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भारत की कुल स्थापित बिजली क्षमता बढ़कर 476 GW हो गई; गैर-जीवाश्म स्रोतों से लगभग 50%

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जून 2025 में, भारत सरकार (GoI) ने भारत की बिजली उत्पादन क्षमता पर नवीनतम डेटा जारी किया। आँकड़ों के अनुसार, भारत की कुल स्थापित बिजली क्षमता वर्ष 2015-16 में 305 गीगावॉट (GW) से बढ़कर 476 GW (जून 2025 तक) हो गई है।

  • आंकड़ों से पता चला है कि भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता का लगभग आधा यानी 49% (235.7 GW) गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से आता है, जिसमें 226.9 GW नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और 8.8 GW परमाणु ऊर्जा शामिल है।
  • हालांकि, थर्मल पावर अकेले भारत की कुल स्थापित बिजली क्षमता का 52% (240 GW) है।
  • जबकि, कोयला अकेले सभी थर्मल-आधारित ऊर्जा का 91% से अधिक योगदान देता है, जो देश की बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।

मुख्य निष्कर्ष:

i.बिजली उत्पादन में वृद्धि: बिजली उत्पादन 2015-16 में 1,168 बिलियन यूनिट (BU) से बढ़कर 2024-25 में अनुमानित 1,824 BU हो गया है।

ii.RE क्षमता में विस्तार: भारत में स्थापित RE क्षमता लगभग 3 गुना बढ़ गई है यानी 76.37 GW (मार्च 2014 में) से बढ़कर 226.79 GW (जून 2025 में) हो गई है।

  • RE उत्पादन 190.96 BU (2014-15 में) से बढ़कर 370.65 BU (2024-25 में) हो गया है, बिजली उत्पादन में इसकी समग्र हिस्सेदारी 17.20% से बढ़कर लगभग 22.20% हो गई है।

iii.बिजली की कमी में कमी: आंकड़ों के अनुसार, बिजली की कमी 4.2% (2013-14 में) से घटकर 0.1% (2024-25 में) हो गई।

iv.बिजली की खपत में वृद्धि: आंकड़ों से पता चला है कि प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 957 kWh (2013-14 में) की तुलना में 45.8% बढ़कर 1,395 किलोवाट-घंटे (kWh) (2023-24 में) हो गई।

v.घरों का विद्युतीकरण: भारत ने अप्रैल 2018 तक 100% ग्रामीण विद्युतीकरण हासिल किया और तब से, भारत सरकार ने 2.8 करोड़ से अधिक घरों को ग्रिड से जोड़ा है।

नोट: अंतर्राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी (IRENA) RE सांख्यिकी 2025 के अनुसार, भारत RE स्थापित क्षमता में विश्व स्तर पर चौथे, पवन ऊर्जा में चौथे और सौर ऊर्जा क्षमता में तीसरे स्थान पर है।

विभिन्न आरई स्रोतों की प्रमुख उपलब्धियां:

i.सौर ऊर्जा: विद्युत मंत्रालय (MoP) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत की कुल सौर क्षमता 2.82 GW (2014 में) से 39 गुना बढ़कर 110.9 GW (2025 में)  हो गई है, जिसमें से 23.83 GW अकेले वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) में जोड़ा गया था।

ii.पवन ऊर्जा (2014-15): आंकड़ों के अनुसार, स्थापित क्षमता लगभग 21 GW (2014 में) से बढ़कर 51.3 GW (जून 2025 तक) हो गई, जो एक दशक में 50% से अधिक की वृद्धि का प्रतीक है। 51.3GW में से, अकेले FY25 में 4.15 GW जोड़ा गया.

  • अप्रैल 2024 और फरवरी 2025 के बीच पवन ऊर्जा द्वारा बिजली उत्पादन बढ़कर 78.21 BU हो गया, जो कुल बिजली उत्पादन में 4.69% का योगदान देता है।
  • चेन्नई (तमिलनाडु, TN) स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विंड एनर्जी (NIWE) के अनुसार, भारत की अनुमानित पवन क्षमता जमीनी स्तर से 150 मीटर (m) ऊपर 1164 GW है।

iii.जलविद्युत विस्तार: जल विद्युत क्षमता 35.8 GW (FY14) से बढ़कर 48 GW (FY25) हो गई। भारत का लक्ष्य 2030 तक अपनी पनबिजली क्षमता को 55 गीगावॉट तक बढ़ाना है, जो इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम (ISTS) शुल्क, उत्तर-पूर्व (NE) परियोजनाओं के लिए छूट और इक्विटी सहायता द्वारा समर्थित है।

iv.बायो पावर: 2014 और 2025 के बीच, भारत की जैव विद्युत उत्पादन क्षमता 8.1 GW से बढ़कर 11.6 GW हो गई।

