पुनर्चक्रण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को कचरे को कम करने और पर्यावरण की रक्षा के लिए कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 18 मार्च को दुनिया भर में वैश्विक पुनर्चक्रण दिवस मनाया जाता है।
- 18 मार्च 2024 को 7वां वैश्विक पुनर्चक्रण दिवस मनाया जाता है।
विषय:
i.वैश्विक पुनर्चक्रण दिवस 2024 का विषय “रीसाइक्लिंगहीरोज़” है।
ii.इस विषय की घोषणा वैश्विक पुनर्चक्रण फाउंडेशन द्वारा की गई थी।
पृष्ठभूमि:
i.पुनर्चक्रण क्षेत्र के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संघ, अंतर्राष्ट्रीय पुनर्चक्रण ब्यूरो (BIR) ने पुनर्चक्रण के सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक पुनर्चक्रण दिवस की स्थापना की।
ii.इस दिन को संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO) और वैश्विक पुनर्चक्रण फाउंडेशन द्वारा प्रचारित किया जाता है।
iii.पहला वैश्विक पुनर्चक्रण दिवस 18 मार्च 2018 को मनाया गया, जिसने BIR की 70वीं वर्षगांठ को चिह्नित किया। BIR की स्थापना 18 मार्च 1948 को हुई थी
वैश्विक पुनर्चक्रण दिवस का मिशन:
i.इस दिन का उद्देश्य इस बात पर जोर देना है कि पुनर्चक्रण को एक वैश्विक मुद्दा मानने के बजाय एक सामान्य, सम्मिलित दृष्टिकोण है।
ii.यह दिन लोगों को केवल कचरा नहीं, बल्कि पुनर्चक्रण योग्य वस्तुओं को मूल्यवान संसाधनों के रूप में देखने पर मजबूर करता है।
पुनर्चक्रण क्या है?
i.पुनर्चक्रण उन सामग्रियों को इकट्ठा करने और संसाधित करने की प्रक्रिया है जिन्हें अन्यथा कचरे के रूप में फेंक दिया जाता था और उन्हें नए उत्पादों में बदल दिया जाता था।
ii.पुनर्चक्रण का 3R ढांचा रिफ़ुज़ या रिडुस, रियूज़ और रीसायकल है।
iii.पुनर्चक्रण योग्य वस्तुएं जिन्हें ‘सातवां संसाधन‘ के रूप में भी जाना जाता है, हर साल 700 मिलियन टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन बचाती हैं। 2030 तक इसके बढ़कर लगभग 1 बिलियन टन होने का अनुमान है।
iv.यह ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन को भी कम करता है जो जलवायु परिवर्तन से निपटने में सहायता करेगा।
v.BIR द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, पुनर्नवीनीकरण सामग्री दुनिया की 40% कच्चे माल की जरूरतों को पूरा करती है।
भारत परिदृश्य:
i.पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) के अनुसार, भारत वर्तमान में 4% की औसत वार्षिक वृद्धि दर के साथ, सालाना 62 मिलियन टन कचरा (पुनर्चक्रण योग्य और गैर-पुनर्चक्रण योग्य सहित) पैदा करता है।
ii.कचरे के तीन मुख्य प्रकार ठोस कचरा, प्लास्टिक कचरा और इलेक्ट्रॉनिक कचरा हैं ।
iii.भारत दुनिया के सबसे बड़े ई-कचरा निर्माताओं में से एक है, जो सालाना लगभग 2 मिलियन टन ई-कचरा पैदा करता है।
भारत में अपशिष्ट प्रबंधन योजनाएँ:
भारत सरकार (GoI) ने भारत में प्रभावी अपशिष्ट और प्रदूषण प्रबंधन के लिए अपनी प्रतिबद्धता के एक हिस्से के रूप में ‘स्वच्छ भारत मिशन’ (SBM), ‘नेशनल वाटर मिशन’ (NWM) और ‘वेस्ट टू वेल्थ मिशन’ जैसी कई बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय पहल की हैं।
अंतर्राष्ट्रीय पुनर्चक्रण ब्यूरो (BIR) के बारे में:
राष्ट्रपति– सूसी बराज
मुख्यालय– ब्रुसेल्स, बेल्जियम
स्थापना– 1948