सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ इनडायरेक्ट टैक्सेज & कस्टम्स(CBIC) द्वारा एक अधिसूचना के अनुसार, 1 अप्रैल 2021 से 50 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाले करदाताओं के लिए व्यापार से व्यापार (B2B) लेनदेन के लिए ई-चालान-प्रक्रिया अनिवार्य होगा।
-यह GST शासन के तहत अनिवार्य ई-चालान-प्रक्रिया का तीसरा चरण है। ई-चालान-प्रक्रिया के पहले चरण में INR 500 करोड़ टर्नओवर वाली व्यावसायिक संस्थाएं शामिल & INR 100 करोड़ के साथ दूसरे चरण में शामिल हैं।
-केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) नियम, 2017 के तहत ई-चालान-प्रक्रिया अनिवार्य है।
लाभ
i.बिक्री की रिपोर्टिंग, त्रुटियों को कम करने, बेमेल में पारदर्शिता लाना।
ii.डाटा एंट्री कार्य का स्वचालन और अनुपालन में सुधार।
iii.यह कर चोरी को रोकने में मदद करेगा।
iv.ई-चालान-प्रक्रिया से ई-वे बिल बनाने में आसानी होती है।
ई-चालान-प्रक्रिया
करदाताओं को अपने आंतरिक सिस्टम पर चालान बनाने और सरकार के इनवॉइस रजिस्ट्रेशन पोर्टल (IRP) पर ऑनलाइन रिपोर्ट करने की आवश्यकता है। यह सूचना को मान्य करेगा और करदाता को एक QR कोड के साथ एक अद्वितीय इनवॉइस रिफरेन्स नंबर (IRN) के साथ डिजिटल हस्ताक्षरित ई-चालान-प्रक्रिया लौटाएगा।
छूट गए सेक्टर
परिवहन, बीमा और बैंकिंग कंपनियां, वित्तीय संस्थान, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC), माल परिवहन एजेंसियां और यात्री परिवहन सेवाएं, विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) में इकाइयों को ई-चालान से छूट दी गई है।
हाल के संबंधित समाचार:
25 फरवरी 2021 को, राजस्व विभाग के तहत मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉर्पोरेट अफेयर्स(MCA) और सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स(CBIC), वित्त मंत्रालय ने दोनों संगठनों के बीच डेटा विनिमय के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के बारे में:
यह वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन राजस्व विभाग का हिस्सा है।
अध्यक्ष – M अजीत कुमार
प्रधान कार्यालय – नई दिल्ली