प्रसूति नालव्रण (ऑब्स्टेट्रिक फिस्टुला) को समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) का अंतर्राष्ट्रीय दिवस प्रतिवर्ष 23 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है ताकि प्रसूति नालव्रण को समाप्त करने की दिशा में जागरूकता पैदा की जा सके और कार्यों को तेज किया जा सके।
प्रसूति नालव्रण सबसे गंभीर और दुखद प्रसव चोटों में से एक है जो समय पर चिकित्सा उपचार तक पहुंच के बिना लंबे समय तक बाधित श्रम के कारण होता है।
ऑब्स्टेट्रिक फिस्टुला को समाप्त करने के अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2021 का विषय “वीमेन्स राइट्स आर ह्युमन राइट्स! एंड फिस्टुला नाउ!”।
पृष्ठभूमि:
i.संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 20 दिसंबर 2012 को संकल्प A/RES/67/147 को अपनाया और हर साल 23 मई को प्रसूति नालव्रण को समाप्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने को घोषित किया।
ii.ऑब्स्टेट्रिक फिस्टुला को समाप्त करने के लिए पहला अंतर्राष्ट्रीय दिवस 23 मई 2013 को मनाया गया था।
फिस्टुला खत्म करने के प्रयास :
i.फिस्टुला को समाप्त करने के अभियान का उद्देश्य मातृ और नवजात मृत्यु और आघात की चल रही त्रासदी को कम करना है।
ii.16 दिसंबर 2020 को अपनाया गया संयुक्त राष्ट्र का संकल्प A/RES/75/159 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और 2030 तक प्रसूति संबंधी फिस्टुला को समाप्त करने और SDG की उपलब्धि में योगदान करने के प्रयासों को मान्यता देता है।
प्रमुख बिंदु:
i.दुनिया भर में लगभग 800 महिलाओं का प्रतिदिन गर्भावस्था या प्रसव संबंधी जटिलताओं से देहांत हो जाता हैं।
ii.ज्यादातर फिस्टुला गरीबी में, उन संस्कृतियों में रहने वाली महिलाओं में होता है जहां महिलाओं की स्थिति और आत्मसम्मान शादी और बच्चे पैदा करने की क्षमता पर निर्भर करता है।
iii.प्रसूति नालव्रण को रोका जा सकता है और ज्यादातर मामलों में इसका इलाज किया जा सकता है।