉग के दौरान की गई थी।
- यह कार्यक्रम COP28 के मौके पर CEEW (ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद) और CII (भारतीय उद्योग परिसंघ) द्वारा आयोजित किया जाता है।
- IREDA रिटेल डिवीजन के अनुसार, रूफटॉप सोलर और अन्य बिजनेस-टू-कंज्यूमर (B2C) क्षेत्रों के लिए PM-KUSUM (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) योजना के तहत उधारकर्ताओं को ऋण प्रदान किया जाएगा।
- IREDA के रिटेल डिवीजन के तहत KUSUM-B के तहत 58 करोड़ रुपये का पहला ऋण स्वीकृत किया गया था।
- IREDA ने नवीकरणीय ऊर्जा (RE) बॉन्ड में घरेलू और बीमा फंडों के लिए 1% से 2% एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) आवंटन को शामिल करके स्थायी निवेश की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रस्ताव रखा।
PM KUSUM योजना के बारे में:
i.इसे नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था।
ii.यह किसानों को सोलर पंप और ग्रिड से जुड़े सोलर और अन्य नवीकरणीय संयंत्रों की स्थापना के लिए सब्सिडी प्रदान करता है।
लक्ष्य: 2022 तक नवीकरणीय क्षमता को 25750 MW (मेगा वाट) तक बढ़ाना।
ReNew ने ADB के साथ 5.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के लिए MoU पर हस्ताक्षर किए
ReNew एनर्जी ग्लोबल Plc (ReNew ), एक प्रमुख डीकार्बोनाइजेशन समाधान कंपनी, ने क्लाइमेट चेंज को कम करने में मदद करने वाली परियोजनाओं में निवेश के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के साथ 5.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
- भारतीय RE क्षेत्र में अपनी तरह का पहला MoU, ADB को 2030 तक हरित ऊर्जा परियोजनाओं में 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अपनी वित्तपोषण महत्वाकांक्षा को प्राप्त करने में मदद करेगा।
हस्ताक्षरकर्ता: MoU पर ReNew के अध्यक्ष और CEO सुमंत सिन्हा और निजी क्षेत्र संचालन विभाग, ADB के महानिदेशक सुजैन गैबौरी ने हस्ताक्षर किए।
NMCG ने UN क्लाइमेट चेंज कांफ्रेंस में ग्लोबल रिवर सिटीज एलायंस लॉन्च किया
भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) के नेतृत्व में ग्लोबल रिवर सिटीज एलायंस (GRCA) को दुबई, UAEमें COP28 में लॉन्च किया गया था।
- इसका मुख्य उद्देश्य रिवर संरक्षण और सस्टेनेबल वाटर मैनेजमेंट के लिए संगठनों और देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।
एलायंस के बारे में:
एलायंस में 11 देशों के 275 से अधिक वैश्विक रिवर-सिटीज, वैश्विक वित्तपोषण एजेंसियां और ज्ञान प्रबंधन भागीदार शामिल हैं।
- भागीदार देश: भारत, मिस्र, नीदरलैंड, डेनमार्क, घाना, ऑस्ट्रेलिया, कंबोडिया, जापान।
- रिवर-सिटीज: डेन हाग (नीदरलैंड्स), एडिलेड (ऑस्ट्रेलिया), स्ज़ोलनोक (हंगरी)।
- अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां: विश्व बैंक, ADB, एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB)।
- ज्ञान प्रबंधन संस्थान: KPMG(क्लिनवेल्ड पीट मारविक गोएर्डेलर)
रिवर सिटीज़ एलायंस (RCA) की पृष्ठभूमि:
इसे 2021 में NMCG द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (NUA) के सहयोग से लॉन्च किया गया था। इसे रिवर सिटीज़ के सस्टेनेबल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया था।
- अब तक, RCA का विस्तार भारत के 143 सदस्य शहरों को शामिल करने के लिए किया गया है।
- नमामि गंगे और मिसिसिपी रिवर सिटीज एंड टाउन्स इनिशिएटिव (MRCTI) के बीच एक सहयोग ज्ञापन (MoCP) पर हस्ताक्षर किए गए।
CDRI ने क्लाइमेट संबंधी खतरों के संबंध में रिस्क का अनुमान लगाने के लिए एक प्लेटफॉर्म लॉन्च किया
कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर (CDRI) ने COP28 समिट के मौके पर “ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर रिस्क मॉडल एंड रेजिलिएंस इंडेक्स (GIRI)” नाम से एक डेटा प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। यह प्रमुख क्लाइमेट-संबंधी रिस्क के संबंध में दुनिया का पहला सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रिस्क मॉडल है।
