10 सितंबर 2024 को, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, गृह मंत्रालय (MHA) ने नई दिल्ली, दिल्ली में विज्ञान भवन में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के पहले स्थापना दिवस को चिह्नित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। उन्होंने I4C के नए लोगो, विजन और मिशन का भी अनावरण किया।
- कार्यक्रम के दौरान, अमित शाह ने साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए 4 प्रमुख पहलों – साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर (CFMC), समन्वय प्लेटफार्म, साइबर कमांडो प्रोग्राम और संदिग्ध रजिस्ट्री – का शुभारंभ किया।
- ये पहल प्रधानमंत्री (PM) नरेंद्र मोदी के ‘साइबर सुरक्षित भारत‘ के दृष्टिकोण को प्राप्त करने में सहायता करेंगी।
प्रमुख लोग: केंद्रीय राज्य मंत्री (MoS) बंदी संजय कुमार, MHA; गोविंद मोहन, निदेशक, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB); विभिन्न सरकारी संगठनों के अधिकारी; और विभिन्न बैंकों, फिनटेक, साइबर कमांडो के वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
4 नई पहलों के बारे में:
साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर (CFMC):
i.CFMC की स्थापना नई दिल्ली, दिल्ली में 14C मुख्यालय में विभिन्न प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, पेमेंट एग्रीगेटर्स, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, सूचना प्रौद्योगिकी (IT) मध्यस्थों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (UT) कानून प्रवर्तन एजेंसियों (LEA) के प्रतिनिधियों के साथ की गई है।
ii.विभिन्न क्षेत्रों के ये सभी प्रतिनिधि ऑनलाइन वित्तीय अपराधों का मुकाबला करने के लिए तत्काल कार्रवाई और निर्बाध सहयोग के लिए मिलकर काम करेंगे।
iii.CMFC कानून प्रवर्तन में “सहकारी संघवाद” का एक उदाहरण स्थापित करेगा।
समन्वय प्लेटफॉर्म:
समन्वय प्लेटफॉर्म, एक संयुक्त साइबर क्राइम जांच सुविधा प्रणाली, एक वेब-आधारित मॉड्यूल है जो साइबर क्राइम के डेटा संग्रह, डेटा साझाकरण, अपराध मानचित्रण, डेटा विश्लेषण और विभिन्न राज्यों/UT के LEA के बीच समन्वय के लिए एक एकीकृत पोर्टल के रूप में कार्य करेगा।
साइबर कमांडो प्रोग्राम:
i.साइबर कमांडो प्रोग्राम प्रशिक्षित ‘साइबर कमांडो’ की एक विशेष शाखा स्थापित करेगा, जिन्हें साइबर सुरक्षा के खतरों का मुकाबला करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
ii.वे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) में केंद्रीय पुलिस संगठनों (CPO) में तैनात होंगे।
- कार्यक्रम का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में लगभग 5,000 साइबर कमांडो को प्रशिक्षित करना है।
संदिग्ध रजिस्ट्री:
i.इस पहल के तहत, राष्ट्रीय स्तर पर साइबर संदिग्ध रजिस्ट्री बनाई जाएगी और राज्य स्तर की रजिस्ट्रियों को जोड़कर साइबर क्राइम से लड़ने के लिए साझा प्लेटफार्म बनाया जाएगा।
ii.वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र की धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बैंकों और वित्तीय मध्यस्थों के साथ साझेदारी में नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) के आधार पर विभिन्न पहचानकर्ताओं की एक संदिग्ध रजिस्ट्री बनाई जा रही है।
मुख्य तथ्य:
i.देश में बढ़ते साइबर क्राइमों के मुद्दे से निपटने के लिए मेवात (हरियाणा), जामताड़ा (झारखंड), अहमदाबाद (गुजरात), हैदराबाद (तेलंगाना), चंडीगढ़, विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश, AP) और गुवाहाटी (असम) में 7 संयुक्त साइबर समन्वय दल स्थापित किए गए हैं।
- I4C ने ‘साइबर दोस्त’ के तहत विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साइबर क्राइमों से संबंधित एक प्रभावी जागरूकता अभियान भी शुरू किया है।
ii.I4C के तहत दिल्ली में एक नेशनल साइबर फोरेंसिक लेबोरेटरी (NCFL) भी स्थापित की गई है। अब तक 11,00 से अधिक अधिकारियों को साइबर फोरेंसिक में प्रशिक्षित किया जा चुका है।
I4C के बारे में:
i.इसकी स्थापना 5 अक्टूबर, 2018 को साइबर और सूचना सुरक्षा प्रभाग (CIS डिवीजन), MHA के तहत केंद्रीय क्षेत्र योजना (CSS) के तहत की गई थी।
ii.इसका मुख्य उद्देश्य देश भर में साइबर क्राइम से संबंधित सभी मुद्दों के समाधान के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का समन्वय केंद्र स्थापित करना था।
- इसका उद्देश्य LEA की क्षमताओं को बढ़ाना और साइबर क्राइम से निपटने वाले विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय में सुधार करना भी है।
iii.I4C के मुख्यालय का उद्घाटन 10 जनवरी, 2020 को नई दिल्ली (दिल्ली) में किया गया। बाद में, I4C को 1 जुलाई, 2024 से MHA के तहत एक संलग्न कार्यालय के रूप में नामित किया गया है।
इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के बारे में
I4C भारत में साइबर क्राइम से निपटने के लिए गृह मंत्रालय की एक पहल है। I4C को 10 जनवरी 2020 को राष्ट्र को समर्पित किया गया।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) – राजेश कुमार
मुख्यालय – नई दिल्ली, दिल्ली
गृह मंत्रालय (MHA) के बारे में:
केंद्रीय मंत्री– अमित शाह (निर्वाचन क्षेत्र- गांधीनगर, गुजरात)
राज्य मंत्री (MoS) – बंदी संजय कुमार (निर्वाचन क्षेत्र- करीमनगर, तेलंगाना)