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CSL ने कोच्चि, केरल में छठा ASWC SWC ‘INS ‘मगदला’ लॉन्च किया

अक्टूबर 2025 में, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) ने कोच्चि, केरल स्थित अपने संयंत्र में भारतीय नौसेना (IN) के लिए डिज़ाइन किए गए आठ स्वदेशी रूप से निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) की श्रृंखला में छठा ‘भारतीय नौसेना पोत (INS) मगदला (BY 528)’ लॉन्च किया।

  • इस पोत का औपचारिक उद्घाटन वाइस एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन, युद्धपोत उत्पादन एवं अधिग्रहण नियंत्रक (सीडब्ल्यूपी एंड ए) की पत्नी रेणु राजाराम ने भारतीय नौसेना और CSL के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया।
  • INS मगदला के अलावा, CSL ने दो और पोत: मेसर्स पेलाजिक विंड सर्विसेज, साइप्रस के लिए एक क्रू सपोर्ट ऑफशोर वेसल (CSOV), और M/s ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (DCI), मुंबई (महाराष्ट्र) के लिए भारत का सबसे बड़ा स्वदेशी रूप से निर्मित DCI ड्रेज गोदावरी, भी लॉन्च किए।

Exam Hints:

  • क्या? छठे ASWC-SWC का प्रक्षेपण
  • प्रक्षेपणकर्ता: CSL
  • पोत का नाम: INS मगदला (BY 528)
  • कहाँ? कोच्चि (केरल)
  • कुल ASWC-SWC: 8
  • डिज़ाइन: भारतीय नौसेना (IN)
  • स्वदेशी सामग्री: 80% से अधिक, भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का समर्थन
  • विनिर्देश: 78 मीटर लंबा, 896 टन, अधिकतम गति 25 समुद्री मील, क्षमता 1,800 समुद्री मील
  • 5 ASW-SWC के नाम: INS माहे, INS मालवन, INS मंगरोल, INS मालपे और INS मुल्की
  • प्रक्षेपित अन्य पोत:
  • M/s पेलाजिक विंड सर्विसेज, साइप्रस के लिए क्रू सपोर्ट ऑफशोर वेसल (CSOV)
  • DCI ड्रेज गोदावरी: भारत का सबसे बड़ा स्वदेश निर्मित ट्रेलर सक्शन हॉपर ड्रेजर (TSHD)।

INS मगदला (BY 528) के बारे में:

विकसितकर्ता: कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित INS मगदला में 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री है, जो भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का समर्थन करती है और नौसेना की आत्मनिर्भरता को बढ़ाती है।

विनिर्देश: 78 मीटर लंबा, 896 टन वजनी यह पोत 25 समुद्री मील की अधिकतम गति प्राप्त करने में सक्षम है और इसकी क्षमता 1,800 समुद्री मील है।

शस्त्र: यह पोत उन्नत अंडरवाटर सेंसर, हल्के टॉरपीडो, ASW रॉकेट और माइन-लेइंग क्षमता से लैस है, जिससे तटीय पनडुब्बी रोधी युद्ध में वृद्धि होने की उम्मीद है।

प्रमुख संचालन: यह पोत कम-तीव्रता वाले समुद्री अभियानों (LIMO), विमानों के साथ समन्वित ASW मिशनों और तटीय जल में खोज एवं बचाव अभियानों को संचालित करने की क्षमता रखता है।

स्थानीय सामग्री: इस पोत के डिज़ाइन और उपकरणों में 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री है, जो नौसेना के जहाज निर्माण में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।

ASW-SWC के बारे में:

पृष्ठभूमि: माहे क्लासके इन जहाजों को रक्षा मंत्रालय (MoD) और CSL के बीच 30 अप्रैल, 2019 को हस्ताक्षरित अनुबंध के तहत विकसित किया जा रहा है।

उद्देश्य: इन जहाजों को विशेष रूप से भारतीय नौसेना के अभयक्लासकोरवेट को बदलने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो उन्नत स्वचालन, गतिशीलता और सहनशक्ति के साथ भारत की तट-आधारित पनडुब्बी रोधी क्षमताओं को मजबूत करेगा।

उपकरण: ASWC-SWC तीन डीजल इंजन-संचालित वाटरजेट द्वारा संचालित होते हैं और उन्नत सेंसर जैसे: हल माउंटेड सोनार और लो फ्रीक्वेंसी वेरिएबल डेप्थ सोनार (LFVDS) और अत्याधुनिक टॉरपीडो, एंटी-सबमरीन रॉकेट, नेवल सरफेस गन (NSG-30 गन) और 12.7 मिलीमीटर (mm) स्टेबलाइज्ड रिमोट कंट्रोल गन (SRCG) द्वारा प्रदान की गई मारक क्षमता से लैस हैं।

अन्य प्रकार: नवंबर 2023 में, INS माहे, INS मालवन और INS मंगरोल का ASW-SWC श्रृंखला के पहले तीन जहाजों के रूप में अनावरण किया गया।

  • बाद में, सितंबर 2024 में, CSL ने INS मेपल (BY 526) और INS मुल्की (BY 527) को लॉन्च किया, जो ASW-SWC श्रृंखला के चौथे और पाँचवें जहाज हैं।

DCI ड्रेज गोदावरी के बारे में:

प्रकार और क्षमता: : यह जहाज 12,000 घन मीटर (m³) ट्रेलर सक्शन हॉपर ड्रेजर (TSHD) है, जिसे बड़े पैमाने पर ड्रेजिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो इसे भारत में निर्मित अपनी तरह का सबसे बड़ा और एशिया में सबसे बड़े जहाजों में से एक बनाता है।

डिज़ाइन: डच कंपनी रॉयल IHC के सहयोग से बीगल 12 प्लेटफ़ॉर्म पर निर्मित, यह उन्नत इंजीनियरिंग और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को दर्शाता है।

आकार और परिचालन गहराई: 127 मीटर लंबा यह ड्रेजर 36 मीटर तक की गहराई पर काम कर सकता है, जिससे बंदरगाह गहरीकरण और भूमि सुधार परियोजनाओं में मदद मिलेगी।

विशेषताएँ: उन्नत स्वचालन, कुशल ड्रेजिंग प्रणालियों और उन्नत सुरक्षा एवं पर्यावरण प्रणालियों से सुसज्जित, यह भारत में ड्रेजर की अगली पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करता है।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) के बारे में:
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (CMD)– मधु S. नायर
मुख्यालय– कोच्चि, केरल
स्थापना 1972