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ISRO और ESA ने गगनयान मिशन के लिए जमीनी सहायता प्रदान करने के लिए TIP पर हस्ताक्षर किए

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ISRO ties up with European Space Agency for Gaganyaan missions4 दिसंबर 2024 को, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने एक महत्वपूर्ण तकनीकी कार्यान्वयन योजना (TIP) पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य भारत के गगनयान मिशन (मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन) के लिए महत्वपूर्ण ग्राउंड ट्रैकिंग सहायता प्रदान करना है।

  • यह सहयोगात्मक प्रयास भारत के प्रथम मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के संचार और निगरानी को बढ़ाने के लिए किया गया था।

पृष्ठभूमि:

अगस्त 2024 में, इसरो के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (ISTRAC) के निदेशक अनिलकुमार A K और ESA के यूरोपीय अंतरिक्ष अनुसंधान और प्रौद्योगिकी केंद्र (ESTEC), नीदरलैंड में प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गुणवत्ता के निदेशक डाइटमार पिल्ज़ ने इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ और भारत में बेल्जियम के राजदूत डिडिएर वान डेर हैसेल्ट की उपस्थिति में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC), श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश (AP) में TIP पर हस्ताक्षर किए।
प्रमुख बिंदु:

i.इस समझौते का प्राथमिक उद्देश्य ESA को गगनयान मिशन के लिए ग्राउंड स्टेशन समर्थन प्रदान करने में सक्षम बनाना है, जिससे इसके कक्षीय संचालन के दौरान ऑर्बिटल मॉड्यूल के साथ निरंतर डेटा प्रवाह और संचार सुनिश्चित हो सके।

ii.यह मिशन, ISRO और न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के बीच एक संयुक्त पहल है जो वैश्विक अंतरिक्ष नवाचार में भारत की बढ़ती भूमिका और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों जैसे कि गठन उड़ान और सहेट तकनीकों को आगे बढ़ाने में ESA के साथ इसकी साझेदारी को उजागर करता है।
iii.ISRO और ESA के बीच यह सहयोग भारत की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमताओं और वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
गगनयान मिशन के बारे में:
i.गगनयान‘ नाम संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘आकाश और वाहन’ और इस मिशन का प्राथमिक उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों की एक टीम को अंतरिक्ष में भेजना है, जहां वे हिंद महासागर में उतरने से पहले तीन दिनों के अभियान के लिए पृथ्वी से 400 किलोमीटर (km) की ऊंचाई पर निम्न पृथ्वी कक्षा (LEO) में यात्रा करेंगे।
ii.मिशन का प्रक्षेपण 2026 में होने की उम्मीद है। गगनयान कार्यक्रम के तहत, ISRO 3 मानवरहित अंतरिक्ष मिशन और 1 मानवयुक्त मिशन को पूरा करेगा।
iii.पहला मानवरहित मिशन 2024-25 में तथा पहला मानवयुक्त मिशन 2025-27 में आयोजित किया जाना निर्धारित है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के बारे में:
ISRO विश्व की छह सबसे बड़ी अन्तरिक्ष एजेंसियों में से एक है।
अध्यक्षडॉ. श्रीधर पणिक्कर सोमनाथ
मुख्यालयबेंगलुरु, कर्नाटक
स्थापित– 1969