26 जून 2024 को, इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ISRO) की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) ने स्पेस मशीन्स कंपनी, एक ऑस्ट्रेलियन-इंडियन इन-स्पेस सर्विसिंग फर्म के साथ एक लॉन्च सेवा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत 450 kg वजनी दूसरा ऑप्टिमस स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया जाएगा, जो अब तक का सबसे बड़ा ऑस्ट्रेलियन-डिज़ाइन और निर्मित स्पेसक्राफ्ट है।
नोट:
i.दूसरा ऑप्टिमस स्पेसक्राफ्ट 2026 में NSIL के स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) पर लॉन्च किया जाएगा।
ii.स्पेस MAITRI (मिशन फॉर ऑस्ट्रेलिया-इंडियास टेक्नोलॉजी, रिसर्च एंड इनोवेशन) नामक यह मिशन स्पेस क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
प्रमुख लोग: दिल्ली में आयोजित तीसरे इंडिया स्पेस कांग्रेस (ISC 2024) के उद्घाटन के दौरान स्पेस मशीन कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और सह-संस्थापक रजत कुलश्रेष्ठ और NSIL के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (CMD) राधाकृष्णन दुरईराज ने लॉन्च सेवा समझौते पर हस्ताक्षर की घोषणा की।
स्पेस MAITRI मिशन के बारे में:
i.स्पेस MAITRI मिशन का उद्देश्य पृथ्वी के चारों ओर स्पेस में मलबे के बढ़ते स्तर की समस्या का समाधान करना है, जो भविष्य के स्पेस उपक्रमों और अंतरिक्ष यात्री सुरक्षा दोनों के लिए बहुत बड़ा खतरा है और इसका उद्देश्य स्पेस गतिविधियों की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करते हुए स्पेस सेवाओं में क्रांति लाना भी है।
ii.अप्रैल 2024 में, स्पेस मशीन कंपनी ने घोषणा की कि ऑस्ट्रेलिया सरकार अपने अंतर्राष्ट्रीय स्पेस निवेश भारत परियोजनाओं (ISI इंडिया प्रोजेक्ट्स) कार्यक्रम के माध्यम से 8.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
iii.इस मिशन में विभिन्न भारतीय और ऑस्ट्रेलियन कंपनियों जैसे: तेलंगाना (हैदराबाद स्थित) अनंत टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (ATL), दिगंतरा, एक इंडियन एयरोस्पेस कंपनी, द यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिडनी, द यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी, ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टिट्यूट (ASPI) के साथ सहयोग शामिल है।
SSLV के बारे में:
i.यह ISRO द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया 6वां लॉन्च यान है जिसका अनुमानित बजट 56 करोड़ रुपये है।
ii.यह 34 मीटर (m) लंबा, 2 मीटर व्यास वाला वाहन है जिसका वजन लगभग 120 टन है और यह “लॉन्च-ऑन-डिमांड” आधार पर 500 kg तक के सैटेलाइट्स को LEO पर लॉन्च कर सकता है।
NSIL ने ऑस्ट्रेलिया सरकार के साथ 18 मिलियन अमेरिकी डॉलर का समझौता किया:
ऑस्ट्रेलिया सरकार ने भारतीय धरती से ऑस्ट्रेलियन सैटेलाइट्स को कक्षा में प्रक्षेपित करने के लिए NSIL के साथ 18 मिलियन अमेरिकी डॉलर के समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
साझेदारी के बारे में
i.इस MoU के तहत, स्पेस मशीन्स 2026 में ISRO के SSLV पर एक सैटेलाइट इंस्पेक्शन एंड ओब्सर्वेशन पेलोड लॉन्च करेगी।
ii.इस साझेदारी में भारत की निजी स्पेस अर्थव्यवस्था के हितधारक शामिल हैं, जिसमें घरेलू स्पेस-इंजीनियरिंग फर्म अनंत टेक्नोलॉजीज शामिल है, जिसने ISRO को घटक और इंजीनियरिंग सेवाएँ प्रदान की हैं।
ISC 2024 के बारे में:
वार्षिक ISC का तीसरा संस्करण 26 से 28 जून 2024 तक नई दिल्ली, दिल्ली में सैटकॉम इंडस्ट्री एसोसिएशन (SIA)-भारत द्वारा आयोजित किया गया था।
- ISC 2024 का विषय: “स्पेस इनोवेशन: ब्रिजिंग बाउंडरीज़ एंड ट्रांसफॉर्मिंग टुमारो”।
- इस कार्यक्रम में 300 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय स्पेस संगठनों और 30 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
प्रमुख लोग: इस कार्यक्रम में प्रमुख गणमान्य व्यक्ति जैसे: फिलिप ग्रीन OAM, भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त, पवन कुमार गोयनका, अध्यक्ष, इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथोराइजेशन सेंटर (IN-SPACe), श्रीधर पणिक्कर सोमनाथ, अध्यक्ष, ISRO, अन्य शामिल हुए।
न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के बारे में:
यह केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम (CPSE) है जो डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस (DoS) के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करता है।
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक– राधाकृष्णन दुरैराज
मुख्यालय– बेंगलुरु, कर्नाटक
स्थापना– 2019