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Current Affairs 17 August 2024 Hindi

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दोस्तों, affairscloud.com में आपका स्वागत है। हम यहां आपके लिए 17 अगस्त 2024 के महत्वपूर्ण करंटअफेयर्स को विभिन्न अख़बारों जैसे द हिंदू, द इकोनॉमिक टाइम्स, PIB, टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडिया टुडे, इंडियन एक्सप्रेस, बिजनेस स्टैंडर्ड,जागरण से चुन करके एक अनूठे रूप में पेश करते हैं। हमारे Current Affairs से आपको बैंकिंग, बीमा, UPSC, SSC, CLAT, रेलवे और अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद मिलेगी

NATIONAL AFFAIRS

NIRF रैंकिंग 2024: IIT मद्रास ने छठी बार समग्र श्रेणी में शीर्ष स्थान हासिल किया; IISC बेंगलुरु ने यूनिवर्सिटीज की श्रेणी में शीर्ष स्थान हासिल किया
NIRF Ranking 2024 IIT Madras bags top spot in overall category; IISC Bengaluru tops Universities categoryकेंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा मंत्रालय (MoE) ने नेशनल इंस्टीटूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) में पहचाने गए और परिभाषित मापदंडों के आधार पर 9थ एडिशन ऑफ इंडिया रैंकिंग्स (2024) जारी किया है।
i.भारत रैंकिंग 2024 के अनुसार, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) मद्रास, चेन्नई, तमिलनाडु (TN) ने लगातार छठी बार देश की समग्र श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ एजुकेशनल इंस्टीटूशन के रूप में शीर्ष स्थान हासिल किया है। इसके बाद इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (IISc), बेंगलुरु, कर्नाटक दूसरे स्थान पर और IIT बॉम्बे, मुंबई, महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर है। IIT मद्रास ने लगातार 9वें वर्ष यानी 2016 से 2024 तक भारत रैंकिंग 2024 के इंजीनियरिंग विषय में अपना पहला स्थान बरकरार रखा है।
ii.वर्ष 2024 के लिए, यह ढांचा यूनिवर्सिटीज, रिसर्च इंस्टिट्यूटों, डिग्री कॉलेजों, नवाचार और इंजीनियरिंग, प्रबंधन, फार्मेसी, लॉ, चिकित्सा, दंत चिकित्सा, आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग, और कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में अनुशासन-विशिष्ट रैंकिंग की श्रेणियों में अलग-अलग रैंकिंग के साथ-साथ एक व्यापक “समग्र” रैंक प्रदान करता है।
iii.इसके अतिरिक्त, ओपन यूनिवर्सिटी, स्टेट पब्लिक यूनिवर्सिटी और स्किल यूनिवर्सिटी भी इस वर्ष की रैंकिंग में नए वर्टिकल के रूप में शामिल किए गए हैं।
शिक्षा मंत्रालय (MoE) के बारे में:
केंद्रीय मंत्री – धर्मेंद्र प्रधान (निर्वाचन क्षेत्र – संबलपुर, ओडिशा)
राज्य मंत्री (MoS) – सुकांत मजूमदार (बालुरघाट, पश्चिम बंगाल (WB)), जयंत चौधरी (स्वतंत्र प्रभार-IC) (राज्यसभा- उत्तर प्रदेश (UP))
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3 भारतीय आर्द्रभूमि, TN से 2 & MP से 1 को रामसर सूची में जोड़ा गया, कुल 85 स्थल
India Adds Three More Wetlands to Ramsar List, Totaling 85 Sitesकेंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) ने घोषणा की कि भारत से 3 आर्द्रभूमि अर्थात् तमिलनाडु (TN) में नांजरायण पक्षी अभ्यारण्य और काझुवेली पक्षी अभ्यारण्य और मध्य प्रदेश (MP) में तवा जलाशय को अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि के रूप में नामित किया गया है, जिसे रामसर साइट्स भी कहा जाता है।

