राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की 11वीं तकनीकी समिति ने तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य और गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के संयुक्त क्षेत्रों को छत्तीसगढ़ का चौथा टाइगर रिजर्व घोषित करने के छत्तीसगढ़ सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
- इस प्रस्ताव को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38V(1) के अंतर्गत अनुमोदित किया गया था, जिसमें कहा गया है कि “राज्य सरकार, बाघ संरक्षण प्राधिकरण की सिफारिशों पर, एक क्षेत्र को बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित करेगी”।
छत्तीसगढ़ के अन्य बाघ अभयारण्य उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व, इंद्रावती टाइगर रिजर्व और अमरकंटक-अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य हैं।
इन नए टाइगर रिजर्व के बारे में:
i.नया बाघ अभयारण्य झारखंड और मध्य प्रदेश की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में स्थित है।
ii.नए टाइगर रिजर्व में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के 1440 वर्ग किमी और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य के 608.5 वर्ग किमी के क्षेत्र को शामिल किया गया है।
iii.गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया जिले में है और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में है।
नए टाइगर रिजर्व का महत्व:
i.नया टाइगर रिजर्व झारखंड और मध्य प्रदेश को जोड़ेगा और बाघों को बांधवगढ़ और पलामू टाइगर रिजर्व के बीच आने-जाने के लिए एक गलियारा प्रदान करेगा।
ii.गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान भारत में एशियाई चीतों का अंतिम ज्ञात निवास स्थान है।
iii.गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान जो संजय दुबरी राष्ट्रीय उद्यान का एक हिस्सा था, 2001 में राज्य के गठन के बाद छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र में एक अलग इकाई के रूप में बनाया गया था।
छत्तीसगढ़ के बारे में:
मुख्यमंत्री– भूपेश बघेल
हवाई अड्डे– स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा; जगदलपुर हवाई अड्डा
त्यौहार– मडई महोत्सव; नारायणपुर मेला; भोरमदेव महोत्सव