दिसंबर 2024 में, केंद्रीय राज्य मंत्री (MoS) रक्षा खडसे, युवा मामले और खेल मंत्रालय (MYAS), ने देहरादून (उत्तराखंड) के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम में 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए मैस्कॉट, लोगो, एंथम, जर्सी, टोर्च और टैगलाइन का अनावरण किया। इसका उद्देश्य खेल संस्कृति को बढ़ावा देना, बुनियादी ढांचे को बढ़ाना और युवा एथलीटों को प्रेरित करना है।
- 38वें राष्ट्रीय खेल 28 जनवरी से 14 फरवरी, 2025 तक उत्तराखंड के देहरादून स्थित राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में आयोजित होंगे, जिसमें 38 खेलों में 10,000 से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे।
प्रमुख लोग:
इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (CM) पुष्कर सिंह धामी और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष P T उषा उपस्थित थीं।
मुख्य अंश:
i.मैस्कॉट: 38वें राष्ट्रीय खेलों के मैस्कॉट का नाम ‘मौली‘ रखा गया है, जो उत्तराखंड के राज्य पक्षी हिमालयन मोनाल से प्रेरित है।
ii.लोगो: ‘मोनाल‘ वाला लोगो राज्य की समृद्ध प्राकृतिक सुंदरता और विविधता का प्रतीक है।
- मैस्कॉट और लोगो का उद्देश्य युवा एथलीटों को प्रेरित करना और उत्तराखंड की विशिष्ट पहचान को उजागर करना है।
iii.टैगलाइन: इस कार्यक्रम में 38वें राष्ट्रीय खेलों की आधिकारिक टैगलाइन ‘संकल्प से शिखर तक‘ (फ्रॉम रीसोल्व टू जेनिथ) लांच की गई।
- टैगलाइन महान ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक दृढ़ता & दृढ़ संकल्प की भावना को दर्शाती है।
iv.जर्सी: 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए एक विशेष जर्सी का अनावरण किया गया, जिसे राज्य और राष्ट्रीय भावना का प्रतिनिधित्व करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
v.टोर्च: नव डिजाइन की गई टोर्च में बारहमासी पवित्र नदी गंगा और राज्य पुष्प ब्रह्म कमल, जिसे “लोटस ऑफ़ द डारक्स” भी कहा जाता है, की आकृतियां सम्मिलित की गई हैं।
- इस कार्यक्रम के दौरान 38वें राष्ट्रीय खेलों की टोर्च प्रज्वलित की गई, जो एकता और खेल भावना को बढ़ावा देते हुए पूरे उत्तराखंड का भ्रमण करेगी।
vi.योग और मल्लखंब को शामिल करना: IOA अध्यक्ष PT उषा ने घोषणा की कि ‘योग’ और ‘मल्लखंब’ को राष्ट्रीय खेलों में प्रदर्शन खेल के रूप में शामिल किया जाएगा।
- इन पारंपरिक खेलों का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करना और स्वदेशी एथलेटिक प्रथाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
नोट: मल्लखंब एक पारंपरिक भारतीय खेल है जिसमें जिमनास्ट एक स्थिर पोल पर एरियल योग और जिमनास्टिक पोज़ करते हैं, जिसका इस्तेमाल अक्सर कुश्ती प्रशिक्षण के लिए किया जाता है। इसे भारत में एक राज्य खेल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
vii. बुनियादी ढांचे का विकास:राज्य ने नई खेल सुविधाओं और मौजूदा स्टेडियमों के नवीनीकरण सहित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
हाल ही में संबंधित समाचार:
नवंबर 2024 में, भारत के पहले “राइटर’स विलेज” (लेखक गाँव) का उद्घाटन पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट (Lt) जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) और मुख्यमंत्री (CM) पुष्कर सिंह धामी ने संयुक्त रूप से उत्तराखंड के देहरादून में किया।
- इसकी परिकल्पना पूर्व CM रमेश पोखरियाल निशंक ने की है, जो खुद एक प्रसिद्ध लेखक हैं। कार्यक्रम के दौरान निशंक ने अपनी पुस्तक “राम इन द हिमालयाज़” का विमोचन किया।
उत्तराखंड के बारे में:
मुख्यमंत्री (CM)–पुष्कर सिंह धामी
गवर्नर– गुरमीत सिंह
राजधानी– देहरादून
बांध– टेहरी बांध, तुमरिया बांध, मनेरी बांध