7 मार्च 2021 को, ‘नेशनल लेवल प्रोग्राम ऑन कन्वर्जेन्स ऑफ़ एग्रो-सेरीकल्चर एंड इरडिकेशन ऑफ़ तीग़ रीलिंग’ के दौरान कपड़ा मंत्रालय के तहत मिनिस्ट्री ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड फार्मर्स वेलफेयर (MoA&FW) और केंद्रीय रेशम बोर्ड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। MoU के एक भाग के रूप में, चल रहे सब-मिशन ऑन एग्रोफोरेस्ट्री(SMAF) योजना के तहत रेशम क्षेत्र में एग्रोफोरेस्ट्री का कार्यान्वयन होगा।
i.यह मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड विजन ऑफ इंडिया गवर्नमेंट की तर्ज पर होगा।
ii.MoU पर अलका भार्गवा, अतिरिक्त सचिव, DAC&FW(डिपार्टमेंट ऑफ़ एग्रीकल्चर, कोऑपरेशन & फार्मर्स वेलफेयर) और रजित रंजन ओखंडियर, सदस्य सचिव(केंद्रीय रेशम बोर्ड), कपड़ा मंत्रालय द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
iii.उद्देश्य- किसानों को सेरीकल्चर आधारित एग्रोफोरेस्ट्री मॉडल लेने के लिए प्रोत्साहित करना।
iv.केंद्रीय रेशम बोर्ड (CSB), कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार रेशम क्षेत्र में एग्रोफोरेस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा।
v.प्रमुख लोगों- समझौता ज्ञापन पर केंद्रीय कपड़ा और महिला और बाल विकास मंत्री, श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी और कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री, श्री परुषोत्तम रूपाला की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
MoU की मुख्य विशेषताएं:
i.प्रसिद्ध भारतीय रेशम के उत्पादन का समर्थन करता है और यह भारत में रेशम की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगा।
ii.केंद्रीय रेशम बोर्ड (CSB) द्वारा रेशम क्षेत्र में एग्रोफोरेस्ट्री को बढ़ावा देना।
iii.समझौता ज्ञापन कृषि आय को 20 से 30% तक बढ़ा देगा और कृषि तकनीकी वस्त्र को अपनाकर उनकी आय लगभग 60% तक बढ़ा दी गई थी।
भारत की प्रतिबद्धताएँ:
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, केंद्रीय कपड़ा और महिला और बाल विकास मंत्री, श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने कहा,
i.भारत अगले दो वर्षों में रेशम उत्पादन में पूरी तरह से आत्मनिर्भर होगा।
ii.रेशम समग्र चरण I के तहत 5000 महिलाओं को पहले ही समर्थन दिया जा चुका है।
तथ्य:
i.भारत में कच्चे रेशम का उत्पादन पिछले छह वर्षों में 35% बढ़ा है।
ii.भारत दुनिया में PPE किट का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है।
सब-मिशन ऑन एग्रोफोरेस्ट्री(SMAF) योजना के बारे में:
2016-17 से, DAC&FW, नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर(NMSA) के हिस्से के रूप में SMAF को लागू कर रहा है। एग्रोफोरेस्ट्री कृषि और पेड़ों की बातचीत है, जिसमें पेड़ों का कृषि उपयोग भी शामिल है। नेशनल एग्रोफोरेस्ट्री पॉलिसी 2014 में SMAF की सिफारिश की गई थी।
i.भारत ऐसी व्यापक नीति रखने वाला पहला देश था।
ii.वर्तमान में, यह योजना 20 राज्यों और 2 केन्द्र शासित प्रदेशों में लागू की जा रही है।
iii.सेरीकल्चर क्षेत्र में सहयोग को औपचारिक रूप देने की पहल विशेष रूप से सेरीकल्चर होस्ट प्लांट्स के संवर्द्धन के लिए लक्षित है।
हाल के संबंधित समाचार:
i.डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन(DGCA) ने मिनिस्ट्री ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड फार्मर्स वेलफेयर(MoAFW) को भारत सरकार की फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री फसल बिमा योजना(PMFBY) के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर फसल पैदावार का आकलन करने के लिए 100 जिलों में चावल और गेहूं के खेतों की छवियों को पकड़ने के लिए ड्रोन (मानव रहित हवाई वाहन-UAV) का उपयोग करने की मंजूरी दी।
ii.सरकार ने 2021-2022 तक कृषि के लिए ग्राउंड लेवल क्रेडिट (GLC) को 16.50 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया है। यह पिछले वर्ष के 15 लाख करोड़ रुपये से 10% की वृद्धि है। 2013-14 से 2020-21 के दौरान GLC प्रवाह के तहत प्रदर्शन को देखते हुए लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (MoAFW) के बारे में:
केंद्रीय मंत्री– नरेंद्र सिंह तोमर (निर्वाचन क्षेत्र- मुरैना, मध्य प्रदेश)
राज्य मंत्री- परुषोत्तम रुपाला (संविधान-गुजरात), कैलाश चौधरी (निर्वाचन क्षेत्र- बाड़मेर (राजस्थान)