प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 04 अगस्त, 2021 को निम्नलिखित पहलों को मंजूरी दी।
- मार्च 2023 तक 2 साल के लिए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) की निरंतरता।
- 2026 तक 5 साल के लिए समग्र शिक्षा योजना का विस्तार।
- अनुसंधान के लिए IIST और TU डेल्फ़्ट, नीदरलैंड के बीच समझौता ज्ञापन।
मार्च 2023 तक 2 साल के लिए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) की निरंतरता
कैबिनेट ने अप्रैल 2021 से मार्च 2023 तक 2 साल के लिए सेंट्रली स्पॉन्सर्ड स्कीम (CSS) के रूप में 389 अनन्य POCSO(प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ओफ्फेंसेस) न्यायालयों सहित 1023 FTSC को जारी रखने की मंजूरी दी है। 1572.86 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय (971.70 करोड़ रुपये – केंद्रीय हिस्सा और 601.16 करोड़ रुपये – राज्य का हिस्सा) आवंटित किया गया है।
- केंद्र का हिस्सा निर्भया कोष से वित्त पोषित होगा।
- सरकार योजना के तहत सभी 31 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों (UT) को कवर करने का इरादा रखती है। वर्तमान में, केवल 28 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश इसमें शामिल हैं।
पृष्ठभूमि: केंद्र सरकार (सरकार) ने आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 अधिनियमित किया, यह बलात्कार के अपराधियों के लिए मौत की सजा सहित कठोर दंड प्रदान करता है। अधिनियम के अधिनियमन ने फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) की स्थापना भी की।
- FTSC का गठन यौन अपराधों के पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए किया गया था।
- इसके कारण जनवरी 2020 में नेशनल मिशन फॉर सेफ्टी ऑफ़ वीमेन (NMSW) के एक भाग के रूप में 1023 FTSC की स्थापना हुई। जिसमें से 389 न्यायालयों को POCSO अधिनियम, 2012 से संबंधित मामलों के लिए उन जिलों में प्रस्तावित किया गया था जहां ऐसे मामलों की पेंडेंसी 100 से अधिक है।
-2026 तक 5 साल के लिए समग्र शिक्षा योजना का विस्तार
कैबिनेट कमिटी ऑन इकनोमिक अफेयर्स(CCEA) ने संशोधित समग्र शिक्षा योजना के विस्तार को 5 साल के लिए यानी FY22 से FY26 (2021-22 से 2025-26) तक के लिए मंजूरी दे दी। योजना के लिए कुल 2,94,283.04 करोड़ रुपये (केंद्रीय हिस्से के रूप में 1,85,398.32 करोड़ रुपये) आवंटित किए गए हैं।
- इस योजना में 1.16 मिलियन स्कूल, लगभग 156 मिलियन छात्र और सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के 5.7 मिलियन शिक्षक शामिल हैं।
a.नए हस्तक्षेप के साथ संशोधित योजना:
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020(NEP 2020) और सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल फॉर एजुकेशन(SDG-4) की सिफारिशों के आधार पर, समग्र शिक्षा योजना में नए हस्तक्षेप शामिल किए गए हैं। वे:
i.DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) मोड के माध्यम से छात्रों को सीधे हस्तक्षेप प्रदान करने की योजना। यह आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के साथ-साथ अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन(ECCE) शिक्षकों के लिए सेवाकालीन शिक्षक प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
ii.NIPUN (नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिसिएंसी इन रीडिंग विथ अंडरस्टैंडिंग एंड नुमेरकी) भारत मिशन का शुभारंभ। अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें
iii.नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओपन स्कूलिंग(NIOS)/ स्टेट ओपन स्कूल(SOS) के माध्यम से स्कूली शिक्षा पूरी करने के लिए 16 से 19 वर्ष की आयु के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और विकलांग स्कूली बच्चों के लिए प्रति कक्षा 2000 रुपये प्रति बच्चा प्रदान करना।
iv.खेलो इंडिया मेडल वाले कम से कम 2 छात्रों वाले स्कूल के लिए 25000 रुपये का अनुदान।
v.‘रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण‘ के तहत आत्मरक्षा कौशल प्रशिक्षण के लिए 3 महीने की राशि 3000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति माह कर दी गई है।
vi.माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की योजना के तहत NCERT(नेशनल कौंसिल ऑफ़ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) द्वारा NISHTHA(नेशनल इनिशिएटिव फॉर स्कूल हेड्स एंड टीचर्स होलिस्टिक एडवांसमेंट) के तहत प्रशिक्षण मॉड्यूल शामिल किए गए हैं।
vii.यह योजना राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र – PARAKH (परफॉरमेंस, अस्सेस्मेंट्स, रिव्यु एंड एनालिसिस ऑफ़ नॉलेज फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट) की गतिविधियों का भी समर्थन करेगी।
b.पृष्ठभूमि:
समग्र शिक्षा, प्री-स्कूल से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों की स्कूली शिक्षा के लिए सेंट्रली स्पॉन्सर्ड स्कीम (CSS) 2018 में शुरू की गई थी। इसने सर्व शिक्षा अभियान (SSA), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) और टीचर एजुकेशन (TE) को शामिल कर लिया।
ii.यह स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।
iii.इसका उद्देश्य ‘राइट ऑफ़ चिल्ड्रन टू फ्री एंड कंपल्सरी एजुकेशन’ (RTE) अधिनियम, 2009 के कार्यान्वयन के लिए सहायता प्रदान करना है।
–अनुसंधान के लिए IIST और TU डेल्फ़्ट, नीदरलैंड के बीच समझौता ज्ञापन
कैबिनेट ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अकादमिक कार्यक्रमों और अनुसंधान के लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी(IIST) और द डेल्फ्ट यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी(TU डेल्फ़्ट), नीदरलैंड के बीच एक समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी।
- MoU में फैकल्टी और स्टूडेंट एक्सचेंज, ज्वाइंट रिसर्च, डुअल डिग्री/डबल डिग्री प्रोग्राम आदि शामिल हैं।
- हस्ताक्षरित समझौता विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई अनुसंधान गतिविधियों और अनुप्रयोग संभावनाओं का पता लगाने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
- इसके अलावा, MoU के साथ, छात्र दोहरी डिग्री/डबल डिग्री प्रोग्राम के लिए पात्र होंगे, जिसमें प्रारंभिक डिग्री को जोड़ा जाएगा जो कि गृह संस्थान द्वारा प्रदान की जाएगी।
हाल के संबंधित समाचार:
जुलाई 2021 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश (UT) के लिए पहले ‘एकीकृत बहुउद्देश्यीय बुनियादी ढांचा विकास निगम’ की स्थापना को मंजूरी दी है।
कैबिनेट ने तेल और गैस सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई (PSU) में स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत FDI की अनुमति देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसे अपने क्षेत्र में रणनीतिक विनिवेश के लिए ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी मिल गई है।
शिक्षा मंत्रालय के बारे में:
केंद्रीय मंत्री – धर्मेंद्र प्रधान (निर्वाचन क्षेत्र – मध्य प्रदेश)
राज्य मंत्री – अन्नपूर्णा देवी (निर्वाचन क्षेत्र – कोडरमा, झारखंड), सुभास सरकार (बांकुरा, पश्चिम बंगाल), राजकुमार रंजन सिंह (मणिपुर)
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IIST) के बारे में:
स्थापना – 2007
मुख्यालय – तिरुवनंतपुरम, केरल
निदेशक – S सोमनाथ
चांसलर – BN सुरेश