स्वीडिश थिंक टैंक, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) द्वारा जारी ‘ट्रेंड्स इन इंटरनेशनल आर्म्स ट्रांसफर्स, 2024′ शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन 2020 और 2024 के बीच प्रमुख हथियारों के आयातक के रूप में उभरा, जिसका आयात 2015-19 की अवधि की तुलना में लगभग 100 गुना बढ़ गया।
- भारत 2020-2024 के दौरान दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक रहा, जिसमें 2015-2019 की तुलना में आयात में 9.3% की गिरावट आई, जो घरेलू उत्पादन में वृद्धि और विविध सोर्सिंग के कारण हुआ। कतर और सऊदी अरब क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर रहे।
- इस अवधि के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका (USA), फ्रांस और रूस शीर्ष 3 वैश्विक हथियार निर्यातक थे।
भारत के मुख्य हथियार आपूर्तिकर्ता:
i.रूस भारत का शीर्ष हथियार आपूर्तिकर्ता बना हुआ है, जो इसके कुल हथियार आयात का 36% हिस्सा है। हालाँकि, भारत के बढ़ते घरेलू रक्षा उत्पादन और अन्य देशों से सोर्सिंग के कारण यह आँकड़ा 2015-19 में 55% से घटकर 2020-24 में 36% हो गया है।
ii.फ्रांस भारत का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बनकर उभरा है, जो मुख्य रूप से राफेल जेट और अन्य सैन्य उपकरणों की आपूर्ति के माध्यम से कुल आयात का 33% हिस्सा है। इसके बाद इज़राइल का स्थान है, जो भारत के कुल आयात का 13% प्रदान करता है।
शीर्ष 5 आयातक और उनके मुख्य आपूर्तिकर्ता (2020-24):
रैंक | आयातक (वैश्विक हिस्सेदारी %) | मुख्य आपूर्तिकर्ता (आयातकर्ता के कुल आयात का हिस्सा %) | ||
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पहला | दूसरा | तीसरा | ||
1 | यूक्रेन (8.8%) | USA (45) | जर्मनी (12) | पोलैंड (11) |
2 | भारत (8.3%) | रूस (36) | फ्रांस (33) | इज़राइल (13) |
3 | कतर (6.8%) | USA (48) | इटली (20) | यूनाइटेड किंगडम (UK) (15) |
4 | सऊदी अरब (6.8%) | USA (74) | स्पेन (10) | फ्रांस (6.2) |
5 | पाकिस्तान (4.6%) | चीन (81) | नीदरलैंड (5.5) | तुर्की (3.8) |
मुख्य बिंदु:
i.रूस-यूक्रेन संघर्ष के दौरान विभिन्न देशों से भारी रक्षा सहायता के कारण यूक्रेन विश्व स्तर पर सबसे बड़ा हथियार आयातक बन गया।
- यूक्रेन ने वैश्विक हथियार आयात का 8.8% हिस्सा लिया, जिसमें से मुख्य रूप से अमेरिका (45%), जर्मनी (12%) और पोलैंड (11%) ने आपूर्ति की।
ii.रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण यूरोपीय हथियारों के आयात में 155% की वृद्धि हुई। यूरोपीय उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) राज्यों ने अपने हथियारों के आयात में 105% की वृद्धि की, जिसमें से 64% आपूर्ति USA से हुई।
iii.एशिया और ओशिनिया में, हथियारों के आयात में 21% की गिरावट आई, जिसमें चीन के आयात में 64% की गिरावट आई, जबकि जापान के आयात में 93% की वृद्धि हुई।
iv.मध्य पूर्व में हथियारों के आयात में 20% की कमी देखी गई, जबकि सऊदी अरब में 41% की गिरावट देखी गई।
v.क्षेत्र के आयात में अमेरिका का हिस्सा 52% था। इस बीच, अफ्रीका के हथियार आयात में 44% की गिरावट आई, जिसका मुख्य कारण अल्जीरिया (73%) और मोरक्को (26%) द्वारा आयात में कमी थी।
शीर्ष 5 निर्यातक और उनके मुख्य प्राप्तकर्ता (2020-24):
रैंक | आयातक (वैश्विक हिस्सेदारी %) | मुख्य प्राप्तकर्ता (निर्यातक के कुल निर्यात का हिस्सा %) | ||
---|---|---|---|---|
पहला | दूसरा | तीसरा | ||
1 | USA (43) | सऊदी अरब (12) | यूक्रेन (9.3) | जापान (8.8) |
2 | फ्रांस (9.6) | भारत (28) | कतर (9.7) | ग्रीस (8.3) |
3 | रूस (7.8) | भारत (38) | चीन (17) | कजाकिस्तान (11) |
4 | चीन (5.9%) | पाकिस्तान (63) | सर्बिया (6.8) | थाईलैंड (4.6%) |
5 | जर्मनी (5.6%) | यूक्रेन (19) | मिस्र (19) | इज़राइल (11) |
मुख्य बिंदु:
i.वैश्विक हथियार निर्यात में USA का दबदबा रहा, जिसकी कुल हिस्सेदारी 43% थी, जो 2015-19 से 21% की वृद्धि को दर्शाता है।
- रूस के हथियार निर्यात में 64% की गिरावट आई, जिससे इसकी हिस्सेदारी घटकर 7.8% रह गई, जो फ्रांस (9.6%) के बाद तीसरे स्थान पर रहा।
- निर्यात में 11% की वृद्धि के साथ फ्रांस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता बन गया।
ii.2020-24 में अंतर्राष्ट्रीय हथियारों के हस्तांतरण की कुल मात्रा 2015-19 की तुलना में 0.6% कम हुई।
नोट:
- 2023-24 में, भारत का कुल रक्षा उत्पादन रिकॉर्ड 1.27 ट्रिलियन रुपये पर पहुंच गया। उस वर्ष कुल उत्पादन में 17.25% की वृद्धि सात साल का उच्चतम स्तर था।
- FY25-26 (FY26) के लिए केंद्रीय बजट में रक्षा मंत्रालय (MoD) को 6,81,210.27 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.53% की वृद्धि है। यह राशि कुल केंद्रीय बजट का 13.45% है, जो सभी मंत्रालयों में सबसे अधिक है।
- 1.49 ट्रिलियन रुपये के पूंजी अधिग्रहण बजट में से 1.115 ट्रिलियन रुपये (75%) घरेलू खरीद के लिए अलग रखे गए हैं।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के बारे में:
निदेशक– डैन स्मिथ
मुख्यालय– सोलना, स्वीडन
स्थापना– 1966