परमाणु हथियारों के परीक्षण के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता लाने के लिए 29 अगस्त को दुनिया भर में परमाणु परीक्षणों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र (UN) का अंतर्राष्ट्रीय दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
- इस दिन का उद्देश्य ऐसे परमाणु परीक्षणों को समाप्त करना है।
- 29 अगस्त 2022 को परमाणु परीक्षणों के खिलाफ तेरहवां अंतर्राष्ट्रीय दिवस है।
पार्श्वभूमि:
i.संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 2 दिसंबर 2009 को संकल्प A/RES/64/35 को अपनाया और प्रतिवर्ष 29 अगस्त को परमाणु परीक्षण के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया।
ii.कई प्रायोजकों और सह-प्रायोजकों के साथ कजाकिस्तान गणराज्य द्वारा संकल्प की शुरुआत की गई।
iii.परमाणु परीक्षण के खिलाफ पहला अंतर्राष्ट्रीय दिवस 29 अगस्त 2010 को मनाया गया था।
29 अगस्त क्यों?
29 अगस्त 1991 को सेमिपालाटिंस्क परमाणु परीक्षण स्थल को बंद करने के उपलक्ष्य में 29 अगस्त को चुना गया था।
पहला परमाणु परीक्षण:
i.ट्रिनिटी एक परमाणु हथियार के पहले विस्फोट का कोड नाम था, 16 जुलाई, 1945 को संयुक्त राज्य सेना द्वारा न्यू मैक्सिको के एक रेगिस्तानी स्थल में पहला परमाणु परीक्षण किया गया था।
ii.इस परमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका ने अगस्त 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए।
महत्व:
i.व्यापक परमाणु-परीक्षण-प्रतिबंध संधि (CTBT) की स्थापना 1996 में UNGA द्वारा की गई थी, जिस पर 170 देशों द्वारा हस्ताक्षर और पुष्टि की गई थी।
ii.परमाणु परीक्षण के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस सभी प्रकार के परमाणु हथियारों के परीक्षण और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
- यह परमाणु हथियारों के अप्रसार पर संधि के हस्ताक्षरकर्ताओं द्वारा उठाए गए परमाणु हथियारों से उत्पन्न खतरे से शांति और सुरक्षा को सुरक्षित करने का वचन देता है।
नोट-भारत व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) पर हस्ताक्षरकर्ता नहीं है।