संविधान दिवस 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में 26 नवंबर को पूरे भारत में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
इस दिन का उद्देश्य भारत के नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देना भी है।
26 नवंबर 2021 को भारत के संविधान को अपनाने की 72वीं वर्षगांठ है।
पृष्ठभूमि:
i.19 नवंबर 2015 को, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने भारत सरकार के हर साल 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस‘ के रूप में मनाने के निर्णय को अधिसूचित किया।
ii.यह घोषणा डॉ BR अंबेडकर की 125वीं जयंती के साल भर चलने वाले उत्सव के एक हिस्से के रूप में की गई थी।
इतिहास:
i.9 दिसंबर 1946 को, भारत की संविधान सभा पहली बार मिली और डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को संविधान सभा के पहले अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।
- 29 अगस्त 1947 को डॉ BR अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए एक मसौदा समिति का गठन किया गया था।
iii. 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को अंगीकार किया गया था।
- 24 जनवरी 1950 को समिति के सदस्यों ने दस्तावेज़ की दो हस्तलिखित प्रतियों पर एक हिंदी में और एक अंग्रेजी में हस्ताक्षर किए।
v.भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ जिसे भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत के संविधान पर तथ्य:
i.भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, संविधान को पूरा करने में लगभग 2 साल, 11 महीने और 17 दिन लगे।
ii.इसके प्रारंभ होने के समय इसमें 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियां थीं।
iii.भारत का संविधान टाइप या मुद्रित नहीं था बल्कि अंग्रेजी और हिंदी दोनों में हस्तलिखित और सुलेख था। इसमें 90,000 शब्द थे।
iv.यह पूरी तरह से आचार्य नंदलाल बोस के मार्गदर्शन में शांतिनिकेतन के कलाकारों द्वारा दिल्ली में प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा द्वारा किए गए सुलेख ग्रंथों के साथ तैयार किया गया था।
भारत के संविधान की प्रस्तावना:
i.प्रस्तावना एक संक्षिप्त कथन है जो भारत के लोगों के लक्ष्यों और आकांक्षाओं को दर्ज करता है।
ii.अब तक प्रस्तावना में केवल एक बार संशोधन किया गया है जिसमें 18 दिसंबर 1976 को 42वें संशोधन के माध्यम से “समाजवादी” और “धर्मनिरपेक्ष” शब्दों को “संप्रभु” और “लोकतांत्रिक” शब्दों में और “राष्ट्र की एकता” शब्द को “राष्ट्र की एकता और अखंडता” में बदल दिया गया।
आयोजन: संविधान दिवस 2021:
i.संविधान दिवस 2021 संसद के केंद्रीय हॉल में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में मनाया गया।
- भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
ii.संसदीय कार्य मंत्रालय ने संविधान दिवस को सार्वजनिक अभियान के रूप में बनाने के लिए 2 पोर्टल विकसित किए थे,
- संविधान की प्रस्तावना का ऑनलाइन वाचन – प्रस्तावना 23 भाषाओं (अंग्रेजी और 22 आधिकारिक भाषाओं) में (https://www.mpa.gov.in/constitution-day/) पर उपलब्ध है।
- संवैधानिक लोकतंत्र पर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी (https://quiz.mygov.in/quiz/constitution-quiz-2021-22/)
iii. संविधान दिवस के अवसर पर, केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय, किरेन रिजिजू ने भारतीय संविधान के विषय पर एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू किया।
संसदीय कार्य मंत्रालय के बारे में:
केंद्रीय मंत्री-प्रल्हाद वेंकटेश जोशी (निर्वाचन क्षेत्र- धारवाड़, कर्नाटक)
राज्य मंत्री– V मुरलीधरन (राज्य सभा – महाराष्ट्र) और अर्जुन राम मेघवाल (निर्वाचन क्षेत्र- बीकानेर, राजस्थान)