  • संपीड़ित बायोगैस (CBG) उत्पादन क्षमता 2014 में 8 टन प्रति दिन (TPD) के साथ एकल परियोजना से बढ़कर 1,211 TPD (मार्च 2025 तक) की संयुक्त क्षमता के साथ 150 परियोजनाओं तक बढ़ गई।

सौर ऊर्जा के लिए प्रमुख फ्लैगशिप योजनाएं और कार्यक्रम:

i.प्रधान मंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (PM-SGMBY): यह फरवरी 2024 में शुरू की गई दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू रूफटॉप योजना है, जिसका उद्देश्य मार्च 2027 तक भारत में 1 करोड़ घरों को प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान करना है।

  • 75,021 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन के साथ, यह योजना आवासीय क्षेत्र में सौर रूफटॉप के माध्यम से सौर क्षमता में 30 गीगावॉट के अतिरिक्त लक्ष्य रखती है, संभावित रूप से 25 वर्षों में 1 लाख करोड़ यूनिट पैदा करती है और 720 MMT कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन को कम करती है।

ii.प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM): यह योजना मार्च 2019 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य ऊर्जा और जल सुरक्षा प्रदान करके और कृषि क्षेत्र के डी-डीजलीकरण द्वारा किसानों की आय में वृद्धि करना है।

  • इस योजना के तहत, GOI किसानों को स्टैंडअलोन सौर पंपों की स्थापना और मौजूदा ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों के सौरीकरण, और उनकी बंजर कृषि भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
  • प्रमुख लक्ष्य: 34,422 करोड़ रुपए के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ देश भर में 8 GW सौर क्षमता को जोड़ना।
  • इस योजना में 3 मुख्य घटक (A,B और C) शामिल हैं और अब इन सभी घटकों को आसान वित्तपोषण के लिए कृषि अवसंरचना निधि (AIF) के तहत कवर किया गया है।

iii.सौर पार्क: यह योजना सभी वैधानिक मंजूरी के साथ आवश्यक बुनियादी ढांचे के साथ बड़े पैमाने पर ग्रिड से जुड़ी सौर ऊर्जा परियोजनाएं प्रदान करती है जैसे: भूमि, बिजली निकासी सुविधाएं, सड़क संपर्क, जल सुविधा।

  • प्रमुख लक्ष्य: मार्च 2026 तक 40 GW उत्पन्न करना।
  • अब तक, भारत सरकार ने देश के 13 राज्यों में 39,958 MW की संयुक्त क्षमता के साथ कुल 55 पार्कों को मंजूरी दी है।
  • इन 55 सौर पार्कों में से 24 पार्क चालू हो चुके हैं, जिससे 12,804 MW बिजली का उत्पादन होता है।

iv.उच्च दक्षता सौर PV मॉड्यूल के लिए PLI योजना: 24,000 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय वाली इस योजना का उद्देश्य आयात पर निर्भरता को कम करके घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है।

  • इस योजना के तहत, GOI ने 48,337 MW की पूर्ण या आंशिक रूप से एकीकृत सौर PV मॉड्यूल विनिर्माण क्षमताओं की स्थापना के लिए लेटर ऑफ अवार्ड जारी किए हैं।

v.प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय अभियान (PM-JANMAN) योजना: इसे नवंबर 2023 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य 9 मंत्रालयों में 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों के माध्यम से विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTG) की विकास आवश्यकताओं को संबोधित करना है।

  • इस योजना के तहत, 515 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन के साथ एक नई सौर ऊर्जा योजना ‘धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान (DA JGUA)’  शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य देश के 18 राज्यों में आदिवासी और PVTG बस्तियों में 1 लाख गैर-विद्युतीकृत घरों का विद्युतीकरण करना है।

परमाणु ऊर्जा की प्रमुख उपलब्धियां:

i.परमाणु ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि: परमाणु बिजली उत्पादन 35,592 मिलियन यूनिट (MU) (2014-15) से बढ़कर 56,681 (2024-25) हो गया है, जो वार्षिक आधार पर 60% की वृद्धि को दर्शाता है।

ii.परमाणु ऊर्जा की स्थापित क्षमता में वृद्धि: न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) द्वारा संचालित 25 परमाणु रिएक्टरों में स्थापित परमाणु क्षमता लगभग 4,780 मेगावाट (2014 में) से 71% बढ़कर 8,780 मेगावाट (2025 में) हो गई है।

iii.प्लांट लोड फैक्टर में वृद्धि: वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) में 87% प्लांट लोड फैक्टर हासिल किया गया।

