ऐल्बिनिज़म और ऐल्बिनिज़म से पीड़ित लोगों के मानवाधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) का अंतर्राष्ट्रीय ऐल्बिनिज़म जागरूकता दिवस (IAAD) प्रतिवर्ष 13 जून को दुनिया भर में मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय ऐल्बिनिज़म जागरूकता दिवस 2021 का विषय “स्ट्रेंथ बियॉन्ड ऑल ऑड्स“ है।
2021 IAAD थीम:
- 2021 की थीम दुनिया भर में ऐल्बिनिज़म वाले लोगों की उपलब्धि पर प्रकाश डालती है।
पृष्ठभूमि:
i.जून 2014 में, मानवाधिकार परिषद ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को 13 जून को IAAD मनाए जाने के लिए घोषित करने की सिफारिश की थी।
ii.UNGA ने 18 दिसंबर 2014 को संकल्प A/RES/69/170 को अपनाया और 2015 से शुरू होने वाले हर साल के 13 जून को अंतर्राष्ट्रीय ऐल्बिनिज़म जागरूकता दिवस के रूप में मनाने को घोषित किया।
iii.पहला IAAD 13 जून 2015 को मनाया गया था।
13 जून क्यों?
13 जून उस तारीख को चिह्नित करता है जिस दिन मानवाधिकार परिषद ने 2013 में ऐल्बिनिज़म पर पहली बार संकल्प अपनाया था।
ऐल्बिनिज़म:
i.ऐल्बिनिज़म जन्म के समय मौजूद आनुवंशिक रूप से विरासत में मिला अंतर है, जो बालों, त्वचा और आंखों में मेलेनिन रंजकता की कमी है।
ii.ऐल्बिनिज़म सूर्य और उज्ज्वल प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता का कारण बनता है।
iii.ऐल्बिनिज़म वाले अधिकांश लोग दृष्टिहीन होते हैं और उनमें त्वचा कैंसर होने का खतरा होता है।
अल्बिनो के मानवाधिकार:
i.ऐल्बिनिज़म से पीड़ित लोगों को अक्सर उनकी शारीरिक बनावट और अल्बिनो के साथ भेदभाव के कारण हाशिए पर और सामाजिक बहिष्कार के अधीन किया जाता था और उन्हें लगातार इस जोखिम में डालता है।
ii.जून 2015 में, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने ऐल्बिनिज़म वाले व्यक्तियों द्वारा मानवाधिकारों के आनंद पर इकपोनवोसा इरो को पहला स्वतंत्र विशेषज्ञ नियुक्त किया।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के बारे में:
अध्यक्ष– नज़हत शमीम खान
मुख्यालय– जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड