राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा आयोजित “ग्रामीण भारत में परिवारों की कृषि परिवारों और भूमि जोत की स्थिति का आकलन, 2019” शीर्षक वाला सर्वेक्षण 10 सितंबर, 2021 को जारी किया गया था। सर्वेक्षण के अनुसार, भारत के आधे से अधिक कृषि परिवार कर्ज में थे, 2018 में औसत बकाया 74,121 रुपये था, जबकि 2013 में यह 47,000 रुपये था, जो कि 57.7% की वृद्धि थी।
- 1 जनवरी-दिसंबर 31, 2019 को किए गए 45,000 से अधिक घरों के सर्वेक्षण के 77वें दौर पर आधारित डेटा।
- सर्वेक्षण का विषय भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में “परिवारों की भूमि और पशुधन जोत और कृषि परिवारों की स्थिति का आकलन” था।
- डेटा 2020 की शुरुआत में COVID-19 महामारी की शुरुआत से पहले की स्थिति का प्रतिनिधित्व करता है।
प्रमुख बिंदु:
i.77वें दौर से पहले, कृषि परिवारों की ‘भूमि और लाइवस्टॉक होल्डिंग सर्वेस(LHS)’ और ‘सिचुएशन असेसमेंट सर्वे(SAS)’ अलग-अलग घरों में अलग-अलग सर्वेक्षण के रूप में आयोजित किए जाते थे।
ii.कर्ज में डूबे कृषि परिवारों का प्रतिशत 2013 में 51.9% से थोड़ा कम होकर हाल के सर्वेक्षण में 50.2% हो गया है।
iii.ऋणग्रस्त कृषि परिवारों का प्रतिशत 50.2% था।
iv.आंध्र प्रदेश में सबसे अधिक औसत बकाया ऋण 2.45 लाख रुपये है। राज्य में कृषि परिवारों का उच्चतम अनुपात (93.2%) कर्ज में डूबा हुआ है, इसके बाद तेलंगाना (91.7%) और केरल (69.9%) का स्थान है।
v.कृषि परिवारों की औसत आय 2019 में बढ़कर 10,218 रुपये हो गई, जो 2013 में 6,426 रुपये थी।
vi.सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में कुल कृषि परिवारों की संख्या 93.09 मिलियन (जुलाई 2018-जून 2019) है।
vii.हरियाणा, पंजाब, असम, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और मध्य प्रदेश के लोगों ने अन्य राज्यों की तुलना में अधिक कर्ज लिया था।
एक कृषि परिवार क्या है?
इसे कृषि गतिविधियों(खेत फसलों की खेती, बागवानी फसलें, चारा फसलें, वृक्षारोपण, पशुपालन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, सुअर पालन, मधुमक्खी पालन, वर्मीकल्चर, रेशम उत्पादन, आदि) से उपज के मूल्य के रूप में 4,000 रुपये से अधिक प्राप्त करने वाले के रूप में परिभाषित किया गया है और पिछले 365 दिनों में कृषि (या तो मूलधन में या सहायक स्थिति में) में कम से कम एक सदस्य स्व-नियोजित है।
हाल के संबंधित समाचार:
नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) द्वारा आयोजित ‘पीरियाडिक लेबर फ़ोर्स सर्वे(PLFS)-वार्षिक रिपोर्ट (जुलाई, 2019 – जून, 2020)’ के अनुसार, महिलाओं के लिए बेरोजगारी दर 2018-19 में 5.1% से गिरकर 2019-20 में 4.2% हो गई ।सर्वेक्षण के निष्कर्षों को राज्य मंत्री (MoS) रामेश्वर तेली, मिनिस्ट्री ऑफ़ लेबर एंड एम्प्लॉयमेंट ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में सूचित किया।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के बारे में:
राज्य मंत्री (MoS), स्वतंत्र प्रभार– राव इंद्रजीत सिंह
निर्वाचन क्षेत्र- गुड़गांव (हरियाणा)