सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने FY24 (2023-24) के लिए जनवरी-मार्च, 2024 तिमाही के लिए शहरी क्षेत्रों में 15-29 वर्ष आयु वर्ग के लिए नवीनतम पीरियोडिक लेबर फाॅर्स सर्वे (PLFS) जारी किया। PLFS के अनुसार, FY24 की Q4 (जनवरी-मार्च) के लिए केरल 15-29 आयु वर्ग के बीच 31.8% के साथ युवा अनइम्प्लॉयमेंट रेट में शीर्ष पर है।
- जबकि, दिल्ली में Q4 FY24 के लिए 15-29 आयु वर्ग के बीच सबसे कम अनइम्प्लॉयमेंट रेट 3.1% दर्ज की गई।
- नवीनतम PLFS सर्वे में पूरे भारत के 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) को शामिल किया गया।
मुख्य निष्कर्ष:
i.आंकड़ों से पता चला है कि 15-29 आयु वर्ग के लिए कुल अनइम्प्लॉयमेंट रेट 16.5% (अक्टूबर-दिसंबर, 2023) से बढ़कर 17% (जनवरी-मार्च, 2024) हो गई है। साथ ही, यह जनवरी-मार्च, 2023 के 17.3% की तुलना में थोड़ा कम है।
ii.सभी आयु वर्ग के लिए अनइम्प्लॉयमेंट रेट Q3 FY24 के लिए 6.5% से मामूली रूप से बढ़कर Q4 FY24 के लिए 6.7% हो गई। यह Q4FY23(2022-23) के 6.8% से थोड़ा कम है।
iii.केरल के अलावा, Q4FY24 के लिए 15-29 आयु वर्ग के बीच युवा अनइम्प्लॉयमेंट में शीर्ष पर रहने वाले राज्य जम्मू & कश्मीर (28.2%), तेलंगाना (26.1%), राजस्थान (24%) और ओडिशा (23.3%) हैं।
iv.PLFS सर्वे से पता चला है कि Q4 FY24 के लिए 15-29 आयु वर्ग में सबसे कम अनइम्प्लॉयमेंट दर्ज करने वाले राज्य दिल्ली (3.1%), गुजरात (9%), कर्नाटक (11.5%) और मध्य प्रदेश (M.P.) (12.1%) हैं।
फिमेल अनइम्प्लॉयमेंट रेट:
i.जम्मू और कश्मीर (J&K) में फिमेल के लिए सबसे अधिक अनइम्प्लॉयमेंट रेट 48.6% दर्ज की गई, इसके बाद केरल (46.6%), उत्तराखंड (39.4%), तेलंगाना (38.4%) और हिमाचल प्रदेश (35.9%) का स्थान है।
ii.PLFS के अंतर्गत आने वाले सभी राज्यों और UT की तुलना में दिल्ली में फिमेल के लिए सबसे कम अनइम्प्लॉयमेंट रेट 5.7% दर्ज की गई, इसके बाद गुजरात (10.9%), M.P. (13.5%), हरियाणा (13.9%) और कर्नाटक (15%) का स्थान है।
iii.PLFS आंकड़ों से पता चला है कि कुल फिमेल अनइम्प्लॉयमेंट 22.5% Q3 FY24 से थोड़ी बढ़कर 22.7% Q4FY24 हो गई है, और Q4 FY23 के लिए 22.9% से कम है।
मेल अनइम्प्लॉयमेंट रेट:
i.सर्वाधिक मेल अनइम्प्लॉयमेंट रेट वाले राज्य: केरल (24.3%), बिहार (21.2%), ओडिशा (20.6%), राजस्थान (20.6%) और छत्तीसगढ़ (19.6%) हैं।
ii.सबसे कम मेल अनइम्प्लॉयमेंट रेट वाले राज्य: दिल्ली (2.5%), गुजरात (8.5%), कर्नाटक (10.1%), हिमाचल प्रदेश (10.2%) और M.P. (11.7%) हैं।
पीरियोडिक लेबर फाॅर्स सर्वे (PLFS) के बारे में:
इसे निम्नलिखित दो उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए 2017 में नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) द्वारा लॉन्च किया गया था:
i.केवल “वर्तमान साप्ताहिक स्थिति” (CWS) में शहरी क्षेत्रों के लिए 3 महीने (त्रैमासिक) के कम समय अंतराल में प्रमुख इम्प्लॉयमेंट और अनइम्प्लॉयमेंट संकेतक जैसे- श्रमिक जनसंख्या अनुपात, लेबर फाॅर्स पार्टिसिपेशन रेट और अनइम्प्लॉयमेंट रेट का अनुमान लगाना हैं।
ii.ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सामान्य स्थिति (ps+ss) और CWS दोनों में इम्प्लॉयमेंट और अनइम्प्लॉयमेंट इंडीकेटर्स का सालाना अनुमान लगाना हैं।
नोट:
i.लेबर फाॅर्स पार्टिसिपेशन रेट (LFPR)– इसे जनसंख्या में लेबर फाॅर्स में काम करने वाले या काम की तलाश करने वाले या उपलब्ध व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है।
ii.वर्तमान सप्ताह की स्थिति (CWS)– सर्वे की तारीख से पहले पिछले 7 दिनों की संदर्भ अवधि के आधार पर निर्धारित गतिविधि स्थिति को व्यक्ति की CWS के रूप में जाना जाता है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के बारे में:
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) – राव इंद्रजीत सिंह (निर्वाचन क्षेत्र-गुरुग्राम, हरियाणा)
मुख्यालय– नई दिल्ली, दिल्ली