राष्ट्रीय संविधान दिवस जिसे ‘कॉन्स्टिट्यूशन डे‘ के नाम से भी जाना जाता है, 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में हर साल 26 नवंबर को पूरे भारत में मनाया जाता है।
- 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया था, जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (MoSJ&E) संविधान दिवस मनाने के लिए नोडल मंत्रालय है।
- 26 नवंबर 2023 को भारत के संविधान को अपनाने की 74वीं वर्षगांठ है।
महत्व:
i.इस दिवस का उद्देश्य संविधान में संस्थापक पिताओं के अमूल्य योगदान को सम्मान देना और स्वीकार करना है।
ii.यह भारतीय संविधान के सिद्धांतों की याद दिलाता है और एकता, विविधता और सामाजिक न्याय में देश की ताकत का प्रतीक है।
पृष्ठभूमि:
i.19 नवंबर 2015 को, MoSJ&E ने नागरिकों के बीच संविधान मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने के भारत सरकार के निर्णय को अधिसूचित किया।
ii.2015 में भारतीय संविधान की मसौदा समिति के अध्यक्ष डॉ. B.R. अम्बेडकर की 125वीं जयंती मनाई गई।
- उन्होंने मसौदा आयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
iii.पहला संविधान दिवस 26 नवंबर 2015 को मनाया गया था।
नोट: पहले इस दिन को कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था। 26 नवंबर को संविधान के महत्व को फैलाने और डॉ अम्बेडकर के विचारों और विचारों को फैलाने के लिए चुना गया था।
इतिहास:
i.भारत का संविधान 1946 की कैबिनेट मिशन योजना के तहत गठित एक संविधान सभा द्वारा तैयार किया गया था।
ii.विधानसभा ने 9 दिसंबर, 1946 को अपनी पहली बैठक की और विधानसभा के सबसे बुजुर्ग सदस्य डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को अनंतिम अध्यक्ष के रूप में चुना।
- 11 दिसंबर 1946 को विधानसभा ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद को अपना स्थायी अध्यक्ष चुना।
iii.संविधान सभा ने संविधान तैयार करने के लिए 13 समितियों का गठन किया, जिसमें 29 अगस्त 1947 को डॉ B.R. अंबेडकर की अध्यक्षता में एक मसौदा समिति भी शामिल थी।
नोट: 2023 भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार डॉ B.R. अंबेडकर की 132 वीं जयंती है।
भारतीय संविधान के बारे में मुख्य तथ्य:
i.भारतीय संविधान दुनिया के सबसे लंबे संविधानों में से एक है और यह एकमात्र संविधान है जो 2 भाषाओं, अंग्रेजी और हिंदी में हस्तलिखित है।
- यह देश को मार्गदर्शन और शासन करने के लिए एक व्यापक ढांचा प्रदान करता है।
ii.यह एक संप्रभु राष्ट्र के लिए दुनिया का सबसे लंबा समय है, जिसमें इसके प्रारंभ के समय 22 भागों में 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं।
- नवंबर 2023 तक, भारतीय संविधान में 25 भागों और 12 अनुसूचियों में 448 अनुच्छेद हैं और 1950 में पहली बार लागू होने के बाद से भारत के संविधान में 106 संशोधन हुए हैं।
iii.यह पूरी तरह से आचार्य नंदलाल बोस के मार्गदर्शन में शांतिनिकेतन के कलाकारों द्वारा दिल्ली में प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा द्वारा सुलेख ग्रंथों के साथ हस्तनिर्मित किया गया था।
- लगभग 145,000 शब्दों में, यह दुनिया में अलबामा के संविधान के बाद दूसरा सबसे लंबा सक्रिय संविधान है।
नोट: भारत के संविधान की मूल प्रतियां भारतीय संसद के पुस्तकालय में विशेष हीलियम से भरे डिब्बों में रखी गई हैं|
संविधान की प्रस्तावना:
i.यह संविधान को मूर्त रूप देने वाले मूल संवैधानिक मूल्यों का प्रतिबिंब है।
ii.यह भारत को लोगों के लिए न्याय, समानता और स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध एक संप्रभु समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है।
