भारत के विकास में लघु उद्योग के योगदान को मनाने और पहचानने के लिए 30 अगस्त को पूरे भारत में राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य समाज में छोटे व्यवसायों के मूल्य को बढ़ावा देना और पूरे भारत में छोटे उद्योगों को प्रोत्साहित करना है।
पृष्ठभूमि:
i.30 अगस्त 2000 को लघु उद्योग (SSI) क्षेत्र के लिए एक व्यापक नीति पैकेज की घोषणा की गई, जिसने भारत में छोटे व्यवसायों को पर्याप्त सहायता प्रदान की।
ii.पूर्ववर्ती लघु उद्योग मंत्रालय (अब सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME)) ने हर साल 30 अगस्त को राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस के रूप में नामित करने का निर्णय लिया है।
भारत में लघु उद्योगों की भूमिका:
i.भारत में, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मूल्य श्रृंखला में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं, विविध उत्पादों की पेशकश करते हैं और बड़े पैमाने के उद्योगों के लिए मध्यवर्ती सामान वितरित करते हैं।
ii.भारत में 6.3 करोड़ से अधिक MSME हैं जो अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचने और बड़ी अंतरराष्ट्रीय फर्मों के लिए सहायक के रूप में काम करने की क्षमता रखते हैं।
iii.निर्यात में, MSME क्षेत्र कपड़ा, चमड़ा, फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोटिव, रत्न और आभूषण जैसे उप-क्षेत्रों में लगभग 45% योगदान देता है।
MSME क्षेत्र में प्रमुख सुधार:
उद्यम पंजीकरण: यह पंजीकरण दाखिल करने की एक ऑनलाइन प्रक्रिया है जो MSME को बिना दस्तावेज और शुल्क के पंजीकरण प्राप्त करने में सक्षम बनाती है।
चैंपियंस पोर्टल: यह मुश्किल समय में MSME का समर्थन करने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। यह एक ICT आधारित प्रौद्योगिकी प्रणाली है जिसका उद्देश्य छोटी इकाइयों को पूरे व्यावसायिक जीवनचक्र में उनके मुद्दों को हल करके बड़ा बनाना है।
उद्यम विकास केंद्रों (EDC) की स्थापना: EDC से संबंधित जानकारी एक ही स्थान पर प्रदान करने के लिए EDC की अवधारणा की गई है।
मंत्रालय ने पूरे भारत में 102 से अधिक EDC स्थापित किए हैं।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के बारे में:
2007 में कृषि और ग्रामीण उद्योग मंत्रालय और लघु उद्योग मंत्रालय (SSI) को एक ही मंत्रालय में मिला दिया गया, अर्थात् सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME)।
केंद्रीय मंत्री– नारायण तातु राणे (राज्य सभा- महाराष्ट्र)
राज्य मंत्री– भानु प्रताप सिंह वर्मा (निर्वाचन क्षेत्र- जालौन, उत्तर प्रदेश)