उद्देश्य: रिस्क की भविष्यवाणी करना और आपदाओं को झेलने, प्रतिक्रिया देने और उबरने की देशों की क्षमता को बढ़ाना।
CDRI के बारे में:
इसे 2019 में न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में UN क्लाइमेट एक्शन समिट में सस्टेनेबल डेवलपमेंट के समर्थन में क्लाइमेट और आपदा रिस्क के लिए नए और मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रणालियों के रेजिलिएंस को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया था।
ग्लोबल स्टॉकटेक और इसका महत्व और भारत की स्थिति:
ग्लोबल स्टॉकटेक एक प्रक्रिया है जो डेटा एकत्र करती है और 2015 में पेरिस क्लाइमेट चेंज समिट में UNFCCC के सदस्य देशों द्वारा किए गए NDC (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) की प्रगति निर्धारित करती है। ग्लोबल स्टॉकटेक हर 5 साल में होता है, पहली बार स्टॉकटेक के साथ पाठ COP28 पर समाप्त होने वाला है।
- यह सदस्य देशों को NDC के निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपने प्रयासों में तेजी लाने के लिए मार्गदर्शन करता है।
- भारत दुनिया के उन कुछ देशों में से एक है जो अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) हासिल करने की राह पर है।
- ग्लोबलस्टॉकटेक (GST) की 5वीं पुनरावृत्ति COP28 में जारी की गई। इसमें 8 कदम सुझाए गए हैं जो ग्लोबल तापमान वृद्धि को5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने में मदद कर सकते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें:
i.2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करना और सामूहिक रूप से 2030 तक हर साल ग्लोबल ऊर्जा दक्षता में सुधार को लगभग 2% से 4% तक दोगुना करना।
ii.उद्योगों में कोयले के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से कम करना।
iii.शताब्दी के मध्य तक शुद्ध शून्य की दिशा में विश्व स्तर पर प्रयासों में तेजी लाना।
iv.शून्य और निम्न उत्सर्जन प्रौद्योगिकियों में तेजी लाना।
v.2050 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करना।
vi.गैर-कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन, उदाहरण के लिए: ग्लोबल स्तर पर 2030 तक मीथेन उत्सर्जन को कम करें।
vii.सड़क परिवहन से उत्सर्जन को कम करना।
viii.अकुशल जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना।
ग्लोबल स्टॉकटेक में भारत की स्थिति:
भारत के नेतृत्व वाले BASIC ब्लॉक ने उन विकसित देशों की जवाबदेही तय करने के लिए ग्लोबलस्टॉकटेक की वकालत की जो अपने NDC को पूरा करने में विफल रहे।
- 2022 में मिस्र में आयोजित COP27 में भारत ने प्राथमिकता को फेसिंग-डाउन से फेसिंग-आउट पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा। इसने सदस्य देशों से केवल कोयला ही नहीं, बल्कि सभी जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से बंद करने पर विचार करने का आग्रह किया।
नोट: BASIC ब्लॉक 4 उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है जिसमें ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन शामिल हैं।
मल्टीलेटरल डेवलपमेंट बैंक्स (MDB) ने COP28 में 180 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का क्लाइमेट फाइनेंस खोला
मल्टीलेटरल डेवलपमेंट बैंक्स (MDB) क्लाइमेट फाइनेंस में USD180 बिलियन से अधिक का लाभ उठाने के लिए दुबई (UAE) में COP28 क्लाइमेट समिट में एक साथ आए।
MDB द्वारा की गई प्रमुख घोषणाएँ:
i.इंटर-अमेरिकन डेवलपमेंट बैंक (IDB) ने घोषणा की कि वह अगले दशक में अपने जलवायु ऋण को तीन गुना बढ़ाकर 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर देगा। साथ ही, इसने अमेज़ॅन में टिकाऊ परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त वित्तपोषण के रूप में 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान करने का भी वादा किया।
ii.इस्लामिक डेवलपमेंट बैंक (IsDB): क्लाइमेट फाइनेंस के लिए 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का वादा किया। इसका उद्देश्य संघर्ष प्रभावित देशों में अनुकूलन का समर्थन करना है।
iii.अफ्रीकन डेवलपमेंट बैंक ने अफ्रीका में हरित बुनियादी ढांचे के लिए 175 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सुविधा के साथ-साथ पूरे अफ्रीका में 40 मिलियन से अधिक किसानों को जलवायु प्रभावों के खिलाफ बीमा प्रदान करने के लिए 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सुविधा शुरू की।
विश्व बैंक की प्रमुख घोषणाएँ:
i.विश्व बैंक ने 2025 तक अपने क्लाइमेट फाइनेंस लक्ष्य को 45% (मतलब 2025 तक क्लाइमेट फाइनेंस के लिए सालाना 40 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान करना) तक बढ़ाने की घोषणा की।
ii.इसमें अगले 2 वर्षों के लिए प्रति वर्ष अतिरिक्त 9 बिलियन अमेरिकी डॉलर शामिल हैं।
iii.यह अगले 7 वर्षों में अफ्रीका में 100 मिलियन लोगों को स्वच्छ ऊर्जा पहुंच प्रदान करने के लिए 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
v.इसने चावल उत्पादन, पशुधन और अपशिष्ट से अगले 5-7 वर्षों में 10 मिलियन टन तक मीथेन उत्सर्जन को कम करने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ 15 देशों को समर्थन देने की घोषणा की।
v.इसने 2024 तक 24 मिलियन क्रेडिट और 5 वर्षों में 125 मिलियन क्रेडिट उत्पन्न करने के लक्ष्य के साथ 16 देशों में वानिकी के लिए कार्बन क्रेडिट प्रमाणन का समर्थन करने की भी घोषणा की।
ADB ने COP28 में 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नेचर सॉल्यूशंस फाइनेंस हब लॉन्च किया
COP28 के मौके पर, ADB ने 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ एशिया और प्रशांत के लिए एक नेचर सॉल्यूशंस फाइनेंस हब लॉन्च किया। यह उन परियोजनाओं में निवेश प्रदान करेगा जिनमें प्रकृति-आधारित समाधान हैं।
- यह हब प्रकृति-आधारित समाधान परियोजनाओं में जोखिम को कम करने के लिए विभिन्न वित्तपोषण उपायों की सुविधा प्रदान करेगा।
- विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठन इस पहल को समर्थन दे रहे हैं:
अंतर्राष्ट्रीय विकास के लिए आर्गेनाइजेशन ऑफ़ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कन्ट्रीज (OPEC) फंड, एसोसिएशन ऑफ़ साउथईस्ट नेशंस (ASEAN) कैटेलिटिक ग्रीन फाइनेंस फैसिलिटी, इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN), वर्ल्डवाइड फंड फॉर नेचर (WWF), बर्ड इंटरनेशनल और कई अन्य।
110 से अधिक देश 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा को तीन गुना करने के लिए COP28 समझौते में शामिल होने के लिए तैयार हैं
दुबई (UAE) में आयोजित COP28 समिट में 110 से अधिक देशों ने 2030 तक दुनिया की स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा को तीन गुना करने का संकल्प लिया।
- यूरोपीय संघ, USA और UAE प्रमुख देश थे जिन्होंने प्रतिज्ञा को अटूट समर्थन दिया।
- भारत ने 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा को तीन गुना करने की प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर करने से परहेज किया।
महत्व: ग्लोबल थिंक-टैंक एम्बर के अनुसार, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को तीन गुना करने और ऊर्जा बचत को दोगुना करने से इस दशक में जीवाश्म ईंधन के 85% उपयोग को कम करने में मदद मिलेगी।
क्लाइमेट समिट COP28 में आपत्तियों के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को अपनाया गया है
