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राष्ट्रीय संविधान दिवस ‘संविधान दिवस’ 2025 – 26 नवंबर

राष्ट्रीय संविधान दिवस जिसे ‘संविधान दिवस’ के  रूप में भी जाना जाता है,  1949 में भारत की संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में 26 नवंबर को पूरे भारत में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।

  • 26 नवंबर 2025 को  भारत के संविधान को अपनाने की 76वीं वर्षगांठ है।

2025 थीम: “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” (हमारा संविधान-हमारा गौरव)।

फोकस: राष्ट्रीय गरिमा की नींव के रूप में संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखना, नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व पर विचार करने और पुष्टि करने के लिए प्रेरित करना।

Exam Hints:

  • क्या? संविधान दिवस (संविधान दिवस) 2025
  • कब? 26 नवंबर 2025
  • थीम 2025: “हमारा संविधान – हमारा स्वाभिमान”
  • पहला पालन: 26 नवंबर 2015
  • 2025 का कार्यक्रम: संसद भवन के सेंट्रल हॉल, संविधान सदन, दिल्ली में आयोजित किया गया
  • मुख्य विज्ञप्तियाँ: नौ क्षेत्रीय भाषाओं में संविधान; सुलेख पर स्मारक पुस्तिका
  • अंतर्राष्ट्रीय श्रद्धांजलि: UNESCO मुख्यालय, पेरिस, फ्रांस में डॉ. B. R. अम्बेडकर की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया गया

पृष्ठभूमि:

घोषणा: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (MoSJ&E) ने 2015 में घोषणा की कि नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

स्मरण: साल 2015 में संविधान की ड्राफ्टिंग कमिटी के चेयरमैन और भारतीय संविधान के जनक माने जाने वाले डॉ. भीमराव रामजी (B. R.) अंबेडकर की 125वीं जयंती थी, इस दिन को पहले कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था।

शुरुआत: पहला संविधान दिवस आधिकारिक तौर पर 26 नवंबर 2015 को मनाया गया था।

सालगिरह: साल 2025 में डॉ. बी. आर. अंबेडकर की 134वीं जयंती है।

2025 घटना:

26 नवंबर 2025 को, भारत की राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति चंद्रपुरम पोन्नुसामी (C.P.) के साथ राधाकृष्णन और प्रधान मंत्री (PM) नरेंद्र मोदी ने संसद भवन के सेंट्रल हॉल, संविधान सदन, नई दिल्ली, दिल्ली में राष्ट्रीय संविधान दिवस 2025 मनाया।

शुरू की गई प्रमुख पहलें:

क्षेत्रीय संविधान: विधायी विभाग (LD), कानून और न्याय मंत्रालय (MoL&J) ने नौ क्षेत्रीय भाषाओं में संविधान को डिजिटल रूप से जारी किया: मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, उड़िया और असमिया।

पुस्तिका: संस्कृति मंत्रालय ने मूल हस्तलिखित संविधान की कला और सुलेख पर प्रकाश डालते हुए “भारत के संविधान से काला और सुलेख” नामक एक स्मारक पुस्तिका जारी की।

प्रस्तावना वाचन: द्रौपदी मुर्मू ने प्रस्तावना पढ़ने का नेतृत्व किया, जो MyGov.in जैसे मंचों के माध्यम से देश भर के नागरिकों द्वारा भी की जाने वाली गतिविधि  है।

डॉ. B. R. अम्बेडकर को अंतर्राष्ट्रीय श्रद्धांजलि:

26 नवंबर 2025 को, UNESCO में भारत के स्थायी प्रतिनिधिमंडल द्वारा पेरिस, फ्रांस में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) मुख्यालय में डॉ. बीआर अम्बेडकर की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया गया।

मूर्तिकार: प्रतिमा का निर्माण मूर्तिकार नरेश कुमावत ने किया था।
स्थान: इसे UNESCO के गार्डन ऑफ पीस में स्थापित किया गया था।

डॉ . अम्बेडकर मोहनदास करमचंद गांधी (महात्मा गांधी) के बाद UNESCO में प्रतिमा स्थापित करने वाले दूसरे भारतीय नेता बने।

महत्व: यह  श्रद्धांजलि समानता, सामाजिक न्याय और भारत के संविधान के प्रारूपण में डॉ. अम्बेडकर के योगदान का सम्मान करती है, जो मानवाधिकारों के प्रति UNESCO की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

भारतीय संविधान की पृष्ठभूमि:

संविधान सभा: भारत के संविधान का मसौदा 1946 की कैबिनेट मिशन योजना के तहत गठित संविधान सभा द्वारा तैयार किया गया था, जिसकी पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी और डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को अनंतिम अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।

गोद लेना: संविधान 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

स्थायी अध्यक्ष: 11 दिसंबर 1946 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष के रूप में चुना गया।

मसौदा समिति: विधानसभा ने 29 अगस्त 1947 को डॉ. B. R. अम्बेडकर की अध्यक्षता में एक मसौदा समिति सहित 13 समितियों का गठन किया।

मसौदा तैयार करने वाले सदस्य: मसौदा समिति में मूल रूप से सात सदस्य थे: डॉ. B. R. अम्बेडकर (अध्यक्ष), अल्लादी कृष्णास्वामी अय्यर, एन. गोपालस्वामी अय्यंगार, डॉ. केएम मुंशी, सैयद मोहम्मद सादुल्ला, एन. माधव राव (BL मित्तर की जगह), और टीटी कृष्णमाचारी (D.P. खेतान की जगह)।

ध्यान देने योग्य बातें:

लंबाई: भारतीय संविधान दुनिया के सबसे लंबे संविधानों में से एक है, जो अंग्रेजी और हिंदी दोनों में हस्तलिखित है, वर्तमान में 25 भागों और 12 अनुसूचियों (2025 तक) में 448 लेख शामिल हैं।

शब्द गणना: प्रारंभ में, इसमें 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियां और 117,000 शब्द थे; 2024 तक, संशोधनों के कारण इसमें 146,385 शब्द थे, जिससे यह एक संप्रभु राष्ट्र का सबसे लंबा लिखित और सक्रिय संविधान बन गया।

प्रारूपण: संविधान का मसौदा दो साल, ग्यारह महीने और सत्रह दिनों की अवधि में तैयार किया गया था।

सिद्धांत: यह भारत के लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और समतावादी सिद्धांतों को परिभाषित करता है, जो न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के माध्यम से शासन का मार्गदर्शन करता है।

प्रस्तावना: 13 दिसंबर 1946 को जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रस्तावित उद्देश्य संकल्प से व्युत्पन्न, प्रस्तावना में 1976 में 42वें संशोधन के तहत “समाजवादी,” “धर्मनिरपेक्ष” और “अखंडता” शब्द शामिल थे।

सुलेख: संविधान को आचार्य नंदलाल बोस के तहत शांतिनिकेतन कलाकारों द्वारा हस्तनिर्मित किया गया था, जिसमें सुलेख प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा बनाया गया था।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (MoSJ&E) के बारे में:
केंद्रीय मंत्री– वीरेंद्र कुमार खटीक (निर्वाचन क्षेत्र- टीकमगढ़, MP)
राज्य मंत्री (MoS)– रामदास अठावले (महाराष्ट्र); B. L. वर्मा (उत्तर प्रदेश)