  • इसके साथ, भारत में रामसर स्थलों की संख्या 85 हो जाती है, जो 1,358,068 हेक्टेयर (Ha) के क्षेत्र को कवर करती है।
  • TN में सबसे अधिक रामसर स्थल (18) हैं, इसके बाद उत्तर प्रदेश (UP) (10) का स्थान है।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) के बारे में:
केंद्रीय मंत्री- भूपेंद्र यादव (निर्वाचन क्षेत्र- अलवर, राजस्थान)
राज्य मंत्री (MoS)- कीर्ति वर्धन सिंह (निर्वाचन क्षेत्र- गोंडा, उत्तर प्रदेश)
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किरेन रिजिजू & जॉर्ज कुरियन ने ‘जियो पारसी योजना पोर्टल’ & ‘हज एप्लीकेशन 2025’ लॉन्च किया
Kiren Rijiju & George Kurian Launch Haj Application 2025 & Jiyo Parsi Scheme Portal13 अगस्त 2024 को, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय (MoMA) ने राज्य मंत्री (MoS) जॉर्ज कुरियन, MoMA के साथ मिलकर नई दिल्ली, दिल्ली के मंथन हॉल में ‘जियो पारसी योजना पोर्टल’ और ‘हज एप्लीकेशन (ऐप) – 2025’ लॉन्च किया।
मुख्य लोग:
इस अवसर पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा और NCM के उपाध्यक्ष केरसी कैखुशरू देबू और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
जियो पारसी योजना पोर्टल के बारे में:
यह पोर्टल पारसियों को आवेदन करने, अपने आवेदन की स्थिति की जाँच करने और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) मोड के माध्यम से ऑनलाइन वित्तीय सहायता प्राप्त करने में सक्षम करेगा।
जियो पारसी योजना के बारे में:
i.जियो पारसी योजना 2013-14 में शुरू की गई एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। इसे MoMA द्वारा क्रियान्वित किया जाता है।
ii.योजना का उद्देश्य पारसी आबादी को स्थिर करना और वैज्ञानिक प्रोटोकॉल और संरचित हस्तक्षेपों को अपनाकर जनसंख्या में गिरावट की प्रवृत्ति को उलटना है।
iii.योजना के तीन घटक: चिकित्सा सहायता, वकालत और समुदाय का स्वास्थ्य हैं।
iv.यह पारसी दंपतियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है ताकि वे मानक चिकित्सा उपचार, बाल देखभाल और अपने बुजुर्ग आश्रितों के लिए सहायता प्राप्त कर सकें। इस कार्यक्रम से अब तक 400 से अधिक पारसी युवा लाभान्वित हुए हैं।
हज ऐप – 2025 के बारे में:
i.यह पहली बार है कि हज समिति ऑफ इंडिया (HCI) की वेबसाइट के अलावा हज सुविधा ऐप पर भी आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।

  • हज-2025 के लिए आवेदन करने वाले तीर्थयात्रियों की मदद के लिए HCI की एक हेल्पलाइन के साथ-साथ सोशल मीडिया पर समर्पित चैनल भी चालू किए जा रहे हैं।

ii.हज-2025 के लिए आवेदन पत्र खुल गए हैं और लोग 9 सितंबर 2024 तक आवेदन कर सकते हैं।
iii.यह ऐप तीर्थयात्रियों को प्रशिक्षण सामग्री, आवास और उड़ान विवरण, सामान की जानकारी, आपातकालीन हेल्पलाइन (SOS), शिकायत निवारण, फीडबैक, भाषा अनुवाद और तीर्थयात्रा से संबंधित विविध जानकारी और सेवाओं तक पहुंच प्रदान करेगा।
iv.यह सऊदी अरब में भारतीय प्रशासन द्वारा तीर्थयात्रियों के बेहतर समन्वय और नियंत्रण की सुविधा भी प्रदान करता है।
मुख्य बिंदु:
i.सऊदी अरब साम्राज्य (KSA) द्वारा हज 2025 के लिए भारत को 1.75 लाख से अधिक का कोटा आवंटित किया गया है।

  • उम्मीदवारों के पास मशीन-पठनीय अंतरराष्ट्रीय पासपोर्ट होना चाहिए जो कम से कम 15 जनवरी, 2026 तक वैध हो और आवेदन की अंतिम तिथि को या उससे पहले जारी किया गया हो।

ii.हज प्रशासन ने लेडीज विदाउट मेहरम (LWM) श्रेणी के तहत 45 वर्ष या उससे अधिक आयु की मुस्लिम महिलाओं को बिना मेहरम (पुरुष साथी) के हज करने की अनुमति दी है।

  • यह आयु मानदंड पहले 70 वर्ष था, तथा अब इसे तीर्थयात्रा की कठिन और कष्टसाध्य प्रकृति तथा KSA की कठोर जलवायु परिस्थितियों के कारण घटा दिया गया है।

हज समिति के बारे में:
भारतीय हज समिति एक स्वायत्त निकाय है, जो MoMA, भारत सरकार (GoI), नई दिल्ली के अधीन काम करती है। इसकी स्थापना मुसलमानों के हज के लिए तीर्थयात्रा की व्यवस्था करने के लिए की गई है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय (MoMA) के बारे में:
केंद्रीय मंत्री – किरेन रिजिजू (निर्वाचन क्षेत्र – अरुणाचल प्रदेश (AR), पश्चिम)
राज्य मंत्री (MoS) – जॉर्ज कुरियन (निर्वाचन क्षेत्र – केरल)