  • पिछले 5 वर्षों के दौरान सभी प्रचालनरत रिएक्टरों के लिए क्षमता घटक और उपलब्धता घटक 80% से अधिक है।

कोयला क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियां:

i.बिजली उत्पादन में प्रमुख योगदानकर्ता: जून 2025 तक, कोयला 219 GW की क्षमता के साथ प्रमुख योगदानकर्ता बना हुआ है। जबकि, गैस आधारित बिजली 20 GW का योगदान देती है और डीजल आधारित बिजली 589 MW जोड़ती है।

ii.कोयला धारक राज्यों के साथ राजस्व साझाकरण में वृद्धि: कोयला मंत्रालय (MoC) के आंकड़ों के अनुसार, 2014-15 के बाद से, कोयला सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) ने कोयला-धारक राज्यों को कुल 1.8 लाख करोड़ रुपये का राजस्व वितरित किया।

iii.उत्पादन और आपूर्ति वृद्धि में वृद्धि: कोयला उत्पादन 2014-15 में 609.18 मिलियन टन (MT) से बढ़कर 2024-25 में  1,047.68 MT हो गया  , जो 72% की वृद्धि दर्शाता है।

  • इसी तरह, पिछले 11 वर्षों में कोयले की आपूर्ति 603.77 मीट्रिक टन से बढ़कर 1,025.25 मीट्रिक टन हो गई।

iv.आयात में कमी: भारत की आयात निर्भरता 26% (2014-15) से घटकर लगभग 21% (2023-24 में) हो गई है। वित्त वर्ष 25 में जनवरी 2025 तक यह और घटकर 19.60% हो गया है।

तेल और गैस क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियां:

तेल और गैस क्षेत्र भारत के 8 कोर उद्योगों में से एक है और देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्ष 2023 तक भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है जो देश की ऊर्जा सुरक्षा और भविष्य के विकास के लिये इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।

i.LPG कनेक्शन में वृद्धि: भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) कनेक्शन 14.51 करोड़ (2014) से बढ़कर 32.97 करोड़ (2025) हो गए।

  • मार्च 2025 तक, पूरे भारत में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत कुल 10.33 करोड़ LPG कनेक्शन वितरित किए गए।
  • PMUY के तहत, 8.34 करोड़ लाभार्थियों ने अप्रैल 2022-मार्च 2024 के दौरान न्यूनतम एक रिफिल का लाभ उठाया।

ii.पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) और कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) का विस्तार: PNG कनेक्शन लगभग 6 गुना बढ़कर 0.254 करोड़ (2014) से 1.47 करोड़ (2025) हो गया।

iii.प्राकृतिक गैस पाइपलाइन और LNG इन्फ्रास्ट्रक्चर: परिचालन प्राकृतिक गैस पाइपलाइन 15,340 किलोमीटर (km) से बढ़कर 25,124 km (2025) हो गई।

  • तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) टर्मिनलों की संख्या 4 से बढ़कर 8 हो गई और उनकी क्षमता 22 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) से बढ़कर 52.7 MMTPA हो गई।

iv.जैव ईंधन और इथेनॉल सम्मिश्रण प्रक्रिया: जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति जिसे 2018 में लॉन्च किया गया था और बाद में 2022 में संशोधित किया गया था, जिसका उद्देश्य 2025-26 तक 20% इथेनॉल सम्मिश्रण प्राप्त करना है।

  • इथेनॉल सम्मिश्रण 1.53% (2014) से बढ़कर 5% (2025) हो गया।
  • इथेनॉल की खरीद 38 करोड़ लीटर (2014 में) से बढ़कर 440.74 करोड़ लीटर (2025 में) हो गई।
  • बायो-डीजल की खरीद 1.19 लीटर (2015-16) से बढ़कर 43.99 करोड़ लीटर (2024) हो गई।

विद्युत मंत्रालय (MoP) के बारे में:
 केंद्रीय मंत्री- मनोहर लाल खट्टर (निर्वाचन क्षेत्र- करनाल, हरियाणा)
राज्य मंत्री (MoS) – श्रीपद नाइक (निर्वाचन क्षेत्र- उत्तरी गोवा, गोवा)