मार्च 2025 में, मुंबई (महाराष्ट्र) स्थित भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने मासिक बुलेटिन में ‘चेंजिंग डायनामिक्स ऑफ इंडिया’स रेमिटेंसेज़: इनसाइट्स फ्रॉम द सिक्स्थ राउंड ऑफ इंडिया’स रेमिटेंसेज़ सर्वे’ शीर्षक से एक पेपर प्रकाशित किया। भारत के प्रेषण सर्वे के 6वें दौर के परिणामों के अनुसार, भारत के आवक प्रेषण पैटर्न में धीरे-धीरे बदलाव आया है क्योंकि उन्नत अर्थव्यवस्थाओं (AE) ने भारत में प्रेषण के प्रमुख स्रोत के रूप में खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) देशों की जगह ले ली है।
- RBI के सर्वे के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका (USA); सिंगापुर; कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे AE ने वित्तीय वर्ष 2023-24 (FY24) में भारत के प्रेषण का 50% से अधिक हिस्सा लिया। यह एक कुशल भारतीय प्रवासी की ओर प्रवास पैटर्न में बदलाव को दर्शाता है।
RBI के सर्वे के बारे में:
i.सर्वे में 30 अधिकृत डीलर (AD) बैंकों से प्राप्त प्रतिक्रियाएं शामिल हैं, जिसमें कुल आवक प्रेषण के 99% मूल्य, 2 प्रमुख मनी ट्रांसफर ऑपरेटर (MTO) और 2 सीमा पार फिनटेक कंपनियों को शामिल किया गया है।
ii.यह पेपर RBI के आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग (DEPR) के अधिकारियों द्वारा लिखा गया था।
मुख्य निष्कर्ष:
i.FY24 में प्राप्त कुल धन-प्रेषण: सर्वे से पता चला है कि भारत का आवक धन-प्रेषण दोगुने से अधिक बढ़ गया है, जो 55.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर (2010-11 में) से बढ़कर 118.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (2023-24 में) हो गया है, जो कोविड-10 के बाद 14.3% की वार्षिक औसत दर से बढ़ रहा है।
ii.FY24 में भारत के धन-प्रेषण के लिए शीर्ष स्रोत देश: USA धन-प्रेषण का सबसे बड़ा स्रोत बनकर उभरा, जो FY24 में भारत में कुल आवक धन-प्रेषण का 27.7% था, जो FY21 में 23.4% से बढ़ा है।
- इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (UAE) है जिसने भारत के धन-प्रेषण के दूसरे सबसे बड़े स्रोत के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा है। UAE का हिस्सा 18% (FY21) से मामूली रूप से बढ़कर 19.2% (FY24) हो गया है।
iii.AE की हिस्सेदारी में वृद्धि: सर्वे से पता चला है कि यूनाइटेड किंगडम (UK) की हिस्सेदारी 6.8% (FY21 में) से बढ़कर 10.8% (FY24 में) हो गई है, जो 2021 में भारत और UK के बीच ‘प्रवास और गतिशीलता साझेदारी’ के कारण हो सकता है।
- जबकि अन्य AE की हिस्सेदारी: सिंगापुर (6.6%), कनाडा (3.8%), और ऑस्ट्रेलिया (2.3%)।
iii.GCC देशों की हिस्सेदारी: GCC देशों जैसे: UAE, सऊदी अरब, कुवैत, कतर, ओमान और बहरीन की संयुक्त हिस्सेदारी FY24 में 38% रही, जबकि FY17 में यह 47% दर्ज की गई थी।
iv.प्रेषण का राज्यवार वितरण: सभी भारतीय राज्यों में, महाराष्ट्र को प्रेषण का सबसे बड़ा हिस्सा प्राप्त हुआ, जो FY24 में 20.5% था; इसके बाद केरल (19.7%), तमिलनाडु (TN) (10.4%), तेलंगाना (8.1%); और कर्नाटक (7.7%) का स्थान रहा।
v.अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों में भारत की हिस्सेदारी में वृद्धि: अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों में भारत की हिस्सेदारी 6.6 मिलियन (1990 में) से तीन गुना बढ़कर 18.5 मिलियन (2024 में) हो गई है, इसके साथ ही, इसी अवधि के दौरान अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों में इसकी हिस्सेदारी 4.3% से बढ़कर 6% से अधिक हो गई है।
रिपोर्ट से पता चला है कि GCC राष्ट्रों में कुल भारतीय प्रवासियों का लगभग 50% हिस्सा है।
साथ ही, UAE भारतीय प्रवासी श्रमिकों का सबसे बड़ा केंद्र है, जो मुख्य रूप से निर्माण के प्रमुख क्षेत्रों में ब्लू-कॉलर नौकरियों में लगे हुए हैं, इसके बाद स्वास्थ्य सेवा, आतिथ्य और पर्यटन का स्थान है।
अन्य मुख्य बिंदु:
i.सर्वे ने इस बात पर प्रकाश डाला कि लेनदेन के मूल्य के संदर्भ में प्रेषण, 5 लाख रुपये से अधिक की राशि का FY24 में लगभग 29% का उच्चतम हिस्सा था।
ii.RBI के सर्वे के अनुसार, FY24 के दौरान एमटीओ द्वारा प्राप्त कुल प्रेषण का औसतन 73.5% डिजिटल मोड के माध्यम से था।
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