GoI ने अपतटीय खनिज अन्वेषण और उत्पादन को बढ़ाने के लिए अपतटीय क्षेत्र खनिज न्यास नियम, 2024 पेश किए
Centre unveils rules to boost offshore mineral exploration & productionखान मंत्रालय, भारत सरकार (GoI) ने अपतटीय क्षेत्र खनिज न्यास नियम, 2024 पेश किए हैं, जो भारत के अपतटीय क्षेत्रों में खनिज अन्वेषण और उत्पादन की देखरेख के लिए पहली बार ढांचा स्थापित किया है।
महत्व:
i.ये नियम भारत के अपतटीय खनिज क्षेत्र में आर्थिक विकास और पारिस्थितिक स्थिरता के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करते हैं
ii.नए नियमों के तहत, अपतटीय खदानों के उत्पादन पट्टाधारकों को अपने रॉयल्टी पेमेंट का 10% न्यास को देना होगा।
iii.यह राशि भारत के सार्वजनिक खाते (PAI) में जमा की जाएगी, जिससे न्यास की वित्तीय नींव मजबूत होगी।

  • न्यास का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक कल्याण सुनिश्चित करते हुए सतत अन्वेषण को बढ़ावा देना है।

मुख्य बिंदु:
i.नियम अपतटीय खनिज नीलामी के पहले दौर का मार्ग प्रशस्त करते हैं, जिसके जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।
ii.खान मंत्रालय ने संभावित नीलामी के लिए 10 अपतटीय खनिज ब्लॉकों की पहचान की है, जिसके लिए अंतर-मंत्रालयी परामर्श वर्तमान में चल रहा है।
iii.विनियमन विभिन्न प्रकार के भंडारों और खनिजों के लिए विशिष्ट अन्वेषण मानदंड निर्धारित करते हैं।

  • इसमें कंस्ट्रक्शन-ग्रेड सिलिका सैंड, नॉन-कंस्ट्रक्शन-ग्रेड कैल्केरियस सैंड और मिट्टी, फॉस्फेटिक सेडिमेंट्स, डीप सी मिनरल्स (DSM), रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) मिनरल्स, हाइड्रोथर्मल मिनरल्स और नोड्यूल शामिल हैं।

न्यास की जिम्मेदारियाँ:
i.न्यास अनुसंधान करेगा, पारिस्थितिक प्रभावों को कम करेगा, आपदा राहत प्रदान करेगा, प्रभावित समुदायों का समर्थन करेगा और अपतटीय खनिज अन्वेषण और उत्पादन में नवाचार को बढ़ावा देगा।
ii.न्यास का उद्देश्य अपतटीय खनिजों की खोज और शोधन में संस्थानों, स्टार्टअप और लघु और मध्यम उद्यमों (SME) को निधि देना है,
iii.यह विस्तृत भूवैज्ञानिक और भूभौतिकीय सर्वेक्षणों की सुविधा प्रदान करेगा और उन्नत अन्वेषण विधियों को बढ़ावा देगा।
iv.यह कार्यशालाओं और संगोष्ठियों के माध्यम से प्रौद्योगिकी और ज्ञान के आदान-प्रदान में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देगा।
v.न्यास समुद्री संरक्षण पर जोर देता है, जिसका उद्देश्य पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करना और अपतटीय परिचालन में शामिल कर्मियों के कौशल को बढ़ाना है।

भारत & इज़राइल ने IIT मद्रास में CoWT स्थापित करने के लिए साझेदारी की
India-Israel partnership to establish new Water Technology Center at IIT Madrasभारत और इज़राइल ने चेन्नई, तमिलनाडु (TN) में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास में जल संसाधन प्रबंधन (WRM) और जल प्रौद्योगिकियों में ‘जल प्रौद्योगिकी केंद्र (CoWT)’ स्थापित करने के लिए साझेदारी की है।

  • इस पहल को शुरू करने के लिए 5 से 8 अगस्त, 2024 तक IIT-मद्रास में ‘शहरी क्षेत्रों में 24/7 जल आपूर्ति’ पर क्षमता निर्माण पाठ्यक्रम आयोजित किया गया।
  • यह पाठ्यक्रम शहरी जल प्रणालियों के प्रबंधन के लिए हितधारकों को आवश्यक कौशल प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है।

पृष्ठभूमि:
2023 में CoWT की स्थापना के लिए रूपरेखा को रेखांकित करने वाले एक त्रिपक्षीय समझौते पर इज़राइल दूतावास, IIT मद्रास और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) के अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (AMRUT) मिशन द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।

  • यह सहयोग जल की कमी और प्रबंधन के महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के लिए भारत और इज़राइल की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

CoWT के बारे में:
i.CoWT का उद्देश्य जल प्रौद्योगिकी नवाचार, अनुसंधान और क्षमता निर्माण के लिए एक हब के रूप में कार्य करना है, जिसमें स्थायी शहरी जल आपूर्ति समाधानों पर विशेष जोर दिया जाएगा।
ii.यह केंद्र भारत और इज़राइल के बीच प्रौद्योगिकी, वैज्ञानिक जानकारी और साहित्य के पारस्परिक आदान-प्रदान की दिशा में काम करता है।
iii.यह दोनों देशों के विशेषज्ञों को पेयजल, सीवरेज मैनेजमेंट जैसे मुद्दों पर चर्चा और परामर्श करने और हस्तक्षेप के नए क्षेत्रों को विकसित करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा।
iv.इस प्रतिष्ठान से सभी के लिए एक सतत जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के भारत के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास के बारे में:
निदेशक – प्रोफेसर कामकोटि वीज़ीनाथन
स्थित – चेन्नई, तमिलनाडु (TN)
स्थापना – 1959
इज़राइल के बारे में:
राष्ट्रपति – इसहाक हर्ज़ोग
प्रधानमंत्री (PM) – बेंजामिन नेतन्याहू
राजधानी – यरुशलम
मुद्रा – नई इज़राइली शेकेल (NIS)

