हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार ने एक्वीफर्स (भूमिगत परत जिसमें पानी होता है) को पुनर्जीवित, पुनर्भरण करने और राज्य में पानी के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए ‘पर्वत धारा योजना’ शुरू की है।
उद्देश्य – अधिकतम अवधि के लिए पानी को बरकरार रखते हुए जल स्तर को बढ़ाना।
i.यह हिमाचल प्रदेश के 10 जिलों में लागू करने की तैयारी है।
ii.योजना के कार्यान्वयन के लिए 20 करोड़ रु के परिव्यय को अलग रखा गया है।
iii.हिमाचल प्रदेश का वन विभाग वन क्षेत्रों में इस योजना को लागू करेगा।
प्रमुख बिंदु
i.इस स्कीम की घोषणा वित्त वर्ष 2020-21 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य बजट में की गई थी।
ii.इस योजना में ढलान वाले खेतों में, वन विभाग में सिंचाई की सुविधा प्रदान की जाएगी; यह पहले ही भंडारण संरचनाओं का निर्माण शुरू कर चुका है।
iii.2020-21 के दौरान, वन विभाग ने पायलट आधार पर 110 बड़े और छोटे तालाबों, 600 चेकडैम और दीवारों, 12,000 समोच्च खाइयों के निर्माण के लिए 2.76 करोड़ रु खर्च किए थे।
तथ्य:
- हिमाचल प्रदेश का लगभग 27% (कुल 55,643 वर्ग किलोमीटर का 15,433 वर्ग किलोमीटर) फॉरेस्ट कवर के अंतर्गत है।
- इसमें 33 वन्यजीव अभयारण्य और 2 राष्ट्रीय उद्यान हैं।
- यह भारत में पक्षियों की 36% प्रजातियों का घर है।
हाल के संबंधित समाचार:
i.6 मार्च, 2020 को, हिमाचल प्रदेश (HP) के मुख्यमंत्री (CM) जय राम ठाकुर ने शिमला के राज्य विधानसभा में वित्तीय वर्ष (FY) 2020-21 के लिए 49,131 करोड़ रु का बजट पेश किया है।
हिमाचल प्रदेश के बारे में:
मुख्यमंत्री – जय राम ठाकुर
राज्यपाल – बंडारू दत्तत्रेय
राजधानी – शिमला