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MNRE ने शिपिंग & स्टील सेक्टर में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग के लिए पायलट प्रोजेक्ट्स के लिए दिशानिर्देश जारी किए

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Govt issues Guidelines for Pilot Projects for utilizing Green Hydrogen

1 फरवरी 2024 को, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (NGHM) के तहत स्कीम ऑफ पायलट प्रोजेक्ट्स ऑन यूज़ ऑफ ग्रीन हाइड्रोजन इन द शिपिंग सेक्टर के दिशानिर्देश जारी किए।

नोट: NGHM के तहत, MNRE जीवाश्म ईंधन और जीवाश्म ईंधन-आधारित फीडस्टॉक को ग्रीन हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव (जैसे ग्रीन अमोनिया, ग्रीन मेथनॉल) से बदलने के लिए शिपिंग सेक्टर और स्टील सेक्टर में पायलट प्रोजेक्ट्स शुरू करेगा।

योजना का विवरण – शिपिंग सेक्टर:

i.बजट: वित्तीय वर्ष (FY) 2025-26 तक योजना के इम्प्लीमेंटिंग के लिए कुल बजट परिव्यय 115 करोड़ रुपये है। योजना का खर्च NGHM के बजट से किया जाएगा।

ii.थ्रस्ट एरियाज: पायलट प्रोजेक्ट्स के तहत 2 थ्रस्ट एरियाज की पहचान की गई है।

  • मौजूदा जहाजों को ग्रीन हाइड्रोजन या इसके डेरिवेटिव (घटक A) पर कार्य करने के लिए रेट्रोफिटिंग करना
  • ग्रीन हाइड्रोजन (घटक B) पर आधारित ईंधन के लिए अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन पर बंदरगाहों में बंकरिंग और ईंधन भरने की सुविधाएं विकसित करना।

iii.इम्प्लीमेंटिंग एजेंसी: प्रोजेक्ट्स को बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) और योजना के तहत नामित स्कीम इम्प्लीमेंटिंग एजेंसीज (SIA) द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा।

  • घटक A के लिए शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) या उसका उत्तराधिकारी SIA होगा।

iv.स्टीयरिंग कमिटी: इस योजना की निगरानी सचिव, MoPSW (T K रामचन्द्रन) और सचिव, MNRE (भूपिंदर सिंह भल्ला) की सह-अध्यक्षता में स्टीयरिंग कमिटी (SC) द्वारा की जाएगी।

v.प्रोजेक्ट अप्रैज़ल कमिटी (PAC) की सिफारिशों के आधार पर प्रोजेक्ट्स के लिए प्रशासनिक मंजूरी MNRE द्वारा जारी की जाएगी। PCA की अध्यक्षता अतिरिक्त सचिव/संयुक्त सचिव, MoPSW(राजेश कुमार सिन्हा) करेंगे।

योजना का विवरण – स्टील सेक्टर:

i.बजट: FY 2029-30 तक योजना के इम्प्लीमेंटिंग के लिए कुल बजट परिव्यय 455 करोड़ रुपये है।

ii.थ्रस्ट एरियाज:

  • डायरेक्ट रिड्यूस्ड आयरनमेकिंग प्रक्रिया में हाइड्रोजन का उपयोग
  • ब्लास्ट फर्नेस में हाइड्रोजन का उपयोग
  • क्रमिक तरीके से ग्रीन हाइड्रोजन के साथ जीवाश्म ईंधन का प्रतिस्थापन।

iii.इम्प्लीमेंटिंग एजेंसी: इन पायलट प्रोजेक्ट्स को इस योजना के तहत नामित स्टील मंत्रालय और SIA के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा।

iv.स्टीयरिंग कमिटी: इस योजना की निगरानी मिनिस्ट्री ऑफ़ स्टील के सचिव (नागेंद्र नाथ सिन्हा) और MNRE के सचिव की सह-अध्यक्षता में स्टीयरिंग कमिटी(SC) द्वारा की जाएगी।

v.प्रोजेक्ट्स के लिए प्रशासनिक मंजूरी PAC की सिफारिशों के आधार पर MNRE द्वारा जारी की जाएगी। PCA की अध्यक्षता स्टील सचिव/अतिरिक्त सचिव द्वारा की जाएगी।

प्रमुख बिंदु:

i.दिशानिर्देशों में कहा गया है कि आगामी स्टील संयंत्रों में ग्रीन हाइड्रोजन के साथ काम करने की क्षमता होनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संयंत्र कम कार्बन वाले स्टील बाजारों में भाग ले सकें।

ii.यह योजना 100% ग्रीन स्टील का लक्ष्य रखने वाली ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स पर भी विचार करती है।

NGHM के बारे में:

i.भारत को ग्रीन हाइड्रोजन और उसके डेरिवेटिव के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए वैश्विक केंद्र बनाने के उद्देश्य से जनवरी 2023 में नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (NGHM) शुरू किया गया था।

ii.FY 2029-30 तक NGHM का कुल बजट 19,744 करोड़ रुपये है।

iii.यह भारत के 2047 तक ऊर्जा-स्वतंत्र बनने और 2070 तक नेट ज़ीरो प्राप्त करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देगा।

NGHM के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

नवीन & नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के बारे में:
केंद्रीय मंत्री– राज कुमार सिंह (निर्वाचन क्षेत्र- आरा, बिहार)
राज्य मंत्री (MoS)– भगवंत खुबा (निर्वाचन क्षेत्र- बीदर, कर्नाटक)