COP28 समिट में भाग लेने वाले दुनिया भर के उद्यमियों और शोधकर्ताओं ने भविष्यवाणी की कि AI (जो सबसे तेजी से बढ़ती तकनीक है) क्लाइमेट चेंज को कम करने के दुनिया के प्रयासों को तेज करने में मदद कर सकती है।
- लेकिन, उन्हें ऊर्जा का दोहन करने और मनुष्यों और ग्रह को नुकसान पहुंचाने की AI क्षमता के बारे में आशंका है।
- यूनाइटेड नेशंस (UN) ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ साझेदारी में जीवाश्म ईंधन उत्सर्जन को कम करने के लिए अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में देशों की प्रगति को ट्रैक करने के लिए AI उपकरण विकसित करने की घोषणा की।
G7 क्लाइमेट क्लब को COP28 में लॉन्च किया गया था
जर्मनी और चिली के नेतृत्व वाले G7 क्लाइमेट क्लब को आधिकारिक तौर पर दुबई, UAE में COP28 क्लाइमेट चेंज समिट में लॉन्च किया गया था। इसे 36 सदस्य देशों का समर्थन प्राप्त है जिनमें: केन्या, यूरोपीय संघ, स्विट्जरलैंड और अन्य शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य डीकार्बोनिज़ेशन के लिए नीतियां विकसित करना है।
- वर्तमान में, जर्मनी और चिली क्लब के सह-अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं। सह-अध्यक्षों का कार्यकाल 2 वर्ष का होगा।
- यह तीन स्तंभों पर आधारित है:
i.स्तंभ1: महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाना और पारदर्शी क्लाइमेट चेंज शमन नीतियां।
ii.स्तंभ2: उद्योगों का परिवर्तन।
iii.स्तंभ3: अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देना
विकासशील देशों में क्लाइमेट एक्शन के लिए AI का उपयोग करने के लिए COP28 में चुनौती शुरू की गई
UN क्लाइमेट चेंज टेक्नोलॉजी एग्जीक्यूटिव कमिटी (TEC) ने एंटरप्राइज न्यूरोसिस्टम (गैर-लाभकारी ओपन-सोर्स AI कंपनी) के सहयोग से विकासशील देशों में क्लाइमेट एक्शन के लिए AI-संचालित समाधानों के विकास को बढ़ावा देने और समर्थन करने के लिए AI इनोवेशन ग्रैंड चैलेंज लॉन्च किया है।
- इसे COP28 UAE के साथ UN क्लाइमेट चेंज टेक्नोलॉजी मैकेनिज्म द्वारा आयोजित COP28 समिट के एक भाग के रूप में लॉन्च किया गया था।
टेक्नोलॉजी मैकेनिज्म UNFCCC द्वारा लॉन्च किया गया था। इसमें UNFCCC टेक्नोलॉजी एग्जीक्यूटिव कमिटी (TEC) और क्लाइमेट टेक्नोलॉजी सेण्टर एंड नेटवर्क (CCTN) शामिल हैं, जिसे UNEP (यूनाइटेड नेशंस एनवायरनमेंट प्रोग्राम) द्वारा होस्ट किया जाता है।
- TEC और CCTN ने संयुक्त रूप से #AI4 क्लाइमेट एक्शन पहल शुरू की।
मोचा 2023 में “सबसे प्रभावशाली” ग्लोबल चक्रवातों में से एक: COP28 पर WMO की रिपोर्ट
वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल आर्गेनाईजेशन (WMO) ने COP28 समिट में “प्रोविशनल स्टेट ऑफ़ द ग्लोबल क्लाइमेट 2023″ शीर्षक से अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की।
- रिपोर्ट में बताया गया है कि चक्रवात मोचा (बंगाल की खाड़ी में) 2023 में दुनिया के सबसे भीषण चक्रवातों में से एक था।
- इसके कारण श्रीलंका से म्यांमार तक और भारत और बांग्लादेश के माध्यम से उप-क्षेत्र में7 मिलियन विस्थापन हुए।
COP जीवाश्म ईंधन से “ट्रांजीशन अवे” के आह्वान के साथ समाप्त होता है
COP-28 का समापन “दुबई कंसेंसस” प्रस्ताव को अपनाने के साथ हुआ। इसका उद्देश्य जीवाश्म ईंधन ट्रांजीशन अवे और 2050 तक शुद्ध-शून्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन हासिल करने की तत्काल आवश्यकता है।
अतिरिक्त जानकारी:
i.अज़रबैजान 11 से 22 नवंबर, 2024 तक COP29 की मेजबानी करेगा।
ii.ब्राजील 10 से 21 नवंबर, 2025 तक COP30 की मेजबानी करेगा।
भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) के बारे में:
अध्यक्ष– प्रदीप कुमार दास
स्थापना– 1987
मुख्यालय– नई दिल्ली, दिल्ली
एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के बारे में:
अध्यक्ष– मासात्सुगु असकावा (जापान)
मुख्यालय-मनीला, फिलीपींस
सदस्य राष्ट्र– 68