आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रशंसा दिवस प्रतिवर्ष 16 जुलाई को दुनिया भर में समाज, अर्थव्यवस्था और नवाचार पर AI के परिवर्तनकारी प्रभाव को पहचानने के लिए मनाया जाता है।
- वर्ष 2025 में भारत ने इस दिन को AI के प्रभाव का जश्न मनाने और जिम्मेदारी एवं नैतिक रूप से इसका उपयोग करने के महत्त्व को प्रतिबिंबित करने के लिये एक क्षण के रूप में मनाया।
पृष्ठभूमि:
AI प्रशंसा दिवस की स्थापना मई 2021 में संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) स्थित AI हार्ट LLC द्वारा AI के नैतिक उपयोग और जटिल मानवीय चुनौतियों का समाधान करने में इसकी क्षमता के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।
AI का विकास:
i.AI अनुसंधान की उत्पत्ति 1950 के दशक की है, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख मील के पत्थर हैं:
- 1943: मैकुलोच और पिट्स द्वारा पहले कृत्रिम न्यूरॉन्स का परिचय।
- 1956: “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)” शब्द डार्टमाउथ कार्यशाला के दौरान गढ़ा गया था।
ii.AI नैतिकता पर बहस मैरी शेली द्वारा फ्रेंकस्टीन जैसे प्रारंभिक साहित्य के माध्यम से उभरी, और एलन ट्यूरिंग के चर्च-ट्यूरिंग थीसिस जैसे कंप्यूटिंग सिद्धांतों में, जिसने सुझाव दिया कि मशीनें बाइनरी कोड का उपयोग करके तार्किक संचालन कर सकती हैं।
भारत की AI यात्रा:
i.भारत की AI यात्रा 1960 के दशक में शुरुआती कंप्यूटर विज्ञान पहल के साथ शुरू हुई थी। एक प्रमुख मील का पत्थर 1986 में ज्ञान-आधारित कंप्यूटर सिस्टम (KBCS) परियोजना का शुभारंभ था।
ii.1990 के दशक में, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) ने AI और सुपरकंप्यूटिंग प्रयासों को काफी उन्नत किया। 2000 के दशक में, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इन्फोसिस और विप्रो जैसी प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (IT) कंपनियों ने AI में निवेश करना शुरू किया।
iii.नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (NITI) आयोग द्वारा डिजिटल इंडिया प्रोग्राम (2015) और AI के लिए राष्ट्रीय रणनीति (2018) ने स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शिक्षा, स्मार्ट शहरों और शासन जैसे क्षेत्रों में AI को अपनाने में तेजी लाई।
iv.इस वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार (GoI) ने स्किल इंडिया AI पोर्टल, नेशनल AI स्किलिंग प्रोग्राम और AI यूथ बूटकैंप जैसी पहल शुरू की।
- ये कार्यक्रम छात्रों और श्रमिकों के लिए प्रशिक्षण, प्रमाणन और व्यावहारिक परियोजना अनुभव प्रदान करते हैं, जबकि व्यावसायिक केंद्र पारंपरिक उद्योगों को बढ़ाने के लिए AI उपकरणों को तेजी से एकीकृत कर रहे हैं।
IndiaAI मिशन और भविष्य का दृष्टिकोण:
i.मार्च 2024 में, MeitY ने डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के माध्यम से और नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (NASSCOM) के सहयोग से, पांच साल (2024-2029) की अवधि के लिए 10,371.92 करोड़ रुपये के कुल बजट के साथ IndiaAI मिशन लॉन्च किया।
ii.मिशन का उद्देश्य उन्नत AI कंप्यूटिंग सिस्टम बनाना, एक राष्ट्रीय AI डेटासेट प्लेटफॉर्म (AI कोशा) बनाना, AI स्टार्टअप और इनोवेशन केंद्रों का समर्थन करना और AI का सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग सुनिश्चित करना है।
नोट: वर्ष 2025 तक भारत 500 से अधिक AI स्टार्टअप की मेजबानी करता है, जिसमें हैदराबाद (तेलंगाना) एक प्रमुख AI हब के रूप में उभर रहा है। भारत का AI बाज़ार वर्ष 2027 तक 17 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है , जो सालाना 25-35% की दर से बढ़ रहा है।