द्वितीय विश्व युद्ध (WW2) के दौरान हिरोशिमा, जापान पर दुनिया की पहली परमाणु बमबारी के पीड़ितों को याद करने के लिए 6 अगस्त को दुनिया भर में हिरोशिमा दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
इस दिन का उद्देश्य परमाणु शक्ति और परमाणु हथियारों के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना और विश्व शांति को बढ़ावा देना है।
6 अगस्त 2021 को हिरोशिमा दिवस की 76वीं वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है।
पृष्ठभूमि:
i.25 जुलाई 1945 को, ग्रेट ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ की मैत्री देशों की सेना ने परमाणु बमों के साथ जापानी शहरों, हिरोशिमा और नागासाकी पर हमला करने का आदेश जारी किया।
ii.6 अगस्त 1945 को, संयुक्त राज्य अमेरिका ने हिरोशिमा शहर पर “लिटिल बॉय“ नामक पहला परमाणु बम गिराया था, जिसमें 140,000 से अधिक लोग मारे गए थे, जो कि उसकी आबादी का लगभग 39% था और बाद में 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर “फैट मैन” नाम का दूसरा बम गिराया गया जिसमें 40000 अन्य लोग मारे गए थे।
iii.पहला हिरोशिमा दिवस 6 अगस्त 1947 को मनाया गया था।
हिरोशिमा पर बमबारी के तथ्य:
i.‘लिटिल बॉय’ में समृद्ध यूरेनियम होता है और इसमें 13 किलोटन (ट्रिनिट्रोटोलुइन) TNT की विस्फोट क्षमता होती है।
ii.कर्नल पॉल तिब्बत B-29 सुपरफोर्ट्रेस बमवर्षक “एनोला गे” के पायलट थे, जिसने हिरोशिमा के ऊपर ‘लिटिल बॉय’ को गिरा दिया था।
iii.परमाणु बम से बचे लोगों को जापानी में ‘हिबाकुशा‘ कहा जाता है, जिसका अनुवाद “बम प्रभावित लोग” होता है।
हिरोशिमा शांति स्मारक:
i.हिरोशिमा शांति स्मारक, ‘द जेनबाकू डोम‘, 6 अगस्त 1945 को पहले परमाणु बम विस्फोट के क्षेत्र में खड़ा एकमात्र ढाँचा था।
ii.जेनबाकू डोम को 1996 में “हिरोशिमा पीस मेमोरियल” नाम से संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) का विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।