EEPC इंडिया & ISSDA ने MSME के स्टील उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए MoU पर हस्ताक्षर किए
EEPC India, ISSDA sign MoU to promote MSME exports, international tradeइंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन कॉउन्सिल ऑफ इंडिया (EEPC इंडिया) और इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन (ISSDA) ने इंजीनियरिंग और स्टेनलेस स्टील क्षेत्रों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के सदस्यों के निर्यात को बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
मुख्य लोग:
MoU पर EEPC इंडिया के कार्यकारी निदेशक (ED) अधीप मित्रा और ISSDA के ED रोहित कुमार ने हस्ताक्षर किए। हस्ताक्षर समारोह में ISSDA के अध्यक्ष राजमणि कृष्णमूर्ति और EEPC इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
मुख्य बिंदु:
i.इस MoU का उद्देश्य निर्यात के लिए उत्पादों की पहचान करना और व्यापार प्रदर्शनियों, क्रेता-विक्रेता बैठकों और आर्थिक शिखर सम्मेलनों के माध्यम से व्यापार गतिविधियों को बढ़ावा देना है क्योंकि यह समझौता व्यापार/व्यवसाय संबंधी सूचनाओं के हस्तांतरण और आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है और इसे सदस्य निर्यातकों तक प्रसारित करता है।
ii.यह समझौता व्यापार संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ाएगा और संयुक्त उद्यमों (JV) और तकनीकी सहयोग के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय निवेश को बढ़ावा देगा।
iii.इस सहयोग के हिस्से के रूप में, EEPC इंडिया और ISSDA इंजीनियरिंग सामान और स्टेनलेस स्टील क्षेत्रों के विकास का समर्थन करने के लिए क्षेत्रीय क्षमता निर्माण सत्र आयोजित करेंगे।
iv.यह साझेदारी वैश्विक बाजार में भारतीय व्यवसायों के लिए नए अवसर पैदा करने के लिए EEPC इंडिया और ISSDA की विशेषज्ञता और नेटवर्क का लाभ उठाएगी।
इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन कॉउन्सिल ऑफ इंडिया (EEPC इंडिया) के बारे में:
यह भारत में प्रमुख व्यापार और निवेश संवर्धन संगठन है, जो वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (MoCI), भारत सरकार (GoI) द्वारा प्रायोजित है।
अध्यक्ष – अरुण कुमार गरोडिया
मुख्यालय – नई दिल्ली, दिल्ली
स्थापना – 1955
इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन (ISSDA) के बारे में:
यह एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत है, जो भारत में स्टेनलेस स्टील उद्योग के विकास और वृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है।
अध्यक्ष – राजमणि कृष्णमूर्ति
मुख्यालय – गुरुग्राम, हरियाणा
स्थापना – 1989

IRCTC & NCRTC ने ‘वन इंडिया – वन टिकट’ पहल शुरू करने के लिए सहयोग किया
भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने ‘वन इंडिया – वन टिकट’ पहल शुरू करने के लिए सहयोग किया है, जिसे भारतीय रेलवे (IR) और नमो भारत ट्रेनों में यात्रियों के लिए यात्रा के अनुभव को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
i.उद्देश्य: यात्रियों को भारतीय रेलवे और RRTS सेवाओं दोनों का उपयोग करके आसानी से बुकिंग और यात्रा करने की अनुमति देकर यात्रा को सरल बनाना।
ii.यह पहल यात्रियों को लचीले रद्दीकरण और भुगतान विकल्पों के साथ IRCTC प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक ही बुकिंग में 8 यात्रियों के लिए नमो भारत टिकट बुक करने की अनुमति देगी।
iii.प्रत्येक रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) टिकट के लिए अद्वितीय  क्विक रेस्पॉन्स (QR) कोड उत्पन्न किया जा सकता है जो इलेक्ट्रॉनिक रिजर्वेशन स्लिप (ERS) पर मुद्रित किया जाएगा। कोड यात्रा तिथि विकल्पों के आसपास 4 दिनों के लिए वैध होगा।
iv.नमो भारत टिकटें वर्तमान रेलवे रिजर्वेशन विंडो के अनुसार 120 दिन पहले तक आरक्षित की जा सकती हैं।
नोट: नमो भारत ट्रेन एक भारतीय इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (EMU) ट्रेन है जिसे रीजनल  रैपिड ट्रांजिट सर्विस (RRTS) के लिए बनाया गया है।

