राष्ट्रीय शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष 5 सितंबर को पूरे भारत में भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो एक महान दार्शनिक और विद्वान थे, जिन्होंने स्वतंत्र भारत के पहला उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।
- उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को ब्रिटिश भारत (अब तमिलनाडु) के मद्रास प्रेसीडेंसी के तिरुत्तनी में हुआ था।
- यह दिवस शिक्षा और हमारे समाज के प्रति शिक्षकों के समर्पण, कड़ी मेहनत और असाधारण योगदान को सम्मानित और मान्यता देता है।
पृष्ठभूमि:
i.डॉ. राधाकृष्णन ने 1962 में भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला और उनके कुछ छात्रों ने उनसे 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति मांगी।
ii.डॉ. राधाकृष्णन ने इसके बजाय, समाज में शिक्षकों के योगदान को मान्यता देने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया।
iii.पहला राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 सितंबर 1962 को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 77वीं जयंती पर मनाया गया था।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में:
i.राधाकृष्णन के राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पद रहे, जिनमें 1949 से 1952 तक सोवियत संघ (अब रूस) में भारतीय राजदूत के रूप में उनका कार्यकाल भी शामिल है।
ii.उन्होंने 1946-52 तक संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
iii.उन्होंने 1952 से 1962 तक भारत के पहला उपराष्ट्रपति और 1962 से 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।
iv.1921 से 1931 तक, डॉ. राधाकृष्णन ने कोलकाता, पश्चिम बंगाल (WB) में कलकत्ता विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र की कुर्सी संभाली।
v.1931 में, वे पूर्वी धर्म और नैतिकता के स्पैलडिंग प्रोफेसर के रूप में अपनी नियुक्ति के दौरान ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (इंग्लैंड, यूनाइटेड किंगडम (UK)) में चेयर संभालने वाले पहले भारतीय बने।
vi.17 अप्रैल 1975 को चेन्नई, तमिलनाडु (TN) में उनका निधन हो गया।
उल्लेखनीय कार्य:
उनकी कुछ उल्लेखनीय कृतियों में द फिलॉसफी ऑफ रवींद्रनाथ टैगोर (1918); द प्रिंसिपल उपनिषद (1953); ए सोर्स बुक ऑफ इंडियन फिलॉसफी (1957), आदि शामिल हैं।
पुरस्कार/सम्मान:
i.डॉ. राधाकृष्णन ने 1931 में किंग जॉर्ज V से नाइटहुड प्राप्त किया, सर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की उपाधि (भारत की स्वतंत्रता के बाद त्याग दी गई) प्राप्त की।
ii.उन्हें 1963 में ब्रिटिश रॉयल ऑर्डर ऑफ मेरिट की मानद सदस्यता भी मिली।
iii.भारत सरकार (GoI) ने उन्हें 1954 में सार्वजनिक मामलों के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024:
राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 2024 के अवसर पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली, दिल्ली में विज्ञान भवन में 82 प्राप्तकर्ताओं को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 (NTA 2024) प्रदान किया।
- इन पुरस्कारों का उद्देश्य उन शिक्षकों को सम्मानित करना है, जिन्होंने समर्पण और कड़ी मेहनत के माध्यम से स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है और अपने छात्रों के जीवन को समृद्ध बनाया है।
पुरस्कार विजेता & चयन प्रक्रिया:
i.स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSEL), शिक्षा मंत्रालय (MoE) ने 2024 NTA के लिए 50 शिक्षकों का चयन किया है।
ii.DoSEL ने शिक्षकों का चयन एक कठोर, पारदर्शी और ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से किया है, जिसमें 3 चरण: जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर शामिल हैं।
iii.चयनित 50 शिक्षक 28 राज्यों, 3 केंद्र शासित प्रदेशों (UT) और 6 संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
iv.उच्च शिक्षा विभाग (DoHE), MoE के अतिरिक्त 16 शिक्षक और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) के 16 शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया।
पुरस्कार विवरण: प्रत्येक पुरस्कार में योग्यता प्रमाणपत्र (CoM), 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार और एक रजत पदक दिया जाता है।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (NTA) के बारे में:
i.हर साल राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर, MoE भारत भर के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अमूल्य योगदान को मान्यता देने और उनका जश्न मनाने के लिए NTA प्रदान करता है।
ii.NTA का उद्देश्य भारत के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अद्वितीय योगदान का जश्न मनाना है।
iii.2023 से, NTA का दायरा DoHE और MSDE के शिक्षकों को शामिल करने के लिए व्यापक किया गया है।
शिक्षा मंत्रालय (MoE) के बारे में:
केंद्रीय मंत्री– धर्मेंद्र प्रधान (निर्वाचन क्षेत्र: संबलपुर, ओडिशा)
राज्य मंत्री (MoS)– जयंत चौधरी (राज्यसभा, उत्तर प्रदेश (UP)); सुकांत मजूमदार (निर्वाचन क्षेत्र: बालुरघाट, पश्चिम बंगाल, WB)