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भारत ने ओडिशा के चांदीपुर में अग्नि-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया

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India Successfully Test Fires Agni-4 Ballistic Missile In Odisha's Chandipur (1)

भारत ने ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से अग्नि-4 नामक एक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) का सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह लॉन्च सामरिक बल कमान (SFC) की देखरेख में किया गया और इसने सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों को मान्य किया है।

  • अग्नि-4 अग्नि श्रृंखला की चौथी मिसाइल है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया था।

नोट: SFC, जिसे सामरिक परमाणु कमान के रूप में भी जाना जाता है, भारत के परमाणु कमान प्राधिकरण (NCA) का एक हिस्सा है।

पृष्ठभूमि:

i.1980 के दशक की शुरुआत में, पूर्व राष्ट्रपति डॉ APJ अब्दुल कलाम के नेतृत्व में एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के तहत अग्नि मिसाइल श्रृंखला का विकास शुरू हुआ।

ii.1989 में, भारत ने पहली बार अग्नि प्रदर्शनकारी का उड़ान परीक्षण किया। अग्नि मिसाइल श्रृंखला में अग्नि-1 (700 किलोमीटर (km)), अग्नि-2 (2000 km), अग्नि-3 (3000 km), अग्नि-4 (4000 km), अग्नि-5 (5000 km) और अग्नि प्राइम शामिल हैं।

iii.अग्नि-I का विकास 1999 में शुरू हुआ, और मिसाइल का पहला सफल परीक्षण 2003 में हुआ।

iv.अप्रैल 2024 में, DRDO ने ओडिशा के तट पर डॉ. APJ अब्दुल कलाम द्वीप से नई पीढ़ी की परमाणु-सक्षम ‘अग्निप्राइम’ बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

अग्नि-4 की विशेषताएँ:

i.अग्नि-4 एक लंबी दूरी की, सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 4,000 किलोमीटर (km) है, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। 

ii.यह ठोस प्रणोदन के 2 चरणों और पुनः प्रवेश ताप कवच के साथ पेलोड के साथ वजन में हल्का है।

iii.इसकी लंबाई 20 मीटर (m) है और इसका वजन 17 टन है। यह 800 किलोग्राम (kg) तक के पारंपरिक या परमाणु वारहेड का पेलोड ले जा सकता है।

iv.यह एक स्वदेशी निर्मित रिंग लेजर जाइरोस्कोप से लैस है जिसमें माइक्रो इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (MINGS) है, जो 100 मीटर (m) की सटीकता प्राप्त करता है।

v.इसमें एक पूर्ण डिजिटल कंट्रोल सिस्टम (DCS) और इसके मार्गदर्शन के लिए एक शक्तिशाली ऑनबोर्ड कंप्यूटर सिस्टम है।

vi.यह सटीक उड़ान नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए फ्लेक्स नोजल कंट्रोल (FNC) थ्रस्ट वेक्टरिंग कंट्रोल सिस्टम से भी लैस है।

vii.सरफेस-टू-सरफेस मिसाइल (SSM) होने के कारण, अग्नि-4 को रोड-मोबाइल या 8×8 ट्रांसपोर्टर लॉन्चर से लॉन्च किया जा सकता है।

  • SSM को जमीन या समुद्र से लॉन्च करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि जमीन या समुद्र पर लक्ष्य को मारा जा सके।

viii.इसका 7 सफल परीक्षण हो चुका है, जिसका पहला परीक्षण 15 नवंबर, 2011 को किया गया था।

हाल ही के संबंधित समाचार:

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), रक्षा मंत्रालय (MoD) की अनुसंधान और विकास (R&D) शाखा, और भारतीय सेना ने स्वदेशी रूप से विकसित मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MP-ATGM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह परीक्षण राजस्थान के जैसलमेर में पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज (PFFR) में किया गया।

ओडिशा के बारे में:
मुख्यमंत्री (CM)- मोहन चरण माझी।
राज्यपाल रघुबर दास
राजधानी भुवनेश्वर
त्यौहारराजा परबा, रथ यात्रा और नुआखाई
स्टेडियम बाराबती स्टेडियम (आउटडोर), जवाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम और ईस्ट कोस्ट रेलवे स्टेडियम (आउटडोर)