स्वीडन स्थित स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के आयुध, निरस्त्रीकरण और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति के वार्षिक आकलन के अनुसार, भारत के परमाणु हथियार जनवरी 2023 में 164 वॉरहेड से बढ़कर जनवरी 2024 में 172 वॉरहेड हो गए हैं।
- 55वीं SIPRI वर्ष पुस्तिका (2024) में कहा गया है कि भारत के पास अब पाकिस्तान से ज़्यादा परमाणु हथियार हैं, जिसके वॉरहेड की संख्या (2023 और 2024 में 170) में कोई वृद्धि दर्ज नहीं की गई है।
मुख्य बातें:
i.संयुक्त राज्य अमेरिका (USA), रूस, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, यूनाइटेड किंगडम (UK), इजरायल और उत्तर कोरिया सहित नौ परमाणु-सशस्त्र राष्ट्रों ने अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण जारी रखा और 2023 में नए परमाणु-सशस्त्र या परमाणु-सक्षम प्रणाली स्थापित किए।
ii.वैश्विक सूची में लगभग 12,121 परमाणु वारहेड शामिल हैं, जिनमें से लगभग 9,585 सैन्य भंडार में हैं।
iii.इनमें से लगभग 3,904 वारहेड मिसाइलों और विमानों के साथ कार्यरत हैं, जो जनवरी 2023 से 60 की वृद्धि है, जबकि शेष केंद्रीय भंडारण में हैं।
iv.रिपोर्ट से पता चला है कि तैनात किए गए लगभग 2,100 वारहेड बैलिस्टिक मिसाइलों पर उच्च परिचालन अलर्ट पर थे, जिनमें से ज्यादातर रूस और USA के थे। चीन के पास भी पहली बार कुछ वारहेड उच्च परिचालन अलर्ट पर थे।
परमाणु वारहेड का सैन्य भंडार, जनवरी 2024:
देश | कुल सूची (2023) | कुल सूची (2024) |
---|---|---|
रूस | 5889 | 5580 |
संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) | 5244 | 5044 |
चीन | 410 | 500 |
फ्रांस | 290 | 290 |
यूनाइटेड किंगडम (UK) | 225 | 225 |
भारत | 164 | 172 |
पाकिस्तान | 170 | 170 |
इज़राइल | 90 | 90 |
उत्तर कोरिया | 30 | 50 |
ध्यान देने योग्य बिंदु:
i.रूस और USA के पास सभी परमाणु हथियारों का लगभग 90% हिस्सा है, 2023 में उनके सैन्य भंडार अपेक्षाकृत स्थिर रहेंगे। हालांकि, अनुमान है कि रूस ने जनवरी 2023 की तुलना में परिचालन बलों के साथ लगभग 36 और वॉरहेड तैनात किए हैं।
ii.फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद रूस और अमेरिका की ओर से परमाणु बलों के संबंध में पारदर्शिता कम हो गई है।
iii. UK ने अपने वॉरहेड भंडार को 225 से बढ़ाकर 260 करने की योजना बनाई है, जबकि फ्रांस ने 2023 में नए परमाणु प्रणाली विकसित किए हैं। इसमें तीसरी पीढ़ी की परमाणु ऊर्जा से चलने वाली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी और एक नई हवा से लॉन्च की जाने वाली क्रूज मिसाइल शामिल है। उत्तर कोरिया अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अपने सैन्य परमाणु कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
ICAN रिपोर्ट: वैश्विक परमाणु खर्च में 13% की वृद्धि हुई; USA सबसे आगे
इंटरनेशनल कैंपेन टू अबोलिश नुक्लिअर वेपन्स (ICAN) रिपोर्ट के अनुसार, परमाणु हथियारों पर वैश्विक खर्च 2023 के दौरान 13% बढ़कर रिकॉर्ड 91.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है। यह 2022 के दौरान वैश्विक खर्च से 10.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर अधिक है।
- 91.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का वैश्विक खर्च 2,898 अमेरिकी डॉलर प्रति सेकंड के बराबर है।
परमाणु-सशस्त्र देशों द्वारा खर्च का विवरण:
i.USA ने 51.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के खर्च के साथ परमाणु हथियारों में बढ़े हुए निवेश का 80% हिस्सा लिया।
ii.11.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल खर्च के साथ, चीन दूसरा सबसे बड़ा खर्च करने वाला देश बन गया है, उसके बाद 8.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल खर्च के साथ रूस तीसरे स्थान पर; यूनाइटेड किंगडम (UK) चौथे स्थान पर (8.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर) और फ्रांस 5वें स्थान पर (6.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर) है।
iii.भारत 2.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल परमाणु खर्च के साथ छठे स्थान पर है, उसके बाद इज़राइल (1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर); पाकिस्तान (1.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर) और उत्तर कोरिया (0.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का स्थान है।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के बारे में:
SIPRI एक स्वतंत्र इंटरनेशनल इंस्टीट्यूटहै जो संघर्ष, आयुध, हथियार नियंत्रण और निरस्त्रीकरण पर शोध पर ध्यान केंद्रित करता है।
निदेशक- डैन स्मिथ
मुख्यालय- सोलना, स्टॉकहोम, स्वीडन
स्थापना- 1966
इंटरनेशनल कैंपेन टू अबोलिश नुक्लिअर वेपन्स (ICAN) के बारे में:
ICAN 2007 में मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया में शुरू किया गया परमाणु हथियारों को कलंकित करने, प्रतिबंधित करने और खत्म करने का इंटरनेशनल अभियान है।
यह गैर-सरकारी संगठनों का एक गठबंधन है जो परमाणु हथियारों के निषेध पर संयुक्त राष्ट्र संधि के पालन और कार्यान्वयन को बढ़ावा देता है।
कार्यकारी निदेशक- मेलिसा पार्के
मुख्यालय- जिनेवा, स्विटजरलैंड