9-14 दिसंबर, 2021 को, भारत जल प्रभाव शिखर सम्मेलन (IWIS) 2021 के छठे संस्करण का आयोजन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) और सेंटर फॉर गंगा रिवर बेसिन मैनेजमेंट एंड स्टडीज(c-Ganga) द्वारा हाइब्रिड मोड में किया गया था। भौतिक रूप से यह NMCG कार्यालय, नई दिल्ली और IIT (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान), कानपुर, उत्तर प्रदेश में आयोजित किया गया था।
- यह 5 दिवसीय कार्यक्रम ‘नदी संसाधन आवंटन- क्षेत्रीय स्तर पर योजना और प्रबंधन‘ पर आधारित था।
- इसका उद्घाटन केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जल शक्ति मंत्रालय (MoJS) ने राजीव रंजन मिश्रा, महानिदेशक NMCG और डॉ विनोद तारे, संस्थापक प्रमुख, c-Ganga के साथ किया।
- इसमें दुनिया भर के वैज्ञानिक समुदाय के विशेषज्ञों की भागीदारी देखी गई।
प्रमुख बिंदु:
i.इस वर्ष, शिखर सम्मेलन ने प्रतिभागियों को भारत में सभी नदियों और जल क्षेत्र की जटिलताओं और प्रबंधन के बारे में जानकारी दी।
- इस संबंध में, IWIS ने चुनिंदा गंगा बेसिन राज्यों, अर्थात् दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के संदर्भ में अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में छोटे और बड़े हितधारकों की भागीदारी को आमंत्रित किया।
ii.शिखर सम्मेलन ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी व नीति, वित्त व अर्थशास्त्र, प्रौद्योगिकी व नवाचार, नीति, कानून और शासन और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर सत्रों की मेजबानी की।
iii.IWIS 2021 का अंतर्राष्ट्रीय फोकस यूरोपीय संघ (EU), डेनमार्क, नीदरलैंड, नॉर्वे, US (संयुक्त राज्य अमेरिका), UK (यूनाइटेड किंगडम), ऑस्ट्रेलिया और BRICS(ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों के साथ सहयोग पर था।
समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर:
IWIS ने निम्नलिखित समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए:
i.NMCG और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR), नई दिल्ली के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके अंतर्गत दोनों संगठन भारत में नदियों के कायाकल्प के लिए अनुसंधान और ज्ञान उत्पादन गतिविधियों में मिलकर काम करेंगे।
ii.पानी और पर्यावरण क्षेत्र में 21वीं सदी के बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए c-Ganga और ब्रिटिश वाटर के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए।
iii.ज्ञान साझा करने को प्रोत्साहित करने और गंगा नदी बेसिन बहाली और संरक्षण कार्यक्रम में हंगरी के उद्योग की भागीदारी बढ़ाने के लिए इनोवेशन सेंटर डेनमार्क और UPS हंगरी के साथ दो समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं।
iv.कीचड़ प्रबंधन ढांचे के विकास के लिए C-गंगा और नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट ऑफ बायोइकोनॉमी रिसर्च (NIBIO) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए।
लोकार्पण:
इस आयोजन के दौरान चार महत्वपूर्ण लोकार्पण का शुभारंभ किया गया, जैसे ‘उत्तराखंड रिवर एटलस’; ‘अलकनंदा और भागीरथी नदी बेसिन एटलस’; ‘यमुना नदी बेसिन एटलस’ और ‘समर्थ गंगा रिपोर्ट’।
हाल के संबंधित समाचार:
MoJS छह लाख से अधिक गांवों में जल जीवन मिशन (JJM) के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए सेंसर-आधारित IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) उपकरणों को तैनात करने के लिए तैयार है। इसके साथ, इसका उद्देश्य गांवों में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति प्रणालियों की निगरानी करना है।
जल शक्ति मंत्रालय (MoJS) के बारे में:
केंद्रीय मंत्री– गजेंद्र सिंह शेखावत (निर्वाचन क्षेत्र- जोधपुर, राजस्थान)
राज्य मंत्री (MoS)– प्रहलाद सिंह पटेल (निर्वाचन क्षेत्र- दमोह, मध्य प्रदेश); बिश्वेश्वर टुडू (निर्वाचन क्षेत्र- मयूरभंज, ओडिशा)