Current Affairs PDF

DAC ने 1.05 लाख करोड़ रुपये की स्वदेशी रक्षा खरीद को मंजूरी दी

AffairsCloud YouTube Channel - Click Here

AffairsCloud APP Click Here

Defence Acquisition Council clears 10 capital acquisition proposals worth over Rs 1.05 lakh cr

जुलाई 2025 में, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC), रक्षा मंत्रालय (MoD)  ने खरीद (भारतीय-स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित, IDDM) श्रेणी के तहत लगभग 1.05 लाख करोड़ रुपये के 10 पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दी।

  • पूरी तरह से भारतीय विक्रेताओं से प्राप्त होने वाली इन खरीदों के लिये कम-से-कम 50% स्वदेशी सामग्री और पूर्ण घरेलू डिज़ाइन एवं विकास की आवश्यकता होती है, जो रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत पहल का समर्थन करते हैं।
  • मंजूरी भारतीय सेना (IA), भारतीय नौसेना (IN), और भारतीय वायु सेना (IAF) में फैली हुई है, जिसमें गतिशीलता, मारक क्षमता, रसद दक्षता और समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने पर महत्वपूर्ण ध्यान दिया गया है।

प्रमुख स्वीकृतियां:

डीएसी ने निम्नलिखित प्रमुख खरीदों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (AoN) प्रदान की:

1.क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) सिस्टम:
उद्देश्य: 30 किलोमीटर (km) तक की सीमा के साथ हवाई खतरों के खिलाफ मोबाइल वायु रक्षा को बढ़ाना।

2. बख्तरबंद रिकवरी वाहन (ARV):
के लिये: IA
उद्देश्य:: युद्ध के मैदान की स्थिति में बख्तरबंद वाहनों (जैसे टैंक) को पुनर्प्राप्त करने और मरम्मत करने के लिए।

3. इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सिस्टम:
के लिए: भारतीय सशस्त्र बल (त्रि-सेवाएं – सेना, नौसेना, वायु सेना)
उद्देश्य: दुश्मन संचार और रडार के खिलाफ पता लगाने, अवरोधन और प्रतिवाद के लिए।

4. एकीकृत सामान्य सूची प्रबंधन प्रणाली (ICIMS):
भारतीय सशस्त्र बलों का
उद्देश्य: रसद, भंडारण और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना।

5. सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें:
भारतीय सशस्त्र बलों का
उद्देश्य: बहुस्तरीय वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करना।

6. प्रोसेसर आधारित मूर्ड माइन (PBMM):
भारतीय नौसेना (IN)
उद्देश्य: महत्वपूर्ण समुद्री क्षेत्रों को सुरक्षित करके दुश्मन की पहुंच को रोकना।

7. माइन काउंटर माप वेसल्स (MCMV):
के लिए: भारतीय नौसेना

मात्रा: 12 जहाज
मूल्य: 44,000 करोड़ रुपये से अधिक
उद्देश्य: पानी के नीचे की खानों का पता लगाना और उन्हें बेअसर करना; बंदरगाह और नौसेना सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण।

8. सुपर रैपिड गन माउंट्स:
के लिये: IN
उद्देश्य:  हवाई और सतह के खतरों का मुकाबला करने के लिए नौसेना तोपखाने प्रणाली।

9. पनडुब्बी स्वायत्त जहाजों:
के लिये: IN
उद्देश्य:  पानी के नीचे निगरानी, खदान का पता लगाने और पनडुब्बी रोधी संचालन के लिए मानव रहित जहाज।

10. प्रोसेसर-आधारित मूर्ड माइन्स (PBMM):
के लिये: IN
द्वारा विकसित: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), MoD
उद्देश्य: उन्नत पानी के नीचे की खदानें दबाव/ध्वनिक पहचान के आधार पर सतह/उप-सतह के खतरों को उलझाने में सक्षम हैं।

रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) के बारे में:

रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) भारत में रक्षा खरीद से संबंधित मामलों के लिए रक्षा मंत्रालय (MoD) का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है। इसकी स्थापना 2001 में कारगिल युद्ध (1999) के बाद ‘राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में सुधार’ पर मंत्रियों के समूह की सिफारिशों के बाद की गई थी।

संयोजन:

अध्यक्ष: केंद्रीय रक्षा मंत्री (राजनाथ सिंह) सदस्य:

  • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS): जनरल अनिल चौहान
  • थल सेनाध्यक्ष (COAS): जनरल उपेंद्र द्विवेदी
  • नौसेनाध्यक्ष (CNS): एडमिरल दिनेश K. त्रिपाठी
  • वायु सेना प्रमुख (CAS): एयर चीफ मार्शल A.P सिंह

रक्षा मंत्रालय (MoD) के बारे में:
 केंद्रीय मंत्री – राजनाथ सिंह (निर्वाचन क्षेत्र – लखनऊ, उत्तर प्रदेश, UP)
राज्य मंत्री (MoS) – संजय सेठ (निर्वाचन क्षेत्र – रांची, झारखंड)