MoNPG ने उत्पादन बढ़ाने के लिए ONGC और OIL के लिए 20% गैस मूल्य प्रीमियम को मंजूरी दी
12 अगस्त 2024 को, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) ने राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों – तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ONGC), नई दिल्ली (दिल्ली) और ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL), नोएडा, उत्तर प्रदेश (UP) के नामित क्षेत्रों में नए कुओं या कुओं के हस्तक्षेप से उत्पादित किसी भी प्राकृतिक गैस के लिए विनियमित या प्रशासित मूल्य तंत्र (APM) मूल्य पर 20% प्रीमियम को मंजूरी दी है।

  • इस कदम से फर्मों को नई गैस विकास परियोजनाओं को अधिक व्यवहार्य बनाने और नामित क्षेत्रों से प्राकृतिक गैस के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

i.अधिसूचना के अनुसार, ONGC और OIL के नामित क्षेत्रों से उत्पादित गैस को कच्चे तेल की कीमत से जुड़ी मौजूदा नीति के तहत भारतीय कच्चे तेल की टोकरी की कीमत का कुल 12% प्रीमियम मिलेगा।
ii.वर्तमान में, APM गैस की कीमत भारतीय कच्चे तेल की टोकरी की कीमत के 10% पर तय की गई है और इस दर को पेट्रोलियम प्लानिंग & एनालिसिस सेल (PPAC) द्वारा मासिक रूप से समायोजित किया जाता है।
iii.यह नीति 2030 तक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी 6% से बढ़ाकर 15% करने के भारत सरकार (GoI) के लक्ष्य के अनुरूप है।
नोट: वर्तमान में, भारत के तलछटी बेसिन में लगभग 651.8 मिलियन टन कच्चा तेल और 1,138.6 बिलियन क्यूबिक मीटर (m3) प्राकृतिक गैस है। लेकिन, फिर भी भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का 85% आयात करता है।

BANKING & FINANCE

RBI ने HFC को NBFC के बराबर लाने के लिए उनके मानदंडों को कड़ा किया
Reserve Bank of India tightens HFC norms to bring them on a par with NBFCs12 अगस्त 2024 को, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) द्वारा सार्वजनिक जमा स्वीकृति से संबंधित मानदंडों को कड़ा करने के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए, ताकि उन्हें नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल कम्पनीज (NBFC) के बराबर लाया जा सके।

  • संशोधित दिशा-निर्देश 1 जनवरी 2025 से लागू होंगे।
  • ये दिशा-निर्देश “मास्टर डायरेक्शन – NBFC-HFC (रिज़र्व बैंक) डायरेक्शन, 2021” में पेश किए गए थे।

i.संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, जमा स्वीकार करने वाली HFC को अब चरणबद्ध तरीके से उनके द्वारा रखे गए सार्वजनिक जमा की 15% (वर्तमान 13% के मुकाबले) तरल संपत्ति बनाए रखना आवश्यक है, जो 1 जनवरी, 2025 तक तरल संपत्ति का 14% और 1 जुलाई, 2025 तक 15% है।
ii.RBI ने सार्वजनिक जमा स्वीकार करने वाली HFC की मात्रा की सीमा को कम कर दिया है, जो सभी विवेकपूर्ण मानदंडों और मिनिमम इन्वेस्टमेंट ग्रेड क्रेडिट रेटिंग के अनुपालन में है, जो कि शुद्ध स्वामित्व वाली निधि (NoF) के 3 गुना से 1.5 गुना है।
iii.संशोधित विनियमों ने HFC को यह सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य किया है कि उनके द्वारा स्वीकार किए गए सार्वजनिक जमा के लिए हर समय पूर्ण परिसंपत्ति कवर उपलब्ध हो।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बारे में:
गवर्नर– शक्तिकांत दास (RBI के 25वें गवर्नर)
मुख्यालय– मुंबई, महाराष्ट्र
स्थापना– 1 अप्रैल 1935
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ग्रामीण-केंद्रित फिनटेक स्टार्टअप जय किसान ने ऋण वितरण और सह-उधार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए NBFC लाइसेंस हासिल किया
मुंबई (महाराष्ट्र) स्थित ग्रामीण-केंद्रित फिनटेक स्टार्टअप जय किसान ने आपूर्ति श्रृंखला वित्तपोषण कंपनी, कुशल फिनोवेशन कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड (KFCPL), बैंगलोर (कर्नाटक) में बहुमत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से एक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (NBFC) लाइसेंस हासिल किया।
i.NBFC लाइसेंस जय किसान को किसानों और ग्रामीण व्यवसायों को अपने स्वयं के पोर्टफोलियो से ऋण सहित अनुकूलित वित्तीय उत्पाद प्रदान करने में सक्षम करेगा।
ii.अधिग्रहण कंपनी को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) सहित वित्तीय संस्थानों के साथ सह-उधार साझेदारी में प्रवेश करने में सक्षम करेगा।
iii.2017 में अपनी स्थापना के बाद से, जय किसान ने 350 से अधिक कॉरपोरेट्स के साथ भागीदारी की है, 1 लाख से अधिक ग्रामीण व्यवसायों की सेवा की है, 8 लाख से अधिक किसानों की सहायता की है और 6,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण प्रदान किए हैं।

