अपने जुलाई 2021 वर्ल्ड इकनोमिक आउटलुक(WEO) ‘फॉल्ट लाइन्स वाइडन इन द ग्लोबल रिकवरी’ में, इंटरनेशनल मोनेटरी फंड(IMF) ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद के विकास के पूर्वानुमान को 12.5 प्रतिशत (अप्रैल 2021 के प्रक्षेपण) से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया और वित्त वर्ष 23 के लिए विकास पूर्वानुमान को 6.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.5 प्रतिशत कर दिया।
प्रमुख बिंदु:
i.IMF ने 2021 में वैश्विक आर्थिक विकास के अनुमान को 6 प्रतिशत और 2022 के लिए 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
ii.वैश्विक व्यापार की मात्रा 2021 में 9.7 प्रतिशत और 2022 में मध्यम से 7.0 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है।
iii.G20 अर्थव्यवस्थाओं में भारत और इंडोनेशिया को सबसे अधिक पीड़ित के रूप में उल्लेख किया गया था।
iv.इसने वित्त वर्ष 21 (-7.3 प्रतिशत) में एक गहरे संकुचन से भारतीय अर्थव्यवस्था की क्रमिक वसूली की सूचना दी।
v.इसने उच्च खाद्य कीमतों के कारण उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में उच्च मुद्रास्फीति की उम्मीदों की सूचना दी।
वित्त वर्ष 22 में भारत का हालिया GDP विकास अनुमान:
i.विश्व बैंक – 8.3 प्रतिशत
ii.आर्गेनाईजेशन फॉर इकनोमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD) – 9.9 प्रतिशत
iii.एशियाई विकास बैंक – 10 प्रतिशत
iv.भारतीय रिजर्व बैंक – 10.5 प्रतिशत
v.मूडीज – 9.3 प्रतिशत
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IMF ने COVID-19 महामारी को समाप्त करने के लिए 50 बिलियन अमरीकी डालर का प्रस्ताव रखा है। इसने 2021 के अंत तक दुनिया की कम से कम 40% आबादी और शेष 60% को 2022 की पहली छमाही तक टीकाकरण का लक्ष्य रखा है।
इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) के बारे में:
स्थापना – 1944
मुख्यालय – वाशिंगटन, D.C., संयुक्त राज्य अमेरिका
सदस्य देश – 190
MD – क्रिस्टालिना जॉर्जीवा
आर्थिक परामर्शदाता एवं अनुसंधान विभाग निदेशक – गीता गोपीनाथ