सभी प्रकार के वनों के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 21 मार्च को दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र(UN) अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाया जाता है।
इस दिन का आयोजन यूनाइटेड नेशंस फोरम ऑन फॉरेस्ट्स और संयुक्त राष्ट्र के फ़ूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाइजेशन(FAO) द्वारा सरकारों, जंगलों और क्षेत्र के अन्य संगठनों पर सहयोगात्मक साझेदारी के तहत किया जाता है।
2021 के लिए अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का विषय “फारेस्ट रेस्टोरेशन: अ पाथ टू रिकवरी एंड वेल-बीइंग” है।
2021 की थीम दुनिया भर के पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण पर है।
हर साल अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का विषय कोलोबोरेटिव पार्टनरशिप ऑन फॉरेस्ट्स(CPF) द्वारा चुना जाता है।
पृष्ठभूमि:
i.यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली(UNGA), ने 21 दिसंबर 2012 को संकल्प A/RES/67/200 को अपनाया और हर साल 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस घोषित किया।
ii.हर साल सदस्य वृक्षारोपण अभियान जैसी गतिविधियों को आयोजित करने के लिए स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का संचालन करते हैं।
भारत का वन आवरण:
i.बढ़ती आबादी के बावजूद भारत में भूमि का 1/5 हिस्सा वन क्षेत्र के अंतर्गत है।
ii.द्विवार्षिक “भारत राज्य वन रिपोर्ट (ISFR)” के अनुसार, 2017 के बाद से भारत का वन आवरण 3.976 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है।
iii.2007 के बाद से लगातार दूसरी बार, रिपोर्ट में घने जंगल में 1275 वर्ग किमी का वृद्धि दर्ज किया गया है।
अतिरिक्त जानकारी:
भारत का वन आवरण बढ़ा है और वर्तमान में यह भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 24.56% है।