RBI ने विनियामक उल्लंघन के लिए 5 वित्तीय संस्थाओं पर जुर्माना लगाया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कैथोलिक सीरियन बैंक (CSB) लिमिटेड, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI), मुथूट हाउसिंग फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (MHFCL), निडो होम फाइनेंस लिमिटेड (NHFL) (जिसे पहले एडलवाइस हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) और अशोका विनियोगा लिमिटेड नामक पांच संस्थाओं पर विभिन्न विनियामक गैर-अनुपालनों के लिए मौद्रिक जुर्माना लगाया है।
i.CSB बैंक: RBI द्वारा जारी ‘गाइडलाइन्स ऑन मैनेजिंग रिस्क्स एंड कोड ऑफ कंडक्ट इन आउटसोर्सिंग ऑफ फाइनेंसियल सर्विसेज बाय बैंक्स’ और ‘मास्टर सर्कुलर ऑन ब्रांच अथॉराइजेशन’ पर जारी कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए CSB बैंक पर 1.86 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
ii.UBI: बैंकों में बड़े साझा एक्सपोजर के केंद्रीय भंडार के निर्माण और नो योर कस्टमर (KYC) पर कुछ मानदंडों का पालन न करने पर 1.06 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
iii.MHFCL: नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल कम्पनीज (NBFC) – हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (रिजर्व बैंक) निर्देश, 2021’ की कुछ आवश्यकताओं का पालन न करने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
iv.NHFL: RBI द्वारा जारी ‘प्राथमिकता क्षेत्र को बैंकों और NBFC द्वारा सह-उधार’ पर निर्देश के कुछ प्रावधानों का पालन न करने पर NHFL पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
v.अशोक विनियोग लिमिटेड: इसे ‘NBFC – सिस्टमगत रूप से महत्वपूर्ण गैर-जमा लेने वाली कंपनी और जमा लेने वाली कंपनी (रिजर्व बैंक) निर्देश, 2016’ के ‘शासन मुद्दों’ से संबंधित कुछ प्रावधानों का पालन न करने के लिए 3.1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
नोट: RBI ने NBFC के लिए नए नियम पेश किए हैं, जिसके तहत अगर जमाकर्ता किसी आपात स्थिति के कारण निकासी चाहता है तो उन्हें धन स्वीकार करने के पहले 3 महीनों के भीतर जमा राशि का 100% भुगतान करना होगा। RBI ने कहा कि इस तरह की समयपूर्व निकासी के लिए कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा और ये बदलाव 1 जनवरी, 2025 से लागू होंगे।

SCIENCE & TECHNOLOGY

DRDO ने राजस्थान के जैसलमेर में स्वदेशी MP-ATGM का सफल टेस्ट किया
DRDO Successfully Test-Fires Indigenous Man-Portable Anti Tank Guided Missile In Rajasthan's Jaisalmerरक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), रक्षा मंत्रालय (MoD) की अनुसंधान और विकास (R&D) शाखा, और भारतीय सेना ने स्वदेशी रूप से विकसित मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MP-ATGM) का सफल टेस्ट किया।

  • यह टेस्ट राजस्थान के जैसलमेर में पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज (PFFR) में किया गया।

DRDO ने ‘GAURAV’ का सफल पहला फ्लाइट टेस्ट किया
DRDO ने ओडिशा तट से दूर भारतीय वायु सेना (IAF) प्लेटफॉर्म Su-30 MK-I से ‘GAURAV’ नामक लॉन्ग रेंज ग्लाइड बम (LRGB) का पहला फ्लाइट टेस्ट सफलतापूर्वक किया है।

  • GAURAV को हैदराबाद, तेलंगाना में अनुसंधान केंद्र इमारत (RCI) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के बारे में:
DRDO का गठन 1958 में किया गया था।
अध्यक्ष– डॉ. समीर V. कामत
मुख्यालय– नई दिल्ली, दिल्ली
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ISRO ने श्रीहरिकोटा, AP से तीसरी और अंतिम विकास उड़ान SSLV-D3-EOS-08 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया
ISRO's third and final developmental flight SSLV-D3-EOS8 mission launched successfully16 अगस्त 2024 को, इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश (AP) में सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC) से स्माल सैटेलाइट लांच व्हीकल (SSLV-D 3) की अपनी तीसरी और अंतिम विकास उड़ान को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह उपलब्धि ISRO की SSLV विकास परियोजना के पूरा होने का प्रतीक है।

  • इसने U R राव सैटेलाइट सेंटर (URSC), बेंगलुरु (कर्नाटक) द्वारा विकसित अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट (EOS-08) और पैसेंजर सैटेलाइट, SR-0 DEMOSAT, चेन्नई (तमिलनाडु (TN)) स्थित स्टार्टअप, स्पेस रिक्शा का पहला सैटेलाइट और सफलतापूर्वक उन्हें पृथ्वी के चारों ओर 450 किलोमीटर (km) गोलाकार कक्षा में रखा।
  • SSLV-D3-EOS-08 मिशन से ISRO की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के वाणिज्यिक सैटेलाइट प्रक्षेपण कार्यों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
  • मिशन का उद्देश्य एक माइक्रोसैटेलाइट को डिजाइन और विकसित करना, माइक्रोसैटेलाइट बस के साथ संगत पेलोड उपकरण बनाना और भविष्य के परिचालन सैटेलाइट्स के लिए आवश्यक नई तकनीकों को शामिल करना है।

इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ISRO) के बारे में:
अध्यक्ष– श्रीधर पणिक्कर सोमनाथ
मुख्यालय– बेंगलुरु, कर्नाटक
स्थापना– 1969
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बोइंग ने भारतीय नौसेना के P-8I बेड़े को सहायता देने के लिए AIESL के साथ साझेदारी की
Boeing partners AI Engineering Services to support Navy's P-8I fleet13 अगस्त 2024 को, अमेरिकी एयरोस्पेस निर्माण कंपनी, बोइंग ने भारतीय नौसेना (IN) के बारह बोइंग P-8I (पोसाइडन एइट इंडिया), समुद्री निगरानी विमानों के बेड़े के लिए देश में मेंटेनेंस, रिपेयर, एंड ओवरहाल (MRO) सेवाएं प्रदान करने के लिए AI इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (AIESL) के साथ साझेदारी की है।

  • इस साझेदारी ने हाल ही में चेन्नई, तमिलनाडु (TN) में नौसेना बेस इंडियन नेवल शिप (INS) राजाली में पहली बार देश में लैंडिंग गियर ओवरहाल के पूरा होने के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की।
  • यह जटिल MRO सेवाओं को शुरू करने के लिए भारत की स्वदेशी क्षमताओं में वृद्धि को दर्शाता है।

मुख्य बिंदु:
i.इस रणनीतिक साझेदारी के तहत, AIESL भारत की MRO क्षमताओं में रणनीतिक निवेश करना जारी रखेगा जो IN के लिए मिशन तत्परता दरों को बढ़ाएगा।
ii.यह साझेदारी बोइंग इंडिया रिपेयर डेवलपमेंट एंड सस्टेनमेंट (BIRDS) हब कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत में रक्षा और वाणिज्यिक विमानों के लिए एक मजबूत MRO पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।

  • यह देश के भीतर शीर्ष स्तरीय MRO क्षमताओं को स्थापित करने के लिए उप-स्तरीय आपूर्तिकर्ताओं और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को विकसित करके कुशल जनशक्ति बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर भी ध्यान केंद्रित करता है।

P-8I के बारे में:
i.यह एक बहु-भूमिका लंबी दूरी की समुद्री टोही पनडुब्बी रोधी युद्ध (LRMR ASW) विमान है, जो हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में IN के समुद्री निगरानी मिशनों का एक अभिन्न अंग है।
ii.यह P-8A पोसाइडन विमान का एक प्रकार है जिसे बोइंग द्वारा US नौसेना के पुराने P-3 बेड़े के प्रतिस्थापन के रूप में विकसित किया गया था इसकी क्षमता लगभग 10 घंटे की है।
iii.यह 789 किलोमीटर प्रति घंटे (km/h) की अधिकतम गति से उड़ सकता है और 12,496 m की अधिकतम ऊंचाई तक पहुंच सकता है। इसकी अधिकतम क्षमता लगभग 10 घंटे है।
iv.IN में शामिल किए गए आठ P-8I विमान हार्पून ब्लॉक-II मिसाइलों और MK-54 हल्के टॉरपीडो से लैस हैं।
पृष्ठभूमि:
i.1 जनवरी, 2009 को 2.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के 8 P-8I विमानों की खरीद के लिए IN पहला अंतरराष्ट्रीय ग्राहक बन गई।
ii.IN ने 2013 में 8 P-8I विमानों का पहला बैच हासिल किया था, जो चेन्नई, TN के अरकोनम में INS राजाली पर तैनात हैं।
iii.2016 में, भारत ने 4 अतिरिक्त P-8I विमानों के लिए USA के साथ 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए।

  • 2020 में, IN को 9वां P-8I विमान मिला, जो INS हंसा, गोवा नेवल एयरबेस पर तैनात USA के 4 अतिरिक्त विमानों में से पहला था।
  • IN को 2021 में 10वां और 11वां विमान मिला और 2022 में 12वां विमान मिला।

बोइंग के बारे में:
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) – रॉबर्ट K. “केली” ऑर्टबर्ग
मुख्यालय– चिचागो, USA
AI इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (AIESL) के बारे में:

AIESL AI एसेट होल्डिंग कंपनी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और यह भारत सरकार का एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (PSU) है। यह भारत में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा अनुमोदित सबसे बड़ा MRO है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) – शरद अग्रवाल
स्थापना – 2004
मुख्यालय – नई दिल्ली, दिल्ली

OBITUARY

पद्म पुरस्कार विजेता राम नारायण अग्रवाल, ‘अग्नि मिसाइल के जनकका निधन हो गया
Father of Agni missiles, renowned DRDO scientist Ram Narain Agarwal passed awayरक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के प्रसिद्ध मिसाइल वैज्ञानिक, डॉ. राम नारायण अग्रवाल, जिन्हें व्यापक रूप से अग्नि मिसाइलों के जनक के रूप में जाना जाता है, का 84 वर्ष की आयु में हैदराबाद, तेलंगाना में निधन हो गया। उनका जन्म 24 जुलाई 1941 को जयपुर, राजस्थान में हुआ था।

  • विज्ञान और इंजीनियरिंग में उनके योगदान के लिए उन्हें 1990 में पद्म श्री और 2000 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

डॉ. राम नारायण अग्रवाल के बारे में:
i.वे DRDO में एक प्रमुख वैज्ञानिक थे, जिन्होंने अग्नि और अन्य मिसाइल कार्यक्रमों में योगदान दिया।
ii.उनके नेतृत्व में, मई 1989 में प्रौद्योगिकी प्रदर्शनकारी मिसाइल का पहला सफल परीक्षण किया गया था।
iii.1995 में उन्हें अग्नि मिसाइलों का पहला कार्यक्रम निदेशक नियुक्त किया गया था, जिसकी शुरुआत 1983 में हुई थी और उन्हें ‘अग्नि पुरुष’ के नाम से भी जाना जाता था।

  • 1999 तक, डॉ. अग्रवाल और उनकी टीम ने रोड मोबाइल लॉन्चर (RML) क्षमता और अग्नि-1 से भी अधिक उन्नत स्ट्राइक दूरी के साथ नया संस्करण तैयार कर लिया था।

iv.इसके बाद, उन्होंने इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) के विभिन्न संस्करणों के विकास का नेतृत्व किया।
v.वे हैदराबाद में एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी (ASL) के संस्थापक-निदेशक थे।
पुरस्कार/सम्मान:
i.2004 में, डॉ. राम नारायण को एयरोस्पेस और अग्नि मिसाइल में उनके योगदान के लिए DRDO के लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
ii.उनके अन्य पुरस्कारों में DRDO प्रौद्योगिकी नेतृत्व पुरस्कार; श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार; और बीरेन रॉय अंतरिक्ष विज्ञान पुरस्कार शामिल हैं।
iii.वे एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया और नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के फेलो थे।

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Current Affairs 17 अगस्त 2024 Hindi
NIRF रैंकिंग 2024: IIT मद्रास ने छठी बार समग्र श्रेणी में शीर्ष स्थान हासिल किया; IISC बेंगलुरु ने यूनिवर्सिटीज की श्रेणी में शीर्ष स्थान हासिल किया
3 भारतीय आर्द्रभूमि, TN से 2 & MP से 1 को रामसर सूची में जोड़ा गया, कुल 85 स्थल
किरेन रिजिजू & जॉर्ज कुरियन ने ‘जियो पारसी योजना पोर्टल’ & ‘हज एप्लीकेशन 2025’ लॉन्च किया
GoI ने अपतटीय खनिज अन्वेषण और उत्पादन को बढ़ाने के लिए अपतटीय क्षेत्र खनिज न्यास नियम, 2024 पेश किए
भारत & इज़राइल ने IIT मद्रास में CoWT स्थापित करने के लिए साझेदारी की
EEPC इंडिया & ISSDA ने MSME के स्टील उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए MoU पर हस्ताक्षर किए
IRCTC & NCRTC ने ‘वन इंडिया – वन टिकट’ पहल शुरू करने के लिए सहयोग किया
MoNPG ने उत्पादन बढ़ाने के लिए ONGC और OIL के लिए 20% गैस मूल्य प्रीमियम को मंजूरी दी
RBI ने HFC को NBFC के बराबर लाने के लिए उनके मानदंडों को कड़ा किया
ग्रामीण-केंद्रित फिनटेक स्टार्टअप जय किसान ने ऋण वितरण और सह-उधार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए NBFC लाइसेंस हासिल किया
RBI ने विनियामक उल्लंघन के लिए 5 वित्तीय संस्थाओं पर जुर्माना लगाया
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पद्म पुरस्कार विजेता राम नारायण अग्रवाल, ‘अग्नि मिसाइल के जनक’ का निधन हो गया