2023 कार्यक्रम:
i.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 26 नवंबर 2023 को नई दिल्ली, दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट परिसर में डॉ. BR अंबेडकर की 7 फुट की प्रतिमा का अनावरण करके राष्ट्रीय संविधान दिवस मनाया।
- वकील की पोशाक में सुसज्जित यह मूर्ति 3 फुट के आधार पर खड़ी है, जिसमें डॉ. अंबेडकर हाथ में संविधान की प्रति लिए हुए हैं।
ii.इंडियन नेशनल बार एसोसिएशन (INBA) ने नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में भारतीय संविधान दिवस समारोह के अवसर पर “74वें संविधान दिवस” नामक 12वें वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की।
iii.कानून और न्याय मंत्रालय ने भारतीय कानून संस्थान के सहयोग से विज्ञान भवन में संविधान दिवस मनाया।
- कार्यक्रम के दौरान, ‘ए गाइड टू अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेजोल्यूशन’ और ‘पर्सपेक्टिव्स ऑन कॉन्स्टिट्यूशन एंड डेवलपमेंट’ नामक दो पुस्तकें लॉन्च की गईं।
- राष्ट्रीय कानून विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए ‘लिमिट्स टू लिबर्टी – फंडामेंटल राइट्स vs फंडामेंटल डूटीस‘ विषय पर बहस का आयोजन उत्सव के एक भाग के रूप में किया गया था।
iv.राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान (NTRI), नई दिल्ली ने जनजातीय गौरव उत्सव (15-26 नवंबर 2023) के समापन के हिस्से के रूप में संविधान दिवस कार्यक्रम की मेजबानी की।
CJI DY चंद्रचूड़ ने कैदियों की त्वरित रिहाई और e-SCR के हिंदी संस्करण के लिए FASTER 2.0 पोर्टल लॉन्च किया
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) DY चंद्रचूड़ ने संविधान दिवस के उपलक्ष्य में न्यायिक प्रणाली की दक्षता में सुधार लाने के उद्देश्य से 2 नई पहल की शुरुआत की। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने फास्ट एंड सिक्योर्ड ट्रांसमिशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स (FASTER) 2.0 पोर्टल और e-SCR (सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट्स) पोर्टल का हिंदी संस्करण लॉन्च किया।
- FASTER 2.0 को कैदी की रिहाई के न्यायिक आदेशों को संबंधित अधिकारियों तक तुरंत संप्रेषित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- e-SCR पोर्टल का हिंदी संस्करण सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों को हिंदी में एक्सेस करने की अनुमति देता है और कानूनी जानकारी को अधिक सुलभ और समावेशी बनाता है।
FASTER 2.0 पोर्टल:
i.यह एप्लिकेशन सुनिश्चित करता है कि किसी व्यक्ति की रिहाई के लिए कोई भी न्यायिक आदेश तुरंत जेल प्राधिकरण, जिला अदालत और उच्च न्यायालय को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से स्थानांतरित कर दिया जाए ताकि उनकी समय पर रिहाई सुनिश्चित हो सके।
ii.नई डिजिटल सुविधा का उद्देश्य औपचारिक सरकारी चैनलों के माध्यम से प्राप्त भौतिक ऑर्डर प्रतियों पर निर्भर रहने की समय लेने वाली प्रक्रिया को दूर करना भी है।
प्रमुख लोगों:
इस कार्यक्रम में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी उपस्थित थीं।
- इस कार्यक्रम में एक आभासी न्याय घड़ी का अनावरण भी किया गया, जो सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मामलों की वर्तमान संख्या को प्रदर्शित करती है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के बारे में:
केंद्रीय मंत्री– वीरेंद्र कुमार (निर्वाचन क्षेत्र- टीकमगढ़, मध्य प्रदेश)
राज्य मंत्री (MoS)– रामदास अठावले; A. नारायणस्वामी; प्रतिमा भौमिक