28 फरवरी 2021 को,आर्कटिक क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन की निगरानी के लिए रूस ने ‘अर्कटिका-M’ पहला उपग्रह लॉन्च किया। उपग्रह को कजाकिस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से सोयुज-2.1 b वाहक रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया था।
i.आर्कटिक में जलवायु और पर्यावरण की निगरानी के लिए एक हाइड्रोमीटरेटोलॉजिकल एंड क्लाइमेट मॉनिटरिंग सिस्टम बनाने के लिए रूस द्वारा लॉन्च किया गया ‘अर्कटिका-M’ दो उपग्रहों में से पहला उपग्रह है।
ii.दूसरा अर्कटिका सैटेलाइट 2023 में लॉन्च के लिए तैयार है।
प्रमुख बिंदु
i.उपग्रह अपनी अत्यधिक अण्डाकार कक्षा जो उत्तरी अक्षांशों के ऊपर से गुजरता है, के कारण आर्कटिक के हर 15-30 मिनट की निगरानी और चित्र लेने में सक्षम होगा।
ii.उपग्रह जहाजों, विमानों, बचाव कार्यक्रम से संकट के संकेतों को पुनः प्राप्त करने में सक्षम होगा।
आर्कटिक का आर्थिक विकास
i.आर्कटिक का आर्थिक विकास रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है।
ii.आर्कटिक में तेल और गैस के विशाल भंडार हैं जो संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, नॉर्वे और रूस जैसे देशों द्वारा देखे जा रहे हैं।
‘वर्स्ट-केस क्लाइमेट वार्मिंग परिदृश्य’
फरवरी 2021 में, यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग और लीड्स और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं की एक टीम ने कहा कि पिछले 30 वर्षों में सबसे बड़ा नुकसान आर्कटिक सागर की बर्फ से हुआ था।
रूस के बारे में:
राजधानी– मास्को
मुद्रा– रूसी रूबल
राष्ट्रपति– व्लादिमीर पुतिन