नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने अक्टूबर-दिसंबर 2023 (Q3FY24) के लिए अपना 21वां त्रैमासिक पेरियोडिक लेबर फाॅर्स सर्वे (PLFS) बुलेटिन जारी किया।
- इसके अनुसार, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (CWS) के संदर्भ में भारत की अर्बन अनएम्प्लॉयमेंट रेट (UR) Q3FY24 के दौरान घटकर 6.5% हो गई, जो 4 वर्षों में सबसे निचला स्तर है।
- यह Q2FY24 में 6.6% और Q3FY23 में 7.2% थी।
- Q2FY22 (Q1FY22) की कोविड-प्रभावित अप्रैल-जून तिमाही में यह 12.6% के उच्च स्तर पर दर्ज किया गया था।
आकलन:
Q3FY24 के दौरान कुल 5,697 FSU- प्रथम चरण इकाई (UFS- अर्बन फ्रेम सर्वे ब्लॉक्स) का सर्वे किया गया है। अर्बन क्षेत्रों में सर्वे किए गए अर्बन परिवारों की संख्या 44,544 थी और सर्वे किए गए व्यक्तियों की संख्या 1,69,209 थी।
Q3FY24 में अर्बन क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख आंकड़े:
i.पुरुष आबादी के बीच CWS में UR Q3FY23 में 6.5% की तुलना में घटकर 5.8% (Q3FY24) हो गया।
- महिलाओं में CWS में UR में भी Q3FY24 के दौरान Q3FY23 में 9.6% से घटकर 8.6% हो गई।
ii.अखिल भारतीय स्तर पर, CWS में लेबर फाॅर्स पार्टिसिपेशन रेट (LFPR) Q3FY23 में 48.2% से बढ़कर 49.9% (Q3FY24) हो गई।
- पुरुष के लिए, यह Q3FY23 में 73.3% की तुलना में लगभग 74.1% था।
- महिलाओं के लिए, LFPR Q3FY23 में 22.3% से बढ़कर 25% हो गया।
iii.अखिल भारतीय स्तर पर, CWS में वर्कर पापुलेशन रेश्यो (WPR-% में) Q3FY23 में 44.7% से बढ़कर 46.6% हो गया।
- पुरुष के लिए, यह Q3FY23 में 68.6% से बढ़कर 69.8% हो गया।
- महिलाओं के लिए, यह Q3FY23 में 20.2% से बढ़कर 22.9% हो गई।
प्रमुख बिंदु:
i.काम के प्रति उत्साह बढ़ने से पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए नौकरी के बेहतर अवसर पैदा हुए।
ii.Q3FY24 में अर्बन क्षेत्रों में वेतनभोगी नौकरी की हिस्सेदारी पुरुषों के लिए 47.3% और महिलाओं के लिए 53% तक बढ़ गई।
- कुल मिलाकर, यह 48.7% है।
iii.अर्बन क्षेत्रों में सेल्फ-एम्प्लॉयमेंट भी बढ़कर 40.6% हो गया। यह पुरुष के लिए 40.6% और महिला के लिए 40.3% है।
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पेरियोडिक लेबर फाॅर्स सर्वे (PLFS) के बारे में:
इसे 2017 में NSSO द्वारा निम्नलिखित दो उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लॉन्च किया गया था:
- केवल ‘वर्तमान साप्ताहिक स्थिति’ (CWS) में अर्बन क्षेत्रों के लिए तीन महीने (त्रैमासिक) के अल्प समय अंतराल में प्रमुख एम्प्लॉयमेंट और अनएम्प्लॉयमेंट इंडीकेटर्स (जैसे वर्कर पॉपुलेशन रेश्यो, लेबर फाॅर्स पार्टिसिपेशन रेट, अनएम्प्लॉयमेंट रेट) का अनुमान लगाना।
- वार्षिक रूप से ग्रामीण और अर्बन दोनों क्षेत्रों में ‘सामान्य स्थिति’ और CWS दोनों में एम्प्लॉयमेंट और अनएम्प्लॉयमेंट इंडीकेटर्स का अनुमान लगाना।
मुख्य परिभाषाएँ:
UR: इसे लेबर फाॅर्स के बीच अनएम्प्लॉयइड व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है।
LFPR: इसे जनसंख्या में लेबर फाॅर्स (यानी काम करने वाले या काम की तलाश करने वाले या उपलब्ध) व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है।
WPR: इसे जनसंख्या में नियोजित व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है।
CWS: सर्वे की तारीख से पहले पिछले 7 दिनों की संदर्भ अवधि के आधार पर निर्धारित गतिविधि स्थिति को व्यक्ति की वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (CWS) के रूप में जाना जाता है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के बारे में:
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)– राव इंद्रजीत सिंह (निर्वाचन क्षेत्र-गुरुग्राम, हरियाणा)
सचिव– डॉ. G P सामंत