ग्लासगो, स्कॉटलैंड में चल रहे 2021 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, उर्फ COP26 के दौरान, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम(UNEP) द्वारा ‘अडॉप्टेशन गैप रिपोर्ट 2021: द गैदरिंग स्टॉर्म‘ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की गई। यह अडॉप्टेशन गैप रिपोर्ट का छठा संस्करण था।
रिपोर्ट में क्या है?
रिपोर्ट एक अद्यतन प्रदान करती है और वैश्विक स्थिति और अनुकूलन की प्रगति को तीन मापदंडों अर्थात योजना, वित्तपोषण और कार्यान्वयन में एक्सेस करती है।
रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान परिदृश्य:
i.रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर दुनिया में वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित कर दिया जाता है, तो कई जलवायु जोखिम बने रहेंगे और अपरिवर्तनीय होंगे।
ii.इसने यह भी चेतावनी दी कि अनुकूलन की लागत और वर्तमान वित्तीय प्रवाह के बीच की खाई चौड़ी हो रही है।
प्रमुख बिंदु:
i.वर्तमान में वार्मिंग का स्तर 1.1 डिग्री सेल्सियस है, जिसके परिणामस्वरूप 2021 में यूरोप और चीन में बाढ़, प्रशांत नॉर्थवेस्ट में हीटवेव, ग्रीस में जंगल की आग और भारत में बाढ़ और मानसून परिवर्तनशीलता से लेकर जलवायु से संबंधित तबाही हुई।
ii.अनुकूलन की लागत 2030 तक 140-300 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष और विकासशील देशों के लिए 2050 तक 280-500 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष होने का अनुमान है।
iii.शमन और अनुकूलन योजना और कार्यान्वयन के लिए विकासशील देशों को मिलने वाला जलवायु वित्त 2019 में 79.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
iv.विश्व स्तर पर 16.7 ट्रिलियन डॉलर का वित्त तैनात किया गया है, लेकिन इस फंडिंग के केवल एक छोटे से हिस्से ने अनुकूलन को लक्षित किया है।
v.विशेष रूप से, पेरिस समझौते के लिए अपने सभी हस्ताक्षरकर्ताओं को राष्ट्रीय अनुकूलन योजनाओं, अध्ययनों और जलवायु परिवर्तन प्रभावों की निगरानी के माध्यम से अनुकूलन उपायों की योजना बनाने और उन्हें लागू करने की आवश्यकता है।
- इसके अनुसार, 79% देशों ने कम से कम एक राष्ट्रीय स्तर के अनुकूलन योजना उपकरण को अपनाया है।
सिफारिशें:
रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों के अनुकूल होने और हरित आर्थिक विकास को प्राथमिकता देने के लिए डिज़ाइन किए गए कार्यों के वित्तपोषण और कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए तत्काल प्रयास करने का आह्वान किया गया।
- साथ ही, सरकारों को एकीकृत जोखिम प्रबंधन दृष्टिकोण स्थापित करना चाहिए और लचीला आपदा वित्त ढांचा स्थापित करना चाहिए।
हाल के संबंधित समाचार:
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने नवीनतम जलवायु विज्ञान सूचना पर एक रिपोर्ट जारी की जिसका नाम ‘यूनाइटेड इन साइंस 2021’ है। रिपोर्ट के अनुसार, COVID-19 ने 2020 में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन में केवल अस्थायी गिरावट का कारण बना। जबकि वातावरण में प्रमुख ग्रीनहाउस गैसों – CO2, मीथेन (CH4) और नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) की सांद्रता में 2020 और 2021 की पहली छमाही में वृद्धि जारी रही।
UNEP (संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम) के बारे में:
कार्यकारी निदेशक– इंगर एंडरसन
मुख्यालय– नैरोबी, केन्या