डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस & टेक्नोलॉजी(DST) के एक प्रभाग, सेंटर फॉर ह्यूमन एंड ओर्गानिसेशनल रिसोर्स डेवलपमेंट(CORD) द्वारा जारी ‘डायरेक्टरी ऑफ़ एक्सट्राम्यूरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स 2018-19′ के अनुसार, अनुसंधान में महिला प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर्स (PI) की भागीदारी, जिसे एक्स्ट्राम्यूरल रिसर्च (EMR) समर्थन (सहकर्मी-समीक्षित प्रतिस्पर्धी अनुदान तंत्र के माध्यम से प्राप्त समर्थन) प्राप्त हुआ, 2018-19 के दौरान 28% थी।
- केंद्र सरकार द्वारा सहकर्मी-समीक्षित प्रतिस्पर्धी अनुदान तंत्र के माध्यम से रिसर्च & डेवलपमेंट (R&D) सहायता 2017-18(2016-17 से 54.72 करोड़ की वृद्धि) में 2036.32 करोड़ रुपये की तुलना में 2018-19 में 2091.04 करोड़ रुपये थी।
एक्सट्राम्यूरल R&D परियोजना रिपोर्ट की निर्देशिका
i.चयनित केंद्र सरकार के विभागों/एजेंसियों द्वारा वित्त पोषण के लिए अनुमोदित बाह्य R&D परियोजनाओं की निर्देशिका 1990-91 से DST द्वारा वार्षिक रूप से प्रकाशित की जाती रही है।
- 2018-19 निर्देशिका श्रृंखला में 29वीं है। इसमें वर्ष 2018-19 के दौरान 16 वैज्ञानिक एजेंसियों/विभागों द्वारा वित्त पोषण के लिए अनुमोदित 4616 अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं की जानकारी है। यह भारत में नीति नियोजन में मदद करेगा।
- CHORD(पूर्व में नेशनल साइंस & टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (NSTMIS) के रूप में जाना जाता था) विभिन्न वैज्ञानिक एजेंसियों द्वारा वित्त पोषित एक्सट्राम्यूरल अनुसंधान और विकास परियोजनाओं पर जानकारी एकत्र करने, विश्लेषण करने और प्रसारित करने के लिए जिम्मेदार है। यह भारत में नीति नियोजन में मदद करेगा।
प्रमुख बिंदु
i.2018-19 के दौरान समर्थित परियोजनाओं की संख्या और PI की संख्या में वृद्धि हुई है।
- 2017-18 के दौरान 4137 परियोजनाओं में 3491 PI की तुलना में 2018-19 के दौरान कुल 3839 PI ने 4616 परियोजनाएं शुरू कीं।
- 4616 परियोजनाओं में से 64% परियोजनाओं और 71% वित्त पोषण का हिस्सा 8 राज्यों तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल द्वारा प्राप्त किया गया था।
ii.शैक्षिक संस्थानों में, 22 इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजीज (IIT) को संयुक्त रूप से सबसे अधिक परियोजनाएं (822) और उच्चतम वित्त पोषण सहायता (INR 449.25 करोड़) प्राप्त हुई। 26 नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी(NIT) ने संयुक्त रूप से 55.83 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के साथ 191 परियोजनाएं प्राप्त कीं।
- सबसे अधिक वित्तीय सहायता इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गई, जबकि सबसे अधिक परियोजनाएं जैविक विज्ञान के क्षेत्र में गईं।
iii.जिन विभागों ने भारत में एक्सट्राम्यूरल अनुसंधान एवं विकास निधि में सबसे अधिक योगदान दिया है,
- DST- INR 1392.21 करोड़ (67%), इसके बाद डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी (DBT) INR 341.37 करोड़ (16%) के साथ है।
- DST और DBT ने मिलकर भारत में कुल बाह्य अनुसंधान एवं विकास फंडिंग का 83% योगदान दिया।
एक्सट्राम्यूरल अनुसंधान और विकास (R&D) परियोजना का समर्थन
यह भारत में अनुसंधान एवं विकास और नवाचार को बढ़ावा देने, उत्प्रेरित करने और आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की एक सहकर्मी-समीक्षित प्रतिस्पर्धी अनुदान तंत्र है। इसका उद्देश्य वैज्ञानिकों को शोध करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
हाल के संबंधित समाचार:
29 अक्टूबर, 2020 को, हर्षवर्धन, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने-‘SERB-POWER’ (विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड-महिलाओं के लिए खोजपूर्ण अनुसंधान में प्रचारक अवसर) नाम से एक योजना ई-लॉन्च की। यह विशेष रूप से महिला वैज्ञानिकों के लिए बनाया गया है।
डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस & टेक्नोलॉजी (DST) के बारे में
DST विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन है।
सचिव – प्रो आशुतोष शर्मा
प्रधान कार्यालय – नई दिल्ली