30 जुलाई 2021 को, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह, मिनिस्ट्री ऑफ़ साइंस & टेक्नोलॉजी ने डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी (DBT), मिनिस्ट्री ऑफ़ साइंस & टेक्नोलॉजी द्वारा विकसित ‘बायोटेक-PRIDE(प्रमोशन ऑफ़ रिसर्च एंड इनोवेशन थ्रू डेटा एक्सचेंज) दिशानिर्देश’ जारी किया।
- इन दिशानिर्देशों को इंडियन बायोलॉजिकल डेटा सेंटर(IBDC) के माध्यम से DBT द्वारा समर्थित क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र में लागू किया जाएगा।
- मंत्री ने IBDC की वेबसाइट भी लॉन्च की।
- बायोटेक-PRIDE DBT द्वारा अपनी तरह का पहला है।
प्रमुख बिंदु:
i.दिशानिर्देशों का उद्देश्य विभिन्न अनुसंधान समूहों में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए देश भर में जैविक ज्ञान, सूचना और डेटा को साझा करने की सुविधा के लिए एक अच्छी तरह से परिभाषित ढांचा प्रदान करना है।
ii.अन्य मौजूदा डेटा केंद्रों को इस IBDC से जोड़ा जाएगा जिसे बायो-ग्रिड कहा जाएगा।
- बायो-ग्रिड जैविक ज्ञान, सूचना और डेटा के लिए एक ‘राष्ट्रीय भंडार‘ होगा। यह अपने एक्सचेंज को सक्षम करने, डाटासेट के लिए सुरक्षा, मानकों और गुणवत्ता के लिए उपाय विकसित करने और डेटा तक पहुंचने के लिए विस्तृत तौर-तरीके स्थापित करने के लिए जिम्मेदार होगा।
iii.ये दिशानिर्देश अनुसंधान पर संसाधनों के दोहराव और फिजूलखर्ची से भी बचेंगे।
iv.विशेष रूप से, भारत जैविक डेटाबेस में योगदान करने वाले शीर्ष 20 देशों में चौथे स्थान पर है।
हाल के संबंधित समाचार:
DBT ने अपने मिशन कार्यक्रम ‘बायोटेक-कृषि इनोवेशन साइंस एप्लीकेशन नेटवर्क (बायोटेक-किसान)’ के तहत नार्थ ईस्ट रीजन (NER) के किसानों के लिए एक विशेष कॉल जारी की। इसका उद्देश्य NER किसानों की स्थानीय समस्याओं को समझना और उन्हें हल करने के लिए वैज्ञानिक समाधान प्रदान करना है।
डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी (DBT) के बारे में:
स्थापना- 1986, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत
सचिव– डॉ रेणु स्वरूप
मुख्यालय